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नशा मुक्ति केंद्र में बीड़ी नहीं देने पर कर्मचारी की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास

अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-8 महानगर द्वितीय ने बीड़ी (sentenced life imprisonment to the accused ) नहीं देने पर कर्मचारी की हत्या के मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Mar 31, 2023, 8:37 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-8 महानगर द्वितीय ने नशा मुक्ति केन्द्र में स्वयं की देखभाल करने वाले कर्मचारी की बीड़ी नहीं देने पर हत्या करने वाले मुंदजीर तेली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 14 जून 2019 को नवजीवन नशा मुक्ति केन्द्र के संस्था प्रधान स्टीफन ने करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि नशे के आदि मुंदजीर तेली को 11 जून को केन्द्र में भर्ती कराया गया था. केन्द्र के कर्मचारी बैंजामिन को मुंदजीर की देखभाल के लिए रात्रिकालीन ड्यूटी पर लगाया गया था. मुंदजीर ने 12 जून को बैंजामिन को नशा नहीं कराने पर जान से मारने की धमकी दी.

पढ़ेंः सीआई फूल मोहम्मद हत्याकांड मामला, 11 साल बाद 30 दोषियों को आजीवन कारावास

वहीं 13 जून को उसने बैंजामिन की तोलिये से गला घोंटकर हत्या कर दी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि अभियुक्त पर नशे का इस कदर भूत सवार था कि उसने एक बीड़ी नहीं देने पर बैंजामिन की हत्या कर दी. इसके बाद वह मृतक की अंगूठी और घड़ी निकालकर नशे की पूर्ति के लिए जा रहा था. वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि मामले में उसे फंसाया जा रहा है. नशा मुक्ति केन्द्र से बाहर निकलने का प्रयास करने के आधार पर ही उसे हत्या का दोषी नहीं माना जा सकता. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-8 महानगर द्वितीय ने नशा मुक्ति केन्द्र में स्वयं की देखभाल करने वाले कर्मचारी की बीड़ी नहीं देने पर हत्या करने वाले मुंदजीर तेली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 14 जून 2019 को नवजीवन नशा मुक्ति केन्द्र के संस्था प्रधान स्टीफन ने करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि नशे के आदि मुंदजीर तेली को 11 जून को केन्द्र में भर्ती कराया गया था. केन्द्र के कर्मचारी बैंजामिन को मुंदजीर की देखभाल के लिए रात्रिकालीन ड्यूटी पर लगाया गया था. मुंदजीर ने 12 जून को बैंजामिन को नशा नहीं कराने पर जान से मारने की धमकी दी.

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वहीं 13 जून को उसने बैंजामिन की तोलिये से गला घोंटकर हत्या कर दी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि अभियुक्त पर नशे का इस कदर भूत सवार था कि उसने एक बीड़ी नहीं देने पर बैंजामिन की हत्या कर दी. इसके बाद वह मृतक की अंगूठी और घड़ी निकालकर नशे की पूर्ति के लिए जा रहा था. वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि मामले में उसे फंसाया जा रहा है. नशा मुक्ति केन्द्र से बाहर निकलने का प्रयास करने के आधार पर ही उसे हत्या का दोषी नहीं माना जा सकता. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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