जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एशियाटिक शेर जीएस के साथ शेरनी तारा का जोड़ा बनेगा. जोधपुर से 10 घंटे का सफर तय करके जीएस नामक शेर बुधवार अल सुबह जयपुर पहुंचा है. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में 9 वर्ष के शेर जीएस को जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क से जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है.
वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक शेर जीएस को क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा. फरवरी अंत तक शेर को तारा के साथ छोड़ा जाएगा. लॉयन सफारी की शान माने जाने वाली शेरनी तारा को नया पार्टनर मिल जाएगा. 6 महीने ब्रीड लोन पर शेर को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया है. शेरनी तारा और शेर जीएस का जोड़ा बनने से प्रजनन की उम्मीद है. इससे नाहरगढ़ पार्क में शेरों का कुनबा बढ़ेगा. लॉयन सफारी में शेर और शेरनी का जोड़ा पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. शेर जीएस को विशेष निगरानी में जोधपुर से जयपुर लाया गया है.
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हड़ताल के चलते वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण भगवान भरोसे- प्रदेशभर के वन विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. राजधानी जयपुर समेत सभी जिलों में कर्मचारी धरने पर बैठकर आंदोलन कर रहे हैं. 15 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के चलते वन विभाग के कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं. वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीएन पांडे ने सभी मुख्य वन संरक्षकों और उप वन संरक्षकों को पत्र लिखकर वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही वन सुरक्षा प्रबंध समिति, पारिस्थितिकीय विकास समिति, गैर सरकारी संस्थाओं और जन सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं.
टाइगर रिजर्व और सेंचुरीज पर ताला लगाने की चेतावनी- अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे वन विभाग के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सुनवाई नहीं की गई तो प्रदेश भर के सभी टाइगर रिजर्व और सेंचुरीज पर ताला लगाया जाएगा. विभागीय कर्मचारियों ने अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर राष्ट्रीय उद्यान में सफारी पार्क बंद करने का निर्णय लिया है. रणथंभौर, सरिस्का, झालाना, माचिया बायोलॉजिकल पार्क, जैसलमेर, उदयपुर, माउंट आबू, ताल छापर अभ्यारण समेत अन्य सेंचुरिज बंद किए जाएंगे. वन विभाग के कर्मचारियों के आंदोलन के चलते वन और वन्यजीव सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है.