जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की सियासत में चर्चाओं का विषय बना IAS अफसर की ACR भरने के मामले में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सीएम गहलोत को निशाने पर लिया है. सोमवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा ने कहा कि DG की नियुक्ति से लेकर कांस्टेबल का तबादला तक (Power is Centralized in Rajasthan) सीएमआर से हो रहा है, तो आईएएस की एसीआर तो बहुत बड़ा मामला है. इस वक्त सत्ता में पॉवर सेंट्रलाइज्ड है.
पॉवर सिर्फ सीएम के पास : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि आईएएस अफसर की एसीआर भरने के मामले में जो प्रश्न आया है, वो प्रताप सिंह खाचरियावास की तरफ से आया है और उसके बाद से राजस्थान में इसको लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन राजस्थान में मेरी जानकारी के अनुसार पावर पूरी तरीके से सेंट्रलाइज है. जो डीजीपी की नियुक्ति करते हैं, वही कांस्टेबल का ट्रांसफर करते हैं. कांस्टेबल के ट्रांसफर के लिए भी मुख्यमंत्री निवास पर जाना पड़ता है, फिर किसकी एसीआर भरने की बात कर रहे हैं. मंत्रियों के अधिकारों पर गुढ़ा ने कहा कि मंत्री की पावर की क्या बात करते हैं, जब कांस्टेबल के ट्रांसफर में मुख्यमंत्री गहलोत की परमिशन या वही स्वयं करते हैं. गुढ़ा ने कहा कि पावर का विकेंद्रीकरण होना चाहिए, लेकिन इस सरकार में कोई पावर का विकेंद्रीकरण नहीं हो रहा है. सब कुछ एक ही जगह पर है.
IAS अफसर ACR पर मंत्री आमने-सामने : बता दें कि IAS अफसर ACR भरने के मामले को लेकर पिछले दिनों मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और मंत्री महेश जोशी आमने-सामने हो गए थे. मामला इस कदर बढ़ गया था कि प्रताप सिंह खाचरियावास ने महेश जोशी को चापलूस करार दिया था. दोनों मंत्रियों में इस बात को लेकर विरोधाभास था कि आईएएस अफसर की एससीआर विभाग का मंत्री को भरनी चाहिए.
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सबसे पहले मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने (Pratap Singh Demand Over ACR) इस बात पर सवाल उठाए थे कि मंत्रियों को उनके विभाग के आईएएस अफसर की एसीआर भरने की पावर देनी चाहिए. इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा था कि उनका कोई भी काम नहीं रुक रहा है. जरूरी नहीं है कि मंत्री आईएएस की एसीआर को भरें. दोनों मंत्रियों बीच में हुई इस बयानबाजी के बाद इस मामले में अब सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की भी एंट्री हो गई है.