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चार दिन से थमे हैं 'जीवनदायिनी' के पहिए, संविदा कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर स्टाफ हड़ताल पर, पहले दौर की वार्ता विफल

संविदा कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदेश में एम्बुलेंस 104 और 108 के हजारों कर्मचारी चार दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं. आज इसे लेकर कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल की स्वास्थ्य भवन में अधिकारियों हुई वार्ता भी विफल रही. ऐसे में फिलहाल यह गतिरोध टूटता हुआ नहीं दिख रहा है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 4, 2023, 2:21 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 10:03 PM IST

पहले दौर की वार्ता विफल

जयपुर. राजस्थान में जीवनदायिनी कही जाने वाली एम्बुलेंस 104 और 108 के पहिए चार दिन से ठप पड़े हैं. इनमें सेवा देने वाले हजारों कर्मचारी हड़ताल पर हैं और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के बाहर धरने पर बैठे हैं. ऐसे में हादसों में घायल मरीजों, गर्भवती महिलाओं और अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी आ रही है. हालांकि, हड़ताल के चार दिन बाद आज हड़ताली कर्मचारियों और सेवा प्रदाता कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की समझौता वार्ता हुई. लेकिन फिलहाल आधे घंटे चली इस बैठक में कोई सकारात्मक समाधान नहीं निकल पाया है. ऐसे में फिलहाल एम्बुलेंस 104 और 108 के कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने की कोई राह नहीं निकल पाई है. लेकिन दोपहर 4 बजे इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर समझौता वार्ता होगी. जिसमें सुलह का कोई फार्मूला निकलने की उम्मीद है.

दरअसल, प्रदेश की एम्बुलेंस 104 और 108 में सेवा देने वाले नर्सिंग स्टाफ और चालक लंबे समय से कम मानदेय पर काम कर रहे हैं. अब उन्होंने संविदा कैडर में शामिल करने या नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. अपनी मांग को लेकर उन्होंने हर स्तर पर अपनी बात पहुंचाई. लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अब एम्बुलेंस कर्मी चार दिन से गाड़ियों का चक्का जाम कर हड़ताल पर पर बैठे हैं.

पढ़ें Nurses Protest in Jaipur: 45 दिन से जारी आंदोलन स्थगित, वित्तीय मांगों पर विचार के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी

आधे घंटे की वार्ता में नहीं बानी सहमति: हड़ताल पर बैठे एम्बुलेंस कर्मियों की मांगों को लेकर उनका सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज स्वास्थ्य भवन पहुंचा. जहां सेवा प्रदाता कंपनी और हड़ताली कर्मचारियों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त मिशन निदेशक प्रियंका गोस्वामी के साथ वार्ता हुई. हालांकि, आधे घंटे चली इस वार्ता में सुलह का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. अब शाम को 4 बजे एक बार फिर समझौता वार्ता होगी.

पढ़ें राजस्थान रोडवेज की प्रस्तावित हड़ताल स्थगित, प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद संयुक्त मोर्चे ने लिया फैसला

हड़ताली कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज : हड़ताल पर बैठे एम्बुलेंस कर्मियों पर सेवा प्रदाता कंपनी ने शिकंजा कसते हुए थाने में उनके खिलाफ एस्मा कानून के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है. सेवा प्रदाता कंपनी EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस के मैनेजर विजय सिंह ने मालवीय नगर थाने में रेस्मा कानून के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है. हालांकि, हड़ताली एम्बुलेंसकर्मी धर्मेंद्र शर्मा का कहना है कि चाहे मुकदमा दर्ज करवाएं या उन्हें जेल में डाल दें लेकिन संविदा कैडर में शामिल करने की मांग पूरी होने तक वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे

वार्ता प्रक्रियाधीन, सीएमएचओ करेंगे वैकल्पिक व्यवस्था : एम्बुलेंसकर्मियों की हड़ताल को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि एम्बुलेंस कर्मियों से वार्ता प्रक्रियाधीन है. सेवा प्रदाता कंपनी को 24 घंटे में एम्बुलेंस 108 और 104 को पायलट (चालक) और नर्सिंग स्टाफ के साथ सुचारू रूप से संचालित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही सीएमएचओ को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नर्सिंग स्टाफ और चालक की ड्यूटी लगाकर एम्बुलेंस का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं.

पहले दौर की वार्ता विफल

जयपुर. राजस्थान में जीवनदायिनी कही जाने वाली एम्बुलेंस 104 और 108 के पहिए चार दिन से ठप पड़े हैं. इनमें सेवा देने वाले हजारों कर्मचारी हड़ताल पर हैं और सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के बाहर धरने पर बैठे हैं. ऐसे में हादसों में घायल मरीजों, गर्भवती महिलाओं और अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी आ रही है. हालांकि, हड़ताल के चार दिन बाद आज हड़ताली कर्मचारियों और सेवा प्रदाता कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की समझौता वार्ता हुई. लेकिन फिलहाल आधे घंटे चली इस बैठक में कोई सकारात्मक समाधान नहीं निकल पाया है. ऐसे में फिलहाल एम्बुलेंस 104 और 108 के कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने की कोई राह नहीं निकल पाई है. लेकिन दोपहर 4 बजे इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर समझौता वार्ता होगी. जिसमें सुलह का कोई फार्मूला निकलने की उम्मीद है.

दरअसल, प्रदेश की एम्बुलेंस 104 और 108 में सेवा देने वाले नर्सिंग स्टाफ और चालक लंबे समय से कम मानदेय पर काम कर रहे हैं. अब उन्होंने संविदा कैडर में शामिल करने या नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. अपनी मांग को लेकर उन्होंने हर स्तर पर अपनी बात पहुंचाई. लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अब एम्बुलेंस कर्मी चार दिन से गाड़ियों का चक्का जाम कर हड़ताल पर पर बैठे हैं.

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आधे घंटे की वार्ता में नहीं बानी सहमति: हड़ताल पर बैठे एम्बुलेंस कर्मियों की मांगों को लेकर उनका सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज स्वास्थ्य भवन पहुंचा. जहां सेवा प्रदाता कंपनी और हड़ताली कर्मचारियों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त मिशन निदेशक प्रियंका गोस्वामी के साथ वार्ता हुई. हालांकि, आधे घंटे चली इस वार्ता में सुलह का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. अब शाम को 4 बजे एक बार फिर समझौता वार्ता होगी.

पढ़ें राजस्थान रोडवेज की प्रस्तावित हड़ताल स्थगित, प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद संयुक्त मोर्चे ने लिया फैसला

हड़ताली कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज : हड़ताल पर बैठे एम्बुलेंस कर्मियों पर सेवा प्रदाता कंपनी ने शिकंजा कसते हुए थाने में उनके खिलाफ एस्मा कानून के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है. सेवा प्रदाता कंपनी EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस के मैनेजर विजय सिंह ने मालवीय नगर थाने में रेस्मा कानून के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है. हालांकि, हड़ताली एम्बुलेंसकर्मी धर्मेंद्र शर्मा का कहना है कि चाहे मुकदमा दर्ज करवाएं या उन्हें जेल में डाल दें लेकिन संविदा कैडर में शामिल करने की मांग पूरी होने तक वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे

वार्ता प्रक्रियाधीन, सीएमएचओ करेंगे वैकल्पिक व्यवस्था : एम्बुलेंसकर्मियों की हड़ताल को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि एम्बुलेंस कर्मियों से वार्ता प्रक्रियाधीन है. सेवा प्रदाता कंपनी को 24 घंटे में एम्बुलेंस 108 और 104 को पायलट (चालक) और नर्सिंग स्टाफ के साथ सुचारू रूप से संचालित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही सीएमएचओ को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नर्सिंग स्टाफ और चालक की ड्यूटी लगाकर एम्बुलेंस का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Sep 4, 2023, 10:03 PM IST

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