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ACB Court Judgement: पटवारी और दलाल को 3 साल की सजा, सीमा ज्ञान की एवज में ली थी घूस - Corrupt patwari sentenced for 3 years

जयपुर एसीबी कोर्ट ने जून 2007 में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार तत्कालीन पटवारी और दलाल को 3 साल की सजा सुनाई (Patwari sent to 3 years jail in bribe case) है. कोर्ट ने दोनों पर 1 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

ACB court judgement in bribe case, Patwari and broker sentenced to 3 years of jail
ACB Court Judgement: पटवारी और दलाल को 3 साल की सजा, सीमा ज्ञान की एवज में ली थी घूस
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Published : Jan 21, 2023, 9:17 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 ने सीमा ज्ञान करने की एवज में रिश्वत लेने वाले तत्कालीन पटवारी प्रभु नारायण बैरवा और दलाल श्रीकृष्ण बैरवा को 3 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजपाल सिंह राठौड़ ने अदालत को बताया कि परिवादी रामराय मीणा ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि चाकसू में उसके परिजनों के नाम कृषि भूमि है. जिसकी सीमा ज्ञान कराने के लिए उसने तहसीलदार के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया था. इस पर तहसीलदार ने सीमा ज्ञान करने के लिए श्रीपुरा, चाकसू के पटवारी प्रभु नारायण को अधिकृत किया था.

पढ़ें: Judgement in Bribe case: रिश्वत लेने वाले अधिकारी को हुई जेल, 14 साल में आया फैसला

परिवादी ने जब पटवारी से बात की तो उसने सीमा ज्ञान कराने के एवज में 6 हजार रुपए मांगे और बाद में 5 हजार रुपए में सौदा तय हुआ. वहीं अभियुक्त ने 21 जून, 2007 को परिवादी को कोटखावदा स्थित ज्यूस की दुकान पर बुलाया. यहां अभियुक्त पटवारी ने परिवादी को रिश्वत राशि दलाल श्रीकृष्ण को देने को कहा. परिवादी की ओर से रुपए देने पर एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें: Alwar: रिश्वत के मामले में डिप्टी एसपी, रीडर और वकील को हुई सजा

बता दें कि हाल ही में अलवर में एसीबी कोर्ट ने 21 मई, 2008 को रिश्वत लेने के आरोप में एक सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार किए जाने के 14 साल बाद सजा सुनाई. कोर्ट ने राजस्थान वित्त निगम के भिवाड़ी शाखा के तत्कालीन उप प्रबंधक प्रदीप कुमार गोयल को 3 साल की सजा और 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. दरअसल, गोयल ने एक परिवादी के ऋण की स्वीकृति का चेक देने की एवज में 37 हजार की रिश्वत मांगी थी. गोयल ने बतौर एडवांस 7 हजार रुपए मांगे और 30 हजार बाद में देने की बात कही. एसीबी में शिकायत पर गोयल को एडवांस के 7 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 ने सीमा ज्ञान करने की एवज में रिश्वत लेने वाले तत्कालीन पटवारी प्रभु नारायण बैरवा और दलाल श्रीकृष्ण बैरवा को 3 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजपाल सिंह राठौड़ ने अदालत को बताया कि परिवादी रामराय मीणा ने एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि चाकसू में उसके परिजनों के नाम कृषि भूमि है. जिसकी सीमा ज्ञान कराने के लिए उसने तहसीलदार के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया था. इस पर तहसीलदार ने सीमा ज्ञान करने के लिए श्रीपुरा, चाकसू के पटवारी प्रभु नारायण को अधिकृत किया था.

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परिवादी ने जब पटवारी से बात की तो उसने सीमा ज्ञान कराने के एवज में 6 हजार रुपए मांगे और बाद में 5 हजार रुपए में सौदा तय हुआ. वहीं अभियुक्त ने 21 जून, 2007 को परिवादी को कोटखावदा स्थित ज्यूस की दुकान पर बुलाया. यहां अभियुक्त पटवारी ने परिवादी को रिश्वत राशि दलाल श्रीकृष्ण को देने को कहा. परिवादी की ओर से रुपए देने पर एसीबी ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

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बता दें कि हाल ही में अलवर में एसीबी कोर्ट ने 21 मई, 2008 को रिश्वत लेने के आरोप में एक सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार किए जाने के 14 साल बाद सजा सुनाई. कोर्ट ने राजस्थान वित्त निगम के भिवाड़ी शाखा के तत्कालीन उप प्रबंधक प्रदीप कुमार गोयल को 3 साल की सजा और 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. दरअसल, गोयल ने एक परिवादी के ऋण की स्वीकृति का चेक देने की एवज में 37 हजार की रिश्वत मांगी थी. गोयल ने बतौर एडवांस 7 हजार रुपए मांगे और 30 हजार बाद में देने की बात कही. एसीबी में शिकायत पर गोयल को एडवांस के 7 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

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