ETV Bharat / state

'आप' का सोलर प्रोजेक्ट को लेकर गहलोत सरकार हमला, कहा- इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ होने के बावजूद वसूली हो रही है - इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ

आम आदमी पार्टी ने सोलर प्रोजेक्ट को लेकर गहलोत सरकार बड़ा हमला बोला. गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि गहलोत सरकार इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ होने के बावजूद वसूली कर रही है. सरकार सोलर प्रोजेक्ट को नहीं, बल्कि उद्योगपतियों को बढ़ावा दे रही.

AAP Alleged Gehlot Government
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ होने के बावजूद वसूली हो रही है
author img

By

Published : May 25, 2023, 10:30 PM IST

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ होने के बावजूद वसूली हो रही है

जयपुर. विधानसभा चुनाव के बीच अब आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया है. आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को एक बार फिर सोलर प्रोजेक्ट में हो रही गड़बड़ी को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. आम आदमी पार्टी के आरोप है कि महंगी बिजली की मार झेल रही राजस्थान की जनता को सोलर प्रोजेक्ट के नाम पर दोखा दे रही है. सरकार ने राजस्थान की सोलर पॉलिसी 2019 के मुताबिक खुद के इस्तेमाल के लिए लगाए जाने वाले सोलर प्रोजेक्ट पर 7 साल के इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को सरकार ने माफ किया था, लेकिन बिजली विभाग ने जून 2021 में फाइनेंस डिपार्टमेंट के ऑर्डर का हवाला देते हुए अप्रैल 2020 से ड्यूटी वसूली शुरू कर बड़ा झटका दिया.

अतिरिक्त चार्ज के नाम पर भार क्यों ? : आम आदमी पार्टी की प्रदेश सचिव मीनाक्षी जैदी ने कहा कि गहलोत सरकार सोलर पॉलिसी के नाम अपनी बनाई हुई नीतियों के विपरीत काम कर रही है. वहीं, डिस्कॉम की गलत नीतियों के कारण उसका हर्जाना जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं ये जो वसूली की गई इसका चार्ज उपभोक्ताओं से 60 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से वसूला गया जो कि एक आम नागरिक के लिए अनावश्यक बोझ है.

पढ़ें : राजस्थान की महिला ने पंजाब के AAP नेता पर लगाया यौन शोषण का आरोप, आप नेता समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज

राजस्थान और दिल्ली की तुलना की जाए तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार अतिरिक्त यूनिट बिजली उत्पादन होने पर एक वर्ष की कैरी फॉरवर्ड सुविधा देती है, जबकि गहलोत सरकार सिर्फ एक महीने का कैरी फॉरवर्ड देती थी वो भी अब बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सभी सरकारी कार्यालयों के ऊपर रूफ टॉप सोलर लगवा दिए जाएं तो जनता के पैसे की बचत हो सकती है. उन्होंने कहा कि जब जनता अपनी बिजली सरकार को देती है तो सरकार उसका चार्ज 2.17 पैसे प्रति यूनिट देती है, लेकिन जब वहीं जनता सरकार से बिजली खरीदे तो यही गहलोत सरकार बिना किसी झिझक के 7.95 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज करती है जो कि प्रदेश सरकार के दोहरे चरित्र का प्रमाण है.

उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति : जयपुर महिला विंग की उपाध्यक्ष प्रभा यादव ने कहा कि प्रदेश में सोलर सब्सिडी को लेकर राजस्थान सरकार रुचि नहीं ले रही है, जबकि दिल्ली, तमिलनाडु समेत कई राज्य सोलर सब्सिडी दे रहे हैं, जिससे कि उन राज्यों में सोलर योजना को बढ़ावा दिया जा सके. प्रभा यादव ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार भी सोलर को बढ़ावा दे, जिससे कि प्रदेश के आम नागरिक को इसका फायदा पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है, जो कि आम जनता के हित में नहीं है. प्रभा यादव ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार को दिल्ली सरकार से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. राजस्थान की जनता अब भली भांति समझ चुकी है, इसलिए जनता का झुकाव आम आदमी पार्टी की तरफ देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी और फिर राजस्थान में भी दिल्ली मॉडल अपनाकर लोगों को राहत देने का काम किया जाएगा.

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी माफ होने के बावजूद वसूली हो रही है

जयपुर. विधानसभा चुनाव के बीच अब आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया है. आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को एक बार फिर सोलर प्रोजेक्ट में हो रही गड़बड़ी को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. आम आदमी पार्टी के आरोप है कि महंगी बिजली की मार झेल रही राजस्थान की जनता को सोलर प्रोजेक्ट के नाम पर दोखा दे रही है. सरकार ने राजस्थान की सोलर पॉलिसी 2019 के मुताबिक खुद के इस्तेमाल के लिए लगाए जाने वाले सोलर प्रोजेक्ट पर 7 साल के इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को सरकार ने माफ किया था, लेकिन बिजली विभाग ने जून 2021 में फाइनेंस डिपार्टमेंट के ऑर्डर का हवाला देते हुए अप्रैल 2020 से ड्यूटी वसूली शुरू कर बड़ा झटका दिया.

अतिरिक्त चार्ज के नाम पर भार क्यों ? : आम आदमी पार्टी की प्रदेश सचिव मीनाक्षी जैदी ने कहा कि गहलोत सरकार सोलर पॉलिसी के नाम अपनी बनाई हुई नीतियों के विपरीत काम कर रही है. वहीं, डिस्कॉम की गलत नीतियों के कारण उसका हर्जाना जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं ये जो वसूली की गई इसका चार्ज उपभोक्ताओं से 60 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से वसूला गया जो कि एक आम नागरिक के लिए अनावश्यक बोझ है.

पढ़ें : राजस्थान की महिला ने पंजाब के AAP नेता पर लगाया यौन शोषण का आरोप, आप नेता समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज

राजस्थान और दिल्ली की तुलना की जाए तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार अतिरिक्त यूनिट बिजली उत्पादन होने पर एक वर्ष की कैरी फॉरवर्ड सुविधा देती है, जबकि गहलोत सरकार सिर्फ एक महीने का कैरी फॉरवर्ड देती थी वो भी अब बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सभी सरकारी कार्यालयों के ऊपर रूफ टॉप सोलर लगवा दिए जाएं तो जनता के पैसे की बचत हो सकती है. उन्होंने कहा कि जब जनता अपनी बिजली सरकार को देती है तो सरकार उसका चार्ज 2.17 पैसे प्रति यूनिट देती है, लेकिन जब वहीं जनता सरकार से बिजली खरीदे तो यही गहलोत सरकार बिना किसी झिझक के 7.95 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज करती है जो कि प्रदेश सरकार के दोहरे चरित्र का प्रमाण है.

उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की नीति : जयपुर महिला विंग की उपाध्यक्ष प्रभा यादव ने कहा कि प्रदेश में सोलर सब्सिडी को लेकर राजस्थान सरकार रुचि नहीं ले रही है, जबकि दिल्ली, तमिलनाडु समेत कई राज्य सोलर सब्सिडी दे रहे हैं, जिससे कि उन राज्यों में सोलर योजना को बढ़ावा दिया जा सके. प्रभा यादव ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार भी सोलर को बढ़ावा दे, जिससे कि प्रदेश के आम नागरिक को इसका फायदा पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है, जो कि आम जनता के हित में नहीं है. प्रभा यादव ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार को दिल्ली सरकार से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. राजस्थान की जनता अब भली भांति समझ चुकी है, इसलिए जनता का झुकाव आम आदमी पार्टी की तरफ देखा जा रहा है. आने वाले दिनों में प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी और फिर राजस्थान में भी दिल्ली मॉडल अपनाकर लोगों को राहत देने का काम किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.