जयपुर. राजधानी में शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे एंबुलेंस कर्मियों पर पुलिस का एक्शन देखने को मिला है. पुलिस ने हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों को शहीद स्मारक से हटा दिया है. बीती देर रात पुलिस का भारी जाप्ता शहीद स्मारक पर पहुंचा. पुलिसकर्मियों ने हड़ताल एंबुलेंस कर्मियों को बसों में भरकर शहीद स्मारक से दूसरे स्थान पर छोड़ दिया. 2 दिन पहले एंबुलेंस कर्मी शहीद स्मारक पर आए थे और धरना दे रहे थे.
एंबुलेंस कर्मियों के मुताबिक एंबुलेंस कर्मी पिछले करीब 7 दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. एंबुलेंस कर्मियों की मांग है कि ठेका प्रथा बंद करते हुए संविदा कैडर में शामिल किया जाए. सरकार से कई बार वार्ता होने के बावजूद भी कोई सहमति नहीं बन पाई. बुधवार को प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए एंबुलेंस कर्मियों को धरने से हटाने की कोशिश की, तो एंबुलेंस कर्मियों ने एंबुलेंसो के टायरों की हवा निकाल दी थी. एंबुलेंस कर्मी पहले सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के बाहर धरने पर बैठे हुए थे.
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दो दिन पहले शहीद स्मारक पर पहुंचे थे. लेकिन प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मियों को धरने से उठाकर बसों में डाल दिया. एंबुलेंस कर्मियों को शहीद स्मारक से दूसरे स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया. एंबुलेंस कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सूजाराम के मुताबिक ठेका कंपनी के तहत लगे होने के कारण 10 से 11000 रुपए मानदेय दिए जाते हैं. इतने से मानदेय में घर का खर्चा चलना भी मुश्किल है. एंबुलेंस कर्मचारी ने संविदा कैडर में शामिल करने की मांग की है.
पुलिस बल प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर धरना हटाने का काम कर रहा है. सरकार ने हमारी नहीं सुनी, तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा. प्रदेश में करीब 6200 एंबुलेंस कर्मी है. एंबुलेंस कर्मचारी मुख्य रूप से ठेका प्रथा को समाप्त करके एंबुलेंस कर्मियों को संविदा कर्मचारी मानदेय स्थायीकरण करने की मांग कर रहे हैं. राजस्थान में 108 सर्विसेज की कुल 741 एंबुलेंस हैं. 104 सर्विसेज की 286 एंबुलेंस है. सभी एंबुलेंस का चक्का जाम पड़ा हुआ है, जिससे मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.