जयपुर. राजस्थान में तीन दशकों से चली आ रही परंपरा एक बार फिर कायम रही. रविवार को 199 सीटों के आए नतीजों ने राजस्थान में चली आ रही रिवाज को बरकारार रखा और सत्ता का सिंहासन एक बार फिर बीजेपी को सौंप दिया. प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार आमेर विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. इस सीट को लेकर कहा जाता है कि परिसीमन के बाद यहां सत्ताधारी पार्टी से विधायक नहीं बना. इस बार जब भारतीय जनता पार्टी बहुमत में आई है, तो कांग्रेस से प्रशांत शर्मा ने जीत हासिल की है.
उन्होंने ईटीवी भारत से अपनी जीत से जुड़े मसलों पर विशेष बातचीत की. कांग्रेस से जीत कर विधायक बने प्रशांत शर्मा आमेर के लिए नए नहीं है. इसके पहले उनके पिता सहदेव शर्मा भी तीन बार आमेर से विधायक रह चुके हैं. साल 2018 के चुनाव में प्रशांत शर्मा को मिली हार का हिसाब इस बार सतीश पूनिया को हराकर ले लिया है.
हार के कारणों की तलाश जरूरी: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्रशांत शर्मा से प्रदेश में कांग्रेस की हार और रिवाज बदलने के दावे पर कहा कि पार्टी में हार के कारणों पर मंथन किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के आरोपों पर साफ-साफ कुछ नहीं कहा. प्रशांत शर्मा बोले की पार्टी को लोकतंत्र के महापर्व में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने पर आत्म विश्लेषण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी भी इस बारे में समय आने पर जल्द फैसला करेगी.
सतीश पूनिया की हार और ट्वीट पर कहीं यह बात: आमेर से विधायक प्रशांत शर्मा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की बेहद करीबी हैं, पार्टी के अंदर की मुखालफत को वह बेहतर तरीके से समझते हैं. यही कारण है कि उन्होंने इस सीट पर अपनी जीत को काफी महत्वपूर्ण बताया और पिता को यह जीत समर्पित की. उन्होंने कहा कि जनता के बीच में अपने पिता की राह पर चलकर उनके मसलों का समाधान करेंगे. लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है. इस दौरान अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी और भाजपा नेता सतीश पूनिया के सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर प्रशांत शर्मा ने जानकारी नहीं होने की बात कही और कहा कि पूनिया की भावुक पोस्ट उनका व्यक्तिगत विचार है, उन्होंने कहा कि आमेर की जनता ने उन्हें 5 साल सेवा करने के लिए चुना है.