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21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ, अंशुमान सिंह भाटी के राजस्थानी भाषा में शपथ लेने पर हुआ विवाद

16वीं विधानसभा के नव निर्वाचित 21 सदस्यों ने सदन में संस्कृत भाषा में शपथ ली. संस्कृत में शपथ लेने वालों में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चयनित वासुदेव देवनानी और पूर्व मंत्री और डीडवाना से निर्दलीय विधायक यूनुस खान का भी शामिल हैं. जबकि सदन में राजस्थानी भाषा में शपथ लिए जाने पर विवाद भी हुआ.

21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ
21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 20, 2023, 7:27 PM IST

21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ

जयपुर. राजस्थान की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र नए विधायकों की शपथ के साथ शुरू हुआ. सत्र के पहले ही दिन शपथ की भाषा को लेकर विवाद भी हुआ. जहां बीकानेर जिले की कोलायत विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने पहले राजस्थानी भाषा में शपथ ली, लेकिन इसे मान्य नहीं किया गया. इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने कहा कि राजस्थानी भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं है, इसलिए राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ली जा सकती. इस दौरान कुछ अन्य सदस्यों ने भी राजस्थानी भाषा में शपथ लेने और इसे मान्यता दिलाने की मांग उठाई. बाद में अंशुमान सिंह भाटी ने हिंदी में शपथ ली.

21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ. विधानसभा सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण के दौरान 21 विधायकों ने संस्कृत में शपथ ली. इनमें मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, मांडलगढ़ विधायक गोपाल लाल शर्मा, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, रामगढ़ विधायक जुबेर खान, बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य, डीडवाना विधायक युनुस खान, सहाड़ा विधायक लादूलाल पीतलिया, अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी, शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, कामां विधायक नौक्षम चौधरी, फलौदी विधायक पब्बाराम विश्नोई, पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, सागवाड़ा विधायक शंकरलाल और भीम विधायक हरि सिंह रावत शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें-कोई पारंपरिक परिधान में तो कोई भगवा धारण कर पहुंचा सदन, गदा और श्रीफल के साथ पहुंचे बालमुकुंद आचार्य

कांग्रेस ने जताई आपत्ति : सदन के पहले ही दिन विपक्ष में बैठी कांग्रेस की ओर से राज्यपाल का अभिभाषण कराए बिना सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई गई. पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने इस पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि विधानसभा का पहला सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से ही शुरू होता है. लेकिन इस बार 24 घंटे के नोटिस पर बिना अभिभाषण के सत्र बुलाया गया. उन्होंने कहा कि सत्र बुलाना कोई भजन मंडली का कार्यक्रम नहीं. इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने कहा कि ये सत्र सिर्फ विधायकों की शपथ के लिए बुलाया गया है. इसके बाद सत्र दोबारा आहूत किया जाएगा और तब राज्यपाल का अभिभाषण भी कराया जाएगा.

21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ

जयपुर. राजस्थान की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र नए विधायकों की शपथ के साथ शुरू हुआ. सत्र के पहले ही दिन शपथ की भाषा को लेकर विवाद भी हुआ. जहां बीकानेर जिले की कोलायत विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने पहले राजस्थानी भाषा में शपथ ली, लेकिन इसे मान्य नहीं किया गया. इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने कहा कि राजस्थानी भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं है, इसलिए राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ली जा सकती. इस दौरान कुछ अन्य सदस्यों ने भी राजस्थानी भाषा में शपथ लेने और इसे मान्यता दिलाने की मांग उठाई. बाद में अंशुमान सिंह भाटी ने हिंदी में शपथ ली.

21 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ. विधानसभा सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण के दौरान 21 विधायकों ने संस्कृत में शपथ ली. इनमें मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, मांडलगढ़ विधायक गोपाल लाल शर्मा, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, रामगढ़ विधायक जुबेर खान, बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य, डीडवाना विधायक युनुस खान, सहाड़ा विधायक लादूलाल पीतलिया, अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी, शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, कामां विधायक नौक्षम चौधरी, फलौदी विधायक पब्बाराम विश्नोई, पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, सागवाड़ा विधायक शंकरलाल और भीम विधायक हरि सिंह रावत शामिल हैं.

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कांग्रेस ने जताई आपत्ति : सदन के पहले ही दिन विपक्ष में बैठी कांग्रेस की ओर से राज्यपाल का अभिभाषण कराए बिना सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई गई. पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने इस पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि विधानसभा का पहला सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से ही शुरू होता है. लेकिन इस बार 24 घंटे के नोटिस पर बिना अभिभाषण के सत्र बुलाया गया. उन्होंने कहा कि सत्र बुलाना कोई भजन मंडली का कार्यक्रम नहीं. इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने कहा कि ये सत्र सिर्फ विधायकों की शपथ के लिए बुलाया गया है. इसके बाद सत्र दोबारा आहूत किया जाएगा और तब राज्यपाल का अभिभाषण भी कराया जाएगा.

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