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ईओ और आरओ भर्ती में भ्रष्टाचार को लेकर आरपीएससी सदस्यों की भूमिका को लेकर करें जांच - एसीबी मामलों की विशेष अदालत

एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने एसीबी के डीजी को निर्देश दिए हैं कि वह ईओ और आरओ भर्ती में आरपीएससी सहित संबंधित संस्थागत लोक सेवकों की भूमिका की एएसपी स्तर या इससे उच्च स्तर के अधिकारी से जांच कराए.

ACB court asked to examine role of RPSC members
आरपीएससी सदस्यों की भूमिका को लेकर करें जांच
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 21, 2023, 9:04 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने एसीबी के डीजी को निर्देश दिए हैं कि वह ईओ और आरओ भर्ती में आरपीएससी सहित संबंधित संस्थागत लोक सेवकों की भूमिका की एएसपी स्तर या इससे उच्च स्तर के अधिकारी से जांच कराए. अदालत ने कहा कि एसीबी की भूमिका किसी से कम नहीं है, लेकिन इस मामले में जिस तरह के तथ्य निकलकर आये हैं और जिस तरह एसीबी ने स्टैंड लिया है, वह न तो संविधान की मूल आत्मा के अनुरूप है और ना ही पूर्व में अन्य मामलों में लिए अपने स्टैंड से मेल खाता है. अदालत ने कहा कि एक चौंकाने वाला तथ्य है कि गोपाल केशावत के घर तलाशी में मिले 2.84 लाख रुपए एसीबी ने मौके पर ही केशावत की पत्नी को वापस दे दिए. जबकि अमूमन एसीबी ऐसा नहीं करती है.

अदालत ने कहा कि मामले में यह निकलकर आया है कि आरपीएससी के कुछ सदस्यों के नाम से रिश्वत मांगी गई थी. जिसमें आरपीएससी सदस्यों सहित एक सुरजीतमल का नाम सामने आया है, लेकिन इनमें से किसी से कोई अनुसंधान नहीं किया गया. अभी मामले में एफएसएल से रिपोर्ट आकर अनुसंधान होना है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में आरोपी घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केशावत सहित अनिल कुमार धरेन्द्र, ब्रह्म प्रकाश और रविन्द्र शर्मा के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 7 व आईपीसी की धारा 120बी के तहत प्रसंज्ञान लिया है.

पढ़ें: नौकरी के नाम पर घूसखोरी : गोपाल केसावत घूस लेते गिरफ्तार, बीजेपी बोली सच्चाई कड़वी लेकिन इस सरकार में युवाओं का भविष्य बर्बाद

सुनवाई के दौरान परिवादी हरदीप सिंह ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले से आरपीएससी सदस्यों को क्लीन चिट देने का विरोध किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि मामले में आरपीएससी के सदस्य के नाम से 40 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी, लेकिन उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई और उन्हें जिस जांच अधिकारी ने ट्रैप कार्रवाई की थी, उसे हटा दिया गया. वहीं गोपाल केशावत की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि मामले में एसीबी ने भ्रष्टाचार का मामला नहीं माना है. इसलिए कार्रवाई को ड्राप किया जाए.

पढ़ें: RPSC Exam Bribe Case: ACB एडीजी ने आरपीएससी को दी क्लीन चिट, बोले- जांच में नहीं मिला कोई कनेक्शन

गौरतलब है कि सुंदर सिंह व हरदीप ने गत 7 जुलाई को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट बदल कर पास कराने की एवज में परिचित अनिल कुमार धरेन्द्र की ओर से रिश्वत मांगी जा रही है. अनिल कुमार ने 40 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिस पर एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 14 जुलाई को सीकर में परिवादी से 18.5 लाख रुपए लेते हुए अनिल कुमार व ब्रहमप्रकाश को गिरफ्तार किया था. वहीं एसीबी ने अपनी इस कार्रवाई को गोपनीय रखते हुए उसी दिन सीकर में ही अपने हिस्से की राशि लेते हुए रविन्द्र शर्मा को पकड़ा. इसके बाद एसीबी ने 15 जुलाई को गोपाल केसावत को गिरफ्तार किया था.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने एसीबी के डीजी को निर्देश दिए हैं कि वह ईओ और आरओ भर्ती में आरपीएससी सहित संबंधित संस्थागत लोक सेवकों की भूमिका की एएसपी स्तर या इससे उच्च स्तर के अधिकारी से जांच कराए. अदालत ने कहा कि एसीबी की भूमिका किसी से कम नहीं है, लेकिन इस मामले में जिस तरह के तथ्य निकलकर आये हैं और जिस तरह एसीबी ने स्टैंड लिया है, वह न तो संविधान की मूल आत्मा के अनुरूप है और ना ही पूर्व में अन्य मामलों में लिए अपने स्टैंड से मेल खाता है. अदालत ने कहा कि एक चौंकाने वाला तथ्य है कि गोपाल केशावत के घर तलाशी में मिले 2.84 लाख रुपए एसीबी ने मौके पर ही केशावत की पत्नी को वापस दे दिए. जबकि अमूमन एसीबी ऐसा नहीं करती है.

अदालत ने कहा कि मामले में यह निकलकर आया है कि आरपीएससी के कुछ सदस्यों के नाम से रिश्वत मांगी गई थी. जिसमें आरपीएससी सदस्यों सहित एक सुरजीतमल का नाम सामने आया है, लेकिन इनमें से किसी से कोई अनुसंधान नहीं किया गया. अभी मामले में एफएसएल से रिपोर्ट आकर अनुसंधान होना है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में आरोपी घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केशावत सहित अनिल कुमार धरेन्द्र, ब्रह्म प्रकाश और रविन्द्र शर्मा के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 7 व आईपीसी की धारा 120बी के तहत प्रसंज्ञान लिया है.

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सुनवाई के दौरान परिवादी हरदीप सिंह ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले से आरपीएससी सदस्यों को क्लीन चिट देने का विरोध किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि मामले में आरपीएससी के सदस्य के नाम से 40 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी, लेकिन उनसे कोई पूछताछ नहीं हुई और उन्हें जिस जांच अधिकारी ने ट्रैप कार्रवाई की थी, उसे हटा दिया गया. वहीं गोपाल केशावत की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि मामले में एसीबी ने भ्रष्टाचार का मामला नहीं माना है. इसलिए कार्रवाई को ड्राप किया जाए.

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गौरतलब है कि सुंदर सिंह व हरदीप ने गत 7 जुलाई को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट बदल कर पास कराने की एवज में परिचित अनिल कुमार धरेन्द्र की ओर से रिश्वत मांगी जा रही है. अनिल कुमार ने 40 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिस पर एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 14 जुलाई को सीकर में परिवादी से 18.5 लाख रुपए लेते हुए अनिल कुमार व ब्रहमप्रकाश को गिरफ्तार किया था. वहीं एसीबी ने अपनी इस कार्रवाई को गोपनीय रखते हुए उसी दिन सीकर में ही अपने हिस्से की राशि लेते हुए रविन्द्र शर्मा को पकड़ा. इसके बाद एसीबी ने 15 जुलाई को गोपाल केसावत को गिरफ्तार किया था.

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