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advocate protection bill: वकीलों ने मुख्यमंत्री व शांति धारीवाल का अभार जताया, एक माह बाद न्यायिक कार्य पर लौटेंगे - एक माह बाद न्यायिक कार्य पर लौटेंगे

राजस्थान विधानसभा में बहुप्रतीक्षित एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पास हो गया. इसके साथ ही वकीलों का गत 20 फरवरी से चल रहा न्यायिक कार्य बहिष्कार भी समाप्त हो गया. अब बुधवार से वकील नियमित रूप से न्यायिक कार्य करेंगे.

rajasthan advocate protection bill
एक माह बाद न्यायिक कार्य पर लौटेंगे वकील
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Published : Mar 21, 2023, 9:48 PM IST

जयपुर. प्रदेश के 1.20 लाख वकीलों की सुरक्षा वाले एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को विधानसभा में पारित करने के साथ ही वकीलों का गत 20 फरवरी चल रहा न्यायिक कार्य बहिष्कार भी खत्म हो गया. राजस्थान भी देशभर में पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां वकीलों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने कानून बनाया है.

बुधवार से वकील करेंगे न्यायिक कार्यः द बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष व संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि जयपुर व जोधपुर के पांचों मुख्य संयोजकों से हुई वार्ता के बाद वकीलों ने बुधवार से स्वैच्छिक तौर पर चल रहे न्यायिक कार्य बहिष्कार को वापस लेने का फैसला लिया है. वकील बुधवार से कोर्ट में नियमित तौर पर न्यायिक कार्य करेंगे. वहींं बिल पारित होने पर बीसीआर के चेयरमैन घनश्याम सिंह राठौड़, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र शांडिल्य व महासचिव बलराम वशिष्ठ, द डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष विवेक शर्मा व महासचिव गजराज सिंह राजावत और सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेंद्र जैन सहित अधिवक्ता शेरसिंह महला और विकास सोमानी ने सीएम अशोक गहलोत व विधि मंत्री शांति धारीवाल का आभार जताया है.

ये भी पढ़ेंः Rajasthan Vidhansabha: सदन में संगठित अपराध और एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल हुआ पेश, जानें क्या है इसमें सजा के प्रावधान

एएजी विभूति और पूर्व महासचिव की भूमिका रही प्रभावीः वकीलों के प्रोटेक्शन अधिनियम को धरातल पर आने में वैसे से वकील समुदाय लंबे समय से मांग रहा था और बीते एक माह से सभी अधिवक्ता न्यायिक बहिष्कार करते हुए प्रोटेक्शन कानून की मांग कर रहे थे, लेकिन कानून को पारित होने तक की यात्रा में अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा की प्रभावी भूमिका रही. प्रहलाद शर्मा ने हाईकोर्ट में इस संबंध मेंं जनहित याचिका दायर कर प्रोटेक्शन एक्ट की नींव तैयार की. जबकि एएजी विभूति भूषण शर्मा ने वकीलों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने में अपनी भूमिका निभाई.

दूसरी ओर जोधपुर से मिली खबर के अनुसार मंगलवार को विधानसभा में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने बाद संघर्ष समिति के पांचों संयोजकों ने मुख्यमंत्री व विधि मंत्री का आभार जताया. इसके साथ संघर्ष में एकजुट रहने वाले अधिवक्ताओं का भी आभार जताया गया. संघर्ष समिति के पांचों मुख्य संयोजक रणजीत जोशी,रवि भंसाली,महेंद्र शांडिल्य,कमल किशोर शर्मा व विवेक शर्मा ने एक्ट पारित होने पर सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि बुधवार से प्रदेश की अदालतों में धन्यवाद के साथ फिर से न्यायिक कार्यो में शामिल होंगे.

जयपुर. प्रदेश के 1.20 लाख वकीलों की सुरक्षा वाले एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को विधानसभा में पारित करने के साथ ही वकीलों का गत 20 फरवरी चल रहा न्यायिक कार्य बहिष्कार भी खत्म हो गया. राजस्थान भी देशभर में पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां वकीलों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने कानून बनाया है.

बुधवार से वकील करेंगे न्यायिक कार्यः द बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष व संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि जयपुर व जोधपुर के पांचों मुख्य संयोजकों से हुई वार्ता के बाद वकीलों ने बुधवार से स्वैच्छिक तौर पर चल रहे न्यायिक कार्य बहिष्कार को वापस लेने का फैसला लिया है. वकील बुधवार से कोर्ट में नियमित तौर पर न्यायिक कार्य करेंगे. वहींं बिल पारित होने पर बीसीआर के चेयरमैन घनश्याम सिंह राठौड़, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र शांडिल्य व महासचिव बलराम वशिष्ठ, द डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष विवेक शर्मा व महासचिव गजराज सिंह राजावत और सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेंद्र जैन सहित अधिवक्ता शेरसिंह महला और विकास सोमानी ने सीएम अशोक गहलोत व विधि मंत्री शांति धारीवाल का आभार जताया है.

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एएजी विभूति और पूर्व महासचिव की भूमिका रही प्रभावीः वकीलों के प्रोटेक्शन अधिनियम को धरातल पर आने में वैसे से वकील समुदाय लंबे समय से मांग रहा था और बीते एक माह से सभी अधिवक्ता न्यायिक बहिष्कार करते हुए प्रोटेक्शन कानून की मांग कर रहे थे, लेकिन कानून को पारित होने तक की यात्रा में अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा की प्रभावी भूमिका रही. प्रहलाद शर्मा ने हाईकोर्ट में इस संबंध मेंं जनहित याचिका दायर कर प्रोटेक्शन एक्ट की नींव तैयार की. जबकि एएजी विभूति भूषण शर्मा ने वकीलों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने में अपनी भूमिका निभाई.

दूसरी ओर जोधपुर से मिली खबर के अनुसार मंगलवार को विधानसभा में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने बाद संघर्ष समिति के पांचों संयोजकों ने मुख्यमंत्री व विधि मंत्री का आभार जताया. इसके साथ संघर्ष में एकजुट रहने वाले अधिवक्ताओं का भी आभार जताया गया. संघर्ष समिति के पांचों मुख्य संयोजक रणजीत जोशी,रवि भंसाली,महेंद्र शांडिल्य,कमल किशोर शर्मा व विवेक शर्मा ने एक्ट पारित होने पर सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि बुधवार से प्रदेश की अदालतों में धन्यवाद के साथ फिर से न्यायिक कार्यो में शामिल होंगे.

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