जयपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर पुलिस प्रशासन की ओर से किए गए लाठीचार्ज में 11 छात्रों के चोटें आई हैं. छात्रों के खिलाफ पुलिस के साथ मारपीट, बिना अनुमति प्रदर्शन करने और राजकार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं. इसके बाद एबीवीपी ने अब पुलिस प्रशासन का यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रवेश वर्जित करने की मांग उठाई है. साथ ही राज्य सरकार से दुष्कर्म करने वाले दरिंदों को फांसी की सजा का प्रावधान वाला कानून लाने की मांग की है.
दरिंदों को फांसी की सजा हो : महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार और जोधपुर की घटना से एबीवीपी का नाम जोड़ने के विरोध में मंगलवार को छात्रों ने विरोध दर्ज कराते हुए प्रोटेस्ट किया था. इसी प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से छात्रों पर अंधाधुंध लाठीचार्ज किया गया. इसे लेकर अब संगठन के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद लाठीचार्ज से डरने वाली नहीं है. दलित जनजाति समाज की बहनों की रक्षा के लिए संघर्ष की लड़ाई लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि विधानसभा में ऐसा कानून लाया जाए, ताकि दुष्कर्म करने वाले दरिंदों को फांसी की सजा हो. शिक्षा के मंदिरों में जो ये घटनाएं हो रही हैं, उसे विद्यार्थी परिषद बर्दाश्त नहीं करेगी.
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आम छात्र को अपराधी बना रही पुलिस : उन्होंने पूर्व में यूडीएच मंत्री की ओर से दिए गए बयान को याद दिलाते हुए कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में एक मंत्री ये बयान देते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है. ये कैसी मानसिकता वाले लोग हैं, कैसा नैरेटिव राजस्थान के युवाओं के बीच में सेट करना चाहते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. होशियार ने कहा कि राजकार्य में बाधा जैसी गंभीर धाराओं में छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं. आम छात्र को अपराधी बनाने का काम पुलिस कर रही है.
शिक्षा के मंदिर में पुलिस हो बैन : उन्होंने प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत को इंगित करते हुए कहा कि वो खुद छात्र राजनीति से निकले हैं, लेकिन आज उनकी पुलिस छात्रों के खिलाफ संगीन धाराओं में मामले दर्ज कर रही है. पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था, और इस बार भी वो इसी रणनीति से काम कर रहे हैं. होशियार मीणा ने कहा कि लाठीचार्ज में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री से लेकर इकाई अध्यक्ष तक 11 छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं. छात्रों को लेकर पुलिस की मानसिकता अच्छी नहीं है. शिक्षा के मंदिर में पुलिस का आना बैन होना चाहिए.
पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करे : इकाई अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि करौली में दुष्कर्म की घटना हुई, जोधपुर में दुष्कर्म की घटना हुई, इन मुद्दों को लेकर एबीवीपी विधानसभा के बाहर तक जा पहुंची. एबीवीपी ने सरकार की नाक में दम किया हुआ है, इसलिए सरकार इन आंदोलनों को कुचलना चाहती है. छात्र संघ चुनाव और विधानसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए सरकार ने ये सब किया है. कार्यकर्ताओं के सिर में लाठियां मारी गई. कई के सिर फट गए, फ्रैक्चर हो गए. उन्होंने सवाल उठाया कि शिक्षा के मंदिर में पुलिस का क्या काम. जिन लोगों ने बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज किया है, ऐसे पुलिस अधिकारियों पर सरकार कार्रवाई करे.
राजनीतिक नहीं सामाजिक संगठन है एबीवीपी : गुरुवार को एनएसयूआई की ओर से एबीवीपी को बैन करने की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला जाएगा. इसे लेकर होशियार ने कहा कि जिनके खुद के घर शीशे के बने होते हैं, वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते. जो एनएसयूआई उन पर आरोप लगा रही है, उनका तो इस तरह की घटनाओं का पुराना इतिहास रहा है. एनएसयूआई के नेताओं की तो दुष्कर्म करने की लम्बी लिस्ट है. इनके बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगते आए हैं और वो कहते हैं कि ये उनका खानदानी पेशा है. ये लोग सोचते हैं कि विद्यार्थी परिषद इस तरह की साजिशों से डर जाएगी या दब जाएगी, लेकिन जब-जब एबीवीपी के खिलाफ सरकारों ने साजिशें रची हैं, उतनी ही मजबूत और मुखर होकर एबीवीपी आगे आई है. एबीवीपी राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक संगठन है.