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Speakers Conference Resolutions: पीठासीन अधिकारी सम्‍मेलन में पारित हुए 9 संकल्प, अरुणाचल के स्पीकर ने दिया अहम सुझाव

जयपुर में आयोजित दो दिवसीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में देश के 27 विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों ने शिरकत की. काफी विचार विमर्श के बाद 9 संकल्प पारित हुए. वहीं अरुणाचल प्रदेश के स्पीकर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कल्चरल एक्स्चेंज को बढ़ावा देने की वकालत की.

Speakers Conference Resolutions
paasaang dorji sona
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Published : Jan 13, 2023, 11:12 AM IST

Updated : Jan 13, 2023, 12:12 PM IST

अरुणाचल के स्पीकर ने दिया अहम सुझाव

जयपुर. राजस्‍थान विधानसभा में गुरुवार को दो दिन के अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी का समापन हो गया (83rd Presiding officers Conference in Jaipur). इसके बाद लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने संयुक्‍त प्रेसवार्ता की. इस सम्‍मेलन में पारित किए गए नौ संकल्‍पों के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई. सम्‍मेलन में देश के 27 विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों ने गहन विचार-विमर्श के बाद आम सहमति से 9 संकल्‍प पारित किए.

लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने बताया कि पहला संकल्‍प भारत में आयोजित होने वाले जी-20 राष्ट्रों के समूह और संसद-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने पर भारत को 'लोकतंत्र की जननी' के रूप में प्रस्तुत करने के बारे में पारित किया गया. सम्‍मेलन के समापन सत्र को मुख्‍य अतिथि के रूप में राज्‍यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित किया. समापन सत्र में लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला, राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी भाषण दिया.

Speakers Conference Resolutions
9 संकल्प पारित

राजभवन में संविधान उद्यान एक शानदार अनुभव- देशभर से आए पीठासीन अधिकारियों ने गुरुवार को राजभवन में बने संविधान उद्यान को देखा. इस दौरान उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों की प्रतिमाओं सहित यहां प्रदर्शित मूर्ति शिल्प, छाया चित्रों और मॉडल्स की सराहना करते हुए कहा कि संविधान उद्यान का भ्रमण संविधान का एक प्रकार से साक्षात्कार करने जैसा है.

अरुणाचल के स्पीकर पासांग दोरजी सोना ने बताया कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने निश्चित तौर पर एक बेहतर पहल की है. उन्होंने कहा कि जब गवर्नर से उनकी बात हुई, तो पता लगा कि लोगों को संविधान के बारे में जागरूक करने के मकसद से कॉन्स्टिट्यूशनल पार्क बनाया गया है. लोगों को इस संविधान पार्क के जरिए यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि किस तरह से संविधान निर्माताओं ने इसकी ड्राफ्टिंग की थी. कैसा हमारा इतिहास रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों को बहुत ही सहज तरके से आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सैनानियों के बारे में भी बताने की कोशिश की गई है.उन्होंने कहा कि इस मुहिम को राजभवन के बाहर विश्वविद्यालयों तक पहुंचाई जाने की जरूरत है.

Speakers Conference Resolutions
9 संकल्प पारित

पढे़ं- Om Birla Big Statement : कानून बनाने से पहले होनी चाहिए चर्चा, न्यायपालिका को मर्यादा में रहने के लिए प्रस्ताव पास

कल्चरल एक्सचेंज की बात- पासांग दोरजी सोना ने अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह के मंच देश में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का जरिया हो सकते हैं. देश के चारों दिशाओं में संस्कृति के अलग-अलग रंग है और हर राज्य की अपनी खूबी होती है. थोड़ी थोड़ी दूरी पर भाषा, पहनावा और रंग-ढंग बदल जाता है. ऐसे में हमें जरूरत है कि हम इस विभिन्नता का भी लुत्फ लें.

उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में कल्चरल एक्सचेंज इवनिंग को भी हिस्सा बनाया जाना चाहिए, ताकि हर राज्य के प्रतिनिधि अपने साथ संस्कृति के वाहक के रूप में एक मंच और अवसर को तैयार कर सकें. पासांग सोना ने कहा कि जब तक हम एक दूसरे की संस्कृति से रूबरू नहीं होंगे तब तक अनेकता में एकता का वाक्य सार्थक नहीं होगा.

अरुणाचल के स्पीकर ने दिया अहम सुझाव

जयपुर. राजस्‍थान विधानसभा में गुरुवार को दो दिन के अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी का समापन हो गया (83rd Presiding officers Conference in Jaipur). इसके बाद लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने संयुक्‍त प्रेसवार्ता की. इस सम्‍मेलन में पारित किए गए नौ संकल्‍पों के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई. सम्‍मेलन में देश के 27 विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों ने गहन विचार-विमर्श के बाद आम सहमति से 9 संकल्‍प पारित किए.

लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने बताया कि पहला संकल्‍प भारत में आयोजित होने वाले जी-20 राष्ट्रों के समूह और संसद-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने पर भारत को 'लोकतंत्र की जननी' के रूप में प्रस्तुत करने के बारे में पारित किया गया. सम्‍मेलन के समापन सत्र को मुख्‍य अतिथि के रूप में राज्‍यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित किया. समापन सत्र में लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला, राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्‍यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी भाषण दिया.

Speakers Conference Resolutions
9 संकल्प पारित

राजभवन में संविधान उद्यान एक शानदार अनुभव- देशभर से आए पीठासीन अधिकारियों ने गुरुवार को राजभवन में बने संविधान उद्यान को देखा. इस दौरान उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों की प्रतिमाओं सहित यहां प्रदर्शित मूर्ति शिल्प, छाया चित्रों और मॉडल्स की सराहना करते हुए कहा कि संविधान उद्यान का भ्रमण संविधान का एक प्रकार से साक्षात्कार करने जैसा है.

अरुणाचल के स्पीकर पासांग दोरजी सोना ने बताया कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने निश्चित तौर पर एक बेहतर पहल की है. उन्होंने कहा कि जब गवर्नर से उनकी बात हुई, तो पता लगा कि लोगों को संविधान के बारे में जागरूक करने के मकसद से कॉन्स्टिट्यूशनल पार्क बनाया गया है. लोगों को इस संविधान पार्क के जरिए यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि किस तरह से संविधान निर्माताओं ने इसकी ड्राफ्टिंग की थी. कैसा हमारा इतिहास रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों को बहुत ही सहज तरके से आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सैनानियों के बारे में भी बताने की कोशिश की गई है.उन्होंने कहा कि इस मुहिम को राजभवन के बाहर विश्वविद्यालयों तक पहुंचाई जाने की जरूरत है.

Speakers Conference Resolutions
9 संकल्प पारित

पढे़ं- Om Birla Big Statement : कानून बनाने से पहले होनी चाहिए चर्चा, न्यायपालिका को मर्यादा में रहने के लिए प्रस्ताव पास

कल्चरल एक्सचेंज की बात- पासांग दोरजी सोना ने अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह के मंच देश में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का जरिया हो सकते हैं. देश के चारों दिशाओं में संस्कृति के अलग-अलग रंग है और हर राज्य की अपनी खूबी होती है. थोड़ी थोड़ी दूरी पर भाषा, पहनावा और रंग-ढंग बदल जाता है. ऐसे में हमें जरूरत है कि हम इस विभिन्नता का भी लुत्फ लें.

उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में कल्चरल एक्सचेंज इवनिंग को भी हिस्सा बनाया जाना चाहिए, ताकि हर राज्य के प्रतिनिधि अपने साथ संस्कृति के वाहक के रूप में एक मंच और अवसर को तैयार कर सकें. पासांग सोना ने कहा कि जब तक हम एक दूसरे की संस्कृति से रूबरू नहीं होंगे तब तक अनेकता में एकता का वाक्य सार्थक नहीं होगा.

Last Updated : Jan 13, 2023, 12:12 PM IST
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