बस्सी (जयपुर). बस्सी क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और साथिन महिलाओं ने अपनी मानदेय वृद्धि को लेकर उपखंड कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार प्रेम राज मीणा को ज्ञापन दिया. ज्ञापन में बताया कि इस बजट में आंगनबाड़ी कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि नहीं होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है. आंगनबाड़ी कर्मियों ने मानदेय वृद्धि के लिए राज्य सरकार से कई बार निवेदन किया. जिसके बाद राज्य सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र 2018 में इसे स्वीकार भी किया. लेकिन कोई भी परिणाम नहीं आया.
इस दौरान महिलाओं ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मेहनत का पैसा चाहते हैं. इस दौरान सभी आंगनबाड़ी कर्मियों ने 2021 का बजट का विरोध किया. उन्होंने बताया कि यह बजट महिला हित में नहीं है. साथ ही कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं का लगभग 40 वर्षों से सरकार शोषण कर रही है. सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी तक देना नहीं चाहती.
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आंगनबाड़ी कार्मिकों ने मानदेय 18000 रुपए प्रतिमाह करने, नियमितीकरण करने, आंगनबाड़ी केंद्र को नर्सरी पाठशाला का दर्जा देने, योग्यता और अनुभव रखने वाली आंगनबाड़ी कर्मियों को नर्सरी टीचर बनाने, महिला पर्यवेक्षक के पदों पर कार्यकर्ता के फार्म अनुभव और योग्यता के अनुसार पदोन्नति से भरने की मांग की है.
इस दौरान साथिनों ने भी अपनी मांगों को लेकर कहा कि साथिनों के मानदेय में वृद्धि करवाई जाए. साथिनों की पंचायत स्तर पर नियुक्त की जाए. इस दौरान महिलाएं हाथों में काली पट्टी बांधकर बस्सी चक से पैदल चलकर नारे लगाती हुई उपखण्ड कार्यालय पहुंची. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगें 7 दिन में पूरी नहीं हुईं तो वे हड़ताल करेंगी और अनशन पर बैठेंगी.