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राजधानी के 680 संस्थान रोजाना निकाल रहे 100 किलो कचरा, निगम के थमाये नोटिसों का भी नहीं हो रहा असर - स्वछता सर्वेक्षण 2020 जयपुर

जयपुर में होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, स्कूल और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है. लेकिन, इसके निस्तारण के लिए संस्था संचालकों की ओर से अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई गई है. निगम की ओर से संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए. लेकिन, ये नोटिस महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं.

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राजधानी के 680 संस्थान रोजाना निकाल रहें हैं 100 किलो कचरा
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Published : Dec 24, 2019, 7:35 PM IST

जयपुर. राजधानी में जिन रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन और अन्य संस्थानों से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है, ऐसे 680 संस्थानों को निगम ने नोटिस दिए थे. लेकिन, अब तक महज 114 संचालकों की ओर से ही कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं. बचे हुए 566 संस्थानों और मैरिज गार्डन को लेकर निगम ने जांच की जहमत तक नहीं उठाई. ऐसे में क्या जयपुर की रैंकिंग में सुधार होगा.

स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए निगम अफसरों ने भले ही सख्ती शुरू कर दी हो. लेकिन, स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने की एक बड़ी वजह अधिकारियों की लापरवाही भी है. होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, स्कूल और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है. लेकिन, कचरे के निस्तारण के लिए संस्था संचालकों की ओर से अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई गई है. हालांकि, बीते 6 महीने में निगम की ओर से करीब 680 को नोटिस भी जारी किए गए. लेकिन, ये नोटिस महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं. क्योंकि, अधिकारी नोटिस देने के बाद आगे की कार्रवाई करना भूल गए हैं.

राजधानी के 680 संस्थान रोजाना निकाल रहें हैं 100 किलो कचरा

इस संबंध में निगम प्रशासक विजयपाल सिंह का कहना है कि जिन संस्थानों और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकलता है, उनको नोटिस देकर कंपोस्ट मशीन लगाने के निर्देश दिए थे. करीब 114 संचालकों की ओर से अब तक यह मशीनें लगाई जा चुकी हैं. जिन्होंने नहीं लगाई उनमें से बहुत से संचालकों ने रिप्लाई किया है कि उनके यहां 100 किलो से ज्यादा कचरा नहीं निकल रहा. इसे क्रॉस चेक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दो से तीन संस्थान संचालक एक साथ मिलकर भी कंपोस्ट मशीन लगा सकते हैं.

पढ़ें- सरकारी स्कूलों के सूरत-ए-हाल: कुछ के हालात गड़बड़ तो कुछ के सही, कहीं जर्जर भवन में गढ़ा जा रहा 'भविष्य'

नोटिस देने के बाद अब तक निगम अधिकारियों ने संबंधित संस्थाओं और मैरिज गार्डन की जांच तक की जहमत नहीं उठाई कि वहां कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं या नहीं. ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. और सवाल उन संस्थान संचालकों पर भी, जिन्होंने नोटिस दिए जाने के बाद भी जयपुर की स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते हुए अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई.

जयपुर. राजधानी में जिन रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन और अन्य संस्थानों से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है, ऐसे 680 संस्थानों को निगम ने नोटिस दिए थे. लेकिन, अब तक महज 114 संचालकों की ओर से ही कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं. बचे हुए 566 संस्थानों और मैरिज गार्डन को लेकर निगम ने जांच की जहमत तक नहीं उठाई. ऐसे में क्या जयपुर की रैंकिंग में सुधार होगा.

स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए निगम अफसरों ने भले ही सख्ती शुरू कर दी हो. लेकिन, स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने की एक बड़ी वजह अधिकारियों की लापरवाही भी है. होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, स्कूल और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है. लेकिन, कचरे के निस्तारण के लिए संस्था संचालकों की ओर से अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई गई है. हालांकि, बीते 6 महीने में निगम की ओर से करीब 680 को नोटिस भी जारी किए गए. लेकिन, ये नोटिस महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं. क्योंकि, अधिकारी नोटिस देने के बाद आगे की कार्रवाई करना भूल गए हैं.

राजधानी के 680 संस्थान रोजाना निकाल रहें हैं 100 किलो कचरा

इस संबंध में निगम प्रशासक विजयपाल सिंह का कहना है कि जिन संस्थानों और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकलता है, उनको नोटिस देकर कंपोस्ट मशीन लगाने के निर्देश दिए थे. करीब 114 संचालकों की ओर से अब तक यह मशीनें लगाई जा चुकी हैं. जिन्होंने नहीं लगाई उनमें से बहुत से संचालकों ने रिप्लाई किया है कि उनके यहां 100 किलो से ज्यादा कचरा नहीं निकल रहा. इसे क्रॉस चेक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दो से तीन संस्थान संचालक एक साथ मिलकर भी कंपोस्ट मशीन लगा सकते हैं.

पढ़ें- सरकारी स्कूलों के सूरत-ए-हाल: कुछ के हालात गड़बड़ तो कुछ के सही, कहीं जर्जर भवन में गढ़ा जा रहा 'भविष्य'

नोटिस देने के बाद अब तक निगम अधिकारियों ने संबंधित संस्थाओं और मैरिज गार्डन की जांच तक की जहमत नहीं उठाई कि वहां कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं या नहीं. ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. और सवाल उन संस्थान संचालकों पर भी, जिन्होंने नोटिस दिए जाने के बाद भी जयपुर की स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते हुए अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई.

Intro:जयपुर - जयपुर में जिन रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन और अन्य संस्थानों के प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है, ऐसे 680 संस्थानों को निगम ने नोटिस दिए थे। लेकिन अब तक महज 114 संचालकों की ओर से ही कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं। बचे हुए 566 संस्थानों और मैरिज गार्डन को लेकर निगम ने जांच की जहमत तक नहीं उठाई। ऐसे में क्या जयपुर की रैंकिंग में सुधार होगा।


Body:स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए निगम अफसरों ने भले ही सख्ती शुरू कर दी हो। लेकिन स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने की एक बड़ी वजह अधिकारियों की लापरवाही भी है। होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, स्कूल और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकल रहा है। लेकिन कचरे के निस्तारण के लिए संस्था संचालकों की ओर से अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई गई है। हालांकि बीते 6 महीने में निगम की ओर से करीब 680 को नोटिस भी जारी किए गए। लेकिन ये नोटिस महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं। क्योंकि अधिकारी नोटिस देने के बाद आगे की कार्रवाई करना भूल गए हैं। इस संबंध में निगम प्रशासक विजयपाल सिंह का कहना है कि जिन संस्थानों और मैरिज गार्डन से प्रतिदिन 100 किलो कचरा निकलता है, उनको नोटिस देकर कंपोस्ट मशीन लगाने के निर्देश दिए थे। करीब 114 संचालकों की ओर से अब तक यह मशीनें लगाई जा चुकी हैं। जिन्होंने नहीं लगाई उनमें से बहुत से संचालकों ने रिप्लाई किया है कि उनके यहां 100 किलो से ज्यादा कचरा नहीं निकल रहा। इसे क्रॉस चेक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो से तीन संस्थान संचालक एक साथ मिलकर भी कंपोस्ट मशीन लगा सकते हैं।
बाईट - विजय पाल सिंह, निगम प्रशासक


Conclusion:नोटिस देने के बाद अब तक निगम अधिकारियों ने संबंधित संस्थाओं और मैरिज गार्डन की जांच तक की जहमत नहीं उठाई कि वहां कंपोस्ट मशीनें लगाई गई हैं या नहीं। ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। और सवाल उन संस्थान संचालकों पर भी, जिन्होंने नोटिस दिए जाने के बाद भी जयपुर की स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते हुए अब तक कंपोस्ट मशीन नहीं लगवाई।
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