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Aaj ka Panchang: जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और ग्रह नक्षत्र की चाल, आज बन रहा ये संयोग

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang) 31 दिसंबर 2022 बृहस्पतिवार, शुभ मास पौष शुक्ल पक्ष. कोई भी कार्य करने से पहले जानें आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त और अशुभ समय.

Aaj ka Panchang
आज का पंचांग
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Published : Dec 31, 2022, 7:12 AM IST

आज का पंचांग 31 दिसंबर 2022 (Aaj ka Panchang): दिन शनिवार है. हिंदू पंचाग के अनुसार, पौष मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. आज नवमी, तिथि 9. पंचांग के अनुसार, आज का व्रत अनुकूल परिणाम दे सकता है. रेवती नक्षत्र 11:46 पर शुरू हो होगा. योग की परिधि 08:18 बजे होगी. सूर्य अगले कुछ हफ्तों तक धनु राशि में स्थित रहेगा, जबकि चंद्रमा (चंद्र) मीन राशि में रहेगा. उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. चलिए जानते हैं शुभ, अशुभ मुहूर्त, राहु काल और ग्रहों की क्या है स्थिति.

नक्षत्र: रेवती 11:46

योग: परिध 08:18

शिव: 31:23

करण: कोलव 18:33

चन्द्रमा: मीन 11:46/मेष

सूर्योदय: 07:23

सूर्यास्त: 17:44

दिशा शूल: पूर्व

निवारण

उपाय: उड़द का सेवन

ऋतु: शिशिर

गुलीक काल: 07:09 से 08:29

राहु काल: 09:50 से 11:10

अभिजीत: 12: 09 से 12:51

विक्रम सम्वत: 2079

शक सम्वत: 1944

युगाब्द: 5124

सम्वत्सर नाम: नल

चौघड़िया दिन का

शुभ: 08:29 से 09:50 तक

चंचल: 12:30 से 13:50 तक

लाभ: 13:50 से 15:10 तक

अमृत: 15:10 से 16:31 तक

चौघड़िया रात का

लाभ: 17:51 से 19:31 तक

शुभ: 21:10 से 22:50 तक

अमृत: 22:50 से 00:30 तक

चंचल: 00:30 से 02:10 तक

लाभ: 05:30 से 07:09 तक

क्यों माना जाता है राहु काल अशुभ: राहु गलत कामों, जुनून, अराजकता, इच्छा और भौतिकवाद का अवतार है. यह लोगों की बुद्धि को जीत लेता है और उनकी सोचने की शक्ति को कमजोर कर देता है. इसलिए राहु काल को अशुभ माना जाता है.

पढ़ें: Shani Dev Puja: शनिवार को करें शनिदेव की पूजा, जीवन में दूर होगी रुकावट और मिलेगा शुभफल

आज के विशेष योग: वर्ष का 273वां दिन, पंचक समाप्त 11:46, श्री हरि जयंती, दग्धयोग सूर्योदय से 18:33, स्थिरयोग-वज्रमुसल योग. सूर्योदय से 11:46, रवियोग प्रारंभ 11:46, आचार्य जिनान्द सागर पुण्यदिवस (खतरगच्छ जैन).

वास्तु टिप्स: आटे में शक्कर और तिल मिलाकर चीटियों को खिलाएं.

शनिवार को करें शनिदेव की पूजा: आज शनिवार है और इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. साल के ​आखिरी दिन आज न्याय के देवता शनि देव की पूजा-अर्चना करें. शनि कर्मों के अनुसार फल प्रदान करने वाले देव हैं. अगर शनि के प्रकोप के कारण जीवन संकटों से घिरा हुआ है तो शनिवार के दिन शनि यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा करनी चाहिए. शनि यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर और रोजाना नीले फूल चढ़ाने से भी शनि देव की कृपा बनी रहती है.

आज का पंचांग 31 दिसंबर 2022 (Aaj ka Panchang): दिन शनिवार है. हिंदू पंचाग के अनुसार, पौष मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. आज नवमी, तिथि 9. पंचांग के अनुसार, आज का व्रत अनुकूल परिणाम दे सकता है. रेवती नक्षत्र 11:46 पर शुरू हो होगा. योग की परिधि 08:18 बजे होगी. सूर्य अगले कुछ हफ्तों तक धनु राशि में स्थित रहेगा, जबकि चंद्रमा (चंद्र) मीन राशि में रहेगा. उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. चलिए जानते हैं शुभ, अशुभ मुहूर्त, राहु काल और ग्रहों की क्या है स्थिति.

नक्षत्र: रेवती 11:46

योग: परिध 08:18

शिव: 31:23

करण: कोलव 18:33

चन्द्रमा: मीन 11:46/मेष

सूर्योदय: 07:23

सूर्यास्त: 17:44

दिशा शूल: पूर्व

निवारण

उपाय: उड़द का सेवन

ऋतु: शिशिर

गुलीक काल: 07:09 से 08:29

राहु काल: 09:50 से 11:10

अभिजीत: 12: 09 से 12:51

विक्रम सम्वत: 2079

शक सम्वत: 1944

युगाब्द: 5124

सम्वत्सर नाम: नल

चौघड़िया दिन का

शुभ: 08:29 से 09:50 तक

चंचल: 12:30 से 13:50 तक

लाभ: 13:50 से 15:10 तक

अमृत: 15:10 से 16:31 तक

चौघड़िया रात का

लाभ: 17:51 से 19:31 तक

शुभ: 21:10 से 22:50 तक

अमृत: 22:50 से 00:30 तक

चंचल: 00:30 से 02:10 तक

लाभ: 05:30 से 07:09 तक

क्यों माना जाता है राहु काल अशुभ: राहु गलत कामों, जुनून, अराजकता, इच्छा और भौतिकवाद का अवतार है. यह लोगों की बुद्धि को जीत लेता है और उनकी सोचने की शक्ति को कमजोर कर देता है. इसलिए राहु काल को अशुभ माना जाता है.

पढ़ें: Shani Dev Puja: शनिवार को करें शनिदेव की पूजा, जीवन में दूर होगी रुकावट और मिलेगा शुभफल

आज के विशेष योग: वर्ष का 273वां दिन, पंचक समाप्त 11:46, श्री हरि जयंती, दग्धयोग सूर्योदय से 18:33, स्थिरयोग-वज्रमुसल योग. सूर्योदय से 11:46, रवियोग प्रारंभ 11:46, आचार्य जिनान्द सागर पुण्यदिवस (खतरगच्छ जैन).

वास्तु टिप्स: आटे में शक्कर और तिल मिलाकर चीटियों को खिलाएं.

शनिवार को करें शनिदेव की पूजा: आज शनिवार है और इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. साल के ​आखिरी दिन आज न्याय के देवता शनि देव की पूजा-अर्चना करें. शनि कर्मों के अनुसार फल प्रदान करने वाले देव हैं. अगर शनि के प्रकोप के कारण जीवन संकटों से घिरा हुआ है तो शनिवार के दिन शनि यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा करनी चाहिए. शनि यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर और रोजाना नीले फूल चढ़ाने से भी शनि देव की कृपा बनी रहती है.

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