जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल की विभिन्न योजनाओं में आवंटित आवासीय, व्यवसायिक, संस्थानिक भूखंड पर भौतिक कब्जा लेने की 8 वर्ष की अवधि तक निर्माण कार्य पूरा नहीं करने वाले आवंटियों को प्रशासनिक शुल्क देना होगा.
आवंटियों को निर्माण करने के लिए भूखंड आवंटन लागत पर 1 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रशासनिक शुल्क जमा कराने के बाद 2 वर्ष का समय दिया जाएगा. जबकि 8 वर्ष से पुराने प्रकरणों में 2 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रशासनिक शुल्क लिया जाएगा. ऐसे प्रकरणों की स्वीकृति संबंधित उप आवासन आयुक्त देंगे.
इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बोर्ड के सभी कार्यालयों में निर्माण स्वीकृति बढ़ाने संबंधी मांग पत्रों का निस्तारण 28 फरवरी तक करने के निर्देश जारी किए. इनमें प्लिंथ स्तर और स्केलेटन आवास भी शामिल रहेंगे.
पढ़ें- Special : 'स्पर्श' के माध्यम से बच्चों को जागरूक कर रहे हैं राजस्थान के IAS नवीन जैन
अरोड़ा ने बताया कि संस्थागत भूखंडों के आवंटन द्वारा भौतिक कब्जा लेने की तिथि से 2 वर्ष की अवधि में भी निर्माण कार्य पूरा नहीं करने पर आवंटन के समय भूखंडों की आरक्षित दर का 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से विलंबित अवधि के लिए प्रशासनिक शुल्क वसूल किया जाएगा.
इसके लिये आगामी 5 वर्ष तक निर्माण की अवधि आवासन आयुक्त की ओर से बढ़ाई जाएगी. बढ़ी हुई अवधि में भी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने पर आवंटन निरस्तीकरण संबंधित कार्रवाई की जाएगी. सभी प्रकरणों में समय अवधि अभिवृद्धि संबंधी स्वीकृति पत्र में अनुमति जारी होने की तिथि से गणना करते हुए कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि भी अंकित की जाएगी. प्रशासनिक शुल्क की राशि मासिक आधार पर आनुपातिक रूप से वसूलनीय होगी और इसकी गणना अधूरे महीने को पूरा महीना मानते हुए की जाएगी.