जयपुर. अमृत भारत स्टेशन योजना में उत्तर-पश्चिम रेलवे के 47 स्टेशनों को शामिल किया गया है, जिसमें 2400 करोड़ रुपये की लागत आएगी. उत्तर-पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण के मुताबिक भारतीय रेलवे आधुनिकरण की दिशा में और भारत सरकार के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. देशभर में रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित करने का काम किया जा रहा है. स्टेशनों के पुनर्विकास के तहत तीन स्टेशनों का काम पूरा हो गया है.
मध्य प्रदेश के रानी कमलापति स्टेशन, कर्नाटक के बेंगलुरु का सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल स्टेशन और गुजरात में गांधीनगर कैपिटल स्टेशन शामिल है. स्टेशनों पर यात्रियों के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई है. यात्रियों के सुगम आवागमन के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर के साथ वेटिंग रूम और रिटेल एरिया विकसित किया गया है. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल के 12 स्टेशन जयपुर, गांधीनगर जयपुर, फुलेरा, रेवाड़ी, बांदीकुई, अलवर, नरेना, सीकर, नारनौल, रींगस, झुंझुनू और आसलपुर जोबनेर स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करीब 1150 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है.
वहीं, बीकानेर मंडल के 10 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत करीब 200 करोड़ की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है. अजमेर मंडल के 10 स्टेशनों का 180 करोड़ रुपए की लागत से और जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों का 860 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है. अमृत भारत स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी. स्वच्छ और आधुनिक रेलवे स्टेशनों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, इससे आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा.
जयपुर स्टेशन पर 717 करोड़ रुपए, गांधीनगर जयपुर को 211 करोड़, जोधपुर को 494 करोड़, जैसलमेर को 140 करोड रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है. रेल रेलवे स्टेशनों पर आगमन और प्रस्थान प्लाजा, एग्जीक्यूटिव लाउंज, कॉनकोर्स एरिया, लिफ्ट और एस्केलेटर, फूड कोर्ट, शॉपिंग मॉल, कैफेटेरिया, प्ले एरिया, ग्रीन बिल्डिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन, बैगेज स्कैनर, कोच इंडिकेशन बोर्ड, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं समेत आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
इन रेलवे स्टेशनों पर लैंडस्केप के साथ सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार, टू व्हीलर फोर व्हीलर और ऑटो रिक्शा के लिए अलग-अलग पार्किंग सुविधा, यात्री क्षमता के अनुसार पर्याप्त क्षेत्र में प्रवेश हॉल का निर्माण, कोच इंडिकेशन बोर्ड का प्रावधान, वेटिंग रूम, स्टेशन बिल्डिंग के आंतरिक और बाहरी भाग में उत्कृष्ट साज-सज्जा, स्थानीय लोक कला से निर्माण, नए प्लेटफार्म शेल्टर, दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, बेहतर साइनेज की सुविधा, 12 मीटर चौड़ाई के फुट ओवर ब्रिज समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
कोटा मंडल के 19 स्टेशन होंगे अमृत भारत में स्कीम में Redevelop : कोटा रेल मंडल में 19 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत पुनर्विकास योजना में शामिल किया है, जिनमें करीब 700 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च होगी. लोगों के सुझाव के अनुसार ही कोटा रेल मंडल के स्टेशनों का आर्किटेक्चर राजस्थानी, मध्य प्रदेश और जैन शैली का रखा गया है. हर स्टेशन पर ज्यादातर एलिमेंट लोकल रखे गए हैं. इनमें दो स्टेशन कोटा जंक्शन और डकनिया तालाब को पहले ही स्टेशन रीडिवेलपमेंट योजना के तहत शुरू करवा दिया गया था. अब इन्हें भी अमृत भारत स्टेशन में शामिल किया गया है. इनमें से 14 स्टेशनों के कार्य का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त को करने वाले हैं. इनमें 654 करोड़ का खर्चा अपने किया जाएगा. इनमें सवाई माधोपुर, भरतपुर, रामगंजमंडी, बयाना, गंगापुर सिटी, भवानीमंडी, बारां, शामगढ़, छबड़ा गुगोर, हिंडौन सिटी, विक्रमगढ़ आलोट व श्री महावीरजी स्टेशन को शामिल किया है. जबकि गरोठ, चौमहला, बूंदी, शामगढ़ व मांडलगढ़ का शिलान्यास बाद में होगा.