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कोरोना से ग्रामीणों की जंग: सरकार और प्रशासन पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा कहा, सुनने वाला कोई नहीं... - rajasthan corona news

ईटीवी भारत हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर मक्कासर ग्राम पंचायत पहुंचा है. हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान ग्रामीणों का गुस्सा सरकार और प्रशासन पर फूटता दिखा. कुछ ग्रामीण यहां सतर्क दिखे तो कुछ बे-परवाह भी मिले. लेकिन क्या कोरोना वायरस को लेकर ग्रामीण 'योद्धा' साबित हुए. ये रिपोर्ट देखिए...

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
कोरोना से ग्रामीणों की जंग
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Published : Jun 15, 2020, 3:16 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 4:11 PM IST

हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मक्कासर गांव स्थित है. इस गांव में सात हजार से ज्यादा मतदाता हैं और यहां 11 हजार से ज्यादा लोग निवास करते हैं. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र, निजी और सरकारी स्कूल भी हैं. गांव में रहने वाले कुछ लोग नौकरी पेशा वाले भी हैं, कुछ रोजगार की तलाश में बाहर दूसरे शहरों में जाते हैं तो वहीं, करीब 200 परिवार ऐसे भी हैं जो दिहाड़ी मजदूरी से ही अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं.

कोरोना से ग्रामीणों की जंग

मक्कासर गांव की खास बात यह है कि यहां के जो समृद्ध लोग हैं वह बुरे वक्त में गांव वालों की मदद करते हैं. गांव के एक युवक ने बताया कि जब गांव वालों ने कोरोना वायरस के बारे में सुना और जाना तो डर गए. सबसे बड़ी चुनौती थी इस महामारी को गांव में फैसले से रोकना लेकिन गांव के समृद्ध लोग और भामाशाहों ने की मदद से हम कोरोना से लड़ने में कामयाब हुए.

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
मक्कासर गांव की सरहद

हम जब गांव में पहुंचे तो हर तरफ सन्नाटा पसरा मिला. गांव की दुकानों पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे. हमने मक्कासर गांव के ग्रामीण, ग्राम पंचायत के कर्मचारी, सरपंच और पंचों से बातचीत की सभी कोरोना वायरस को लेकर जागरूक दिखे, लेकिन गांव वालों के अंदर सरकार और स्थानीय प्रशासन को लेकर नाराजगी दिखी. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली, ग्रामीणों का कहना है कि गांव के करीब आधे लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं. रोजगार नहीं होने की वजह से सब के सामने रोजी-रोटी का संकट है. सरकार को ऐसे वक्त में हमारी भी मदद करनी चाहिए लेकिन कोई नहीं सुन रहा. वहीं कुछ ग्रामीणोंने कहा हमें अभी भी उम्मीद है कि सरकार की तरफ से कुछ ना कुछ आर्थिक सहयोग हमें मिलेगा.

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
मटके में पानी लेकर जाती हुई लड़की

मक्कासर ग्राम पंचायत में ड्यूटी पर तैनात हमें शिक्षिका विमला कड़वासरा मिलीं जिनका कहना था कि कोविड19 को लेकर शुरुआती दौर से लेकर अब तक बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री और जांच करवाई जा रही है. हालांकि, सरपंच बलदेव सिंह का कहना है कि हम गांव की समस्याओं को लेकर कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

कोरोना वायरस की वजह से गांव के ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में गई परिवारों के सामने खाने-पीने का भी संकट पैदा हो गया है. इन लोगों के लिए कई संस्थाएं और भामाशाह काम कर रहे हैं. जरूरतमंद लोगों तक राहत सामाग्री पहुंचा रहे हैं. ग्राणीमों के मुबाबिक, यहां पर इन दिनों गौ सेवा दल, मक्कासर संस्था के जरिये लोगों की मदद कर रहा है. साथ ही गांव के कई परिवारों को गोद भी लिया है. खासतौर पर विधवा, नेत्रहीन और गर्भवती महिला की देखरेख का ख्याल रखा जा रहा है.

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
घर के बाहर आराम फरमाता हुआ ग्रामीण

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग:

हम जब मक्कासर गांव पहुंचे तो यहां लोग मास्क लगाए हुए नजर आए लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जिनके चेहरे पर मास्क नहीं था. गांव की दुकानों में लोग कम थे जिसकी वजह से हमें सोशल डिस्टेंसिंग दिखी लेकिन कुछ ग्रामीणों का कहना था की कुछ लोग इस वक्त भी कोरोना वायरस को लेकर गंभीर नहीं हैं.

पांच बार गांव को सैनिटाइजर किया गया:

सरपंच बलदेव सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक पूरे गांव को पांच बार सैनिटाइज किया जा चुका है. गांव में आने जाने वाले लोगों पर नजर भी रखी जा रही है. अगर कोई बाहर से आता तो उसे गांव के बाहर की 14 दिन के लिए क्वारेंटिन किया जाता है.

गांव में आने जाने वाले लोगों पर नजर:

गांव के मेन रास्ते में ही कुछ लोगों की दिन और रात ड्यूटी लगी होती है जिनका काम आने जाने वाले लोगों पर नजर रखना होता है. जो भी शक्स गांव में आता है उसकी प्रोफाइल रजिस्टर में मेनटेन की जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि, जरूरत पड़ने पर उस शख्स की डिटेल खंगाली जा सके.

ये भी पढ़ें: ग्रामीणों की कोरोना से जंग: High Risk Zone में शामिल श्रीगंगानगर की साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

हमारी पड़ताल में मक्कासर गांव के लोग जागरूक नजर आए लेकिन कुछ ऐसे भी लोग मिले जो कोरोना वायरस महामारी को लेकर बे-परवाह थे. कई लोग बिना मास्क के नजर आए तो कई बिना वजह के इधर-उधर घूमते हुए दिखे. हलांकि सरपंच और ग्रामीणों का कहना है कि वह हर स्तर पर कोरोना का मुकाबला कर रहे हैं. गांव में अभी तक कोरोना वायरस नहीं पहुंच पाया है लेकिन मक्कासर के लोगों को और ज्यादा सतर्क और सजग रहने की जरूरत है.

हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मक्कासर गांव स्थित है. इस गांव में सात हजार से ज्यादा मतदाता हैं और यहां 11 हजार से ज्यादा लोग निवास करते हैं. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र, निजी और सरकारी स्कूल भी हैं. गांव में रहने वाले कुछ लोग नौकरी पेशा वाले भी हैं, कुछ रोजगार की तलाश में बाहर दूसरे शहरों में जाते हैं तो वहीं, करीब 200 परिवार ऐसे भी हैं जो दिहाड़ी मजदूरी से ही अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं.

कोरोना से ग्रामीणों की जंग

मक्कासर गांव की खास बात यह है कि यहां के जो समृद्ध लोग हैं वह बुरे वक्त में गांव वालों की मदद करते हैं. गांव के एक युवक ने बताया कि जब गांव वालों ने कोरोना वायरस के बारे में सुना और जाना तो डर गए. सबसे बड़ी चुनौती थी इस महामारी को गांव में फैसले से रोकना लेकिन गांव के समृद्ध लोग और भामाशाहों ने की मदद से हम कोरोना से लड़ने में कामयाब हुए.

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
मक्कासर गांव की सरहद

हम जब गांव में पहुंचे तो हर तरफ सन्नाटा पसरा मिला. गांव की दुकानों पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे. हमने मक्कासर गांव के ग्रामीण, ग्राम पंचायत के कर्मचारी, सरपंच और पंचों से बातचीत की सभी कोरोना वायरस को लेकर जागरूक दिखे, लेकिन गांव वालों के अंदर सरकार और स्थानीय प्रशासन को लेकर नाराजगी दिखी. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली, ग्रामीणों का कहना है कि गांव के करीब आधे लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं. रोजगार नहीं होने की वजह से सब के सामने रोजी-रोटी का संकट है. सरकार को ऐसे वक्त में हमारी भी मदद करनी चाहिए लेकिन कोई नहीं सुन रहा. वहीं कुछ ग्रामीणोंने कहा हमें अभी भी उम्मीद है कि सरकार की तरफ से कुछ ना कुछ आर्थिक सहयोग हमें मिलेगा.

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
मटके में पानी लेकर जाती हुई लड़की

मक्कासर ग्राम पंचायत में ड्यूटी पर तैनात हमें शिक्षिका विमला कड़वासरा मिलीं जिनका कहना था कि कोविड19 को लेकर शुरुआती दौर से लेकर अब तक बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री और जांच करवाई जा रही है. हालांकि, सरपंच बलदेव सिंह का कहना है कि हम गांव की समस्याओं को लेकर कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

कोरोना वायरस की वजह से गांव के ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में गई परिवारों के सामने खाने-पीने का भी संकट पैदा हो गया है. इन लोगों के लिए कई संस्थाएं और भामाशाह काम कर रहे हैं. जरूरतमंद लोगों तक राहत सामाग्री पहुंचा रहे हैं. ग्राणीमों के मुबाबिक, यहां पर इन दिनों गौ सेवा दल, मक्कासर संस्था के जरिये लोगों की मदद कर रहा है. साथ ही गांव के कई परिवारों को गोद भी लिया है. खासतौर पर विधवा, नेत्रहीन और गर्भवती महिला की देखरेख का ख्याल रखा जा रहा है.

villagers fight with corona, गांवों में कोरोना
घर के बाहर आराम फरमाता हुआ ग्रामीण

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग:

हम जब मक्कासर गांव पहुंचे तो यहां लोग मास्क लगाए हुए नजर आए लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जिनके चेहरे पर मास्क नहीं था. गांव की दुकानों में लोग कम थे जिसकी वजह से हमें सोशल डिस्टेंसिंग दिखी लेकिन कुछ ग्रामीणों का कहना था की कुछ लोग इस वक्त भी कोरोना वायरस को लेकर गंभीर नहीं हैं.

पांच बार गांव को सैनिटाइजर किया गया:

सरपंच बलदेव सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए हर संभव कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक पूरे गांव को पांच बार सैनिटाइज किया जा चुका है. गांव में आने जाने वाले लोगों पर नजर भी रखी जा रही है. अगर कोई बाहर से आता तो उसे गांव के बाहर की 14 दिन के लिए क्वारेंटिन किया जाता है.

गांव में आने जाने वाले लोगों पर नजर:

गांव के मेन रास्ते में ही कुछ लोगों की दिन और रात ड्यूटी लगी होती है जिनका काम आने जाने वाले लोगों पर नजर रखना होता है. जो भी शक्स गांव में आता है उसकी प्रोफाइल रजिस्टर में मेनटेन की जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि, जरूरत पड़ने पर उस शख्स की डिटेल खंगाली जा सके.

ये भी पढ़ें: ग्रामीणों की कोरोना से जंग: High Risk Zone में शामिल श्रीगंगानगर की साधुवाली ग्राम पंचायत से ग्राउंड रिपोर्ट

हमारी पड़ताल में मक्कासर गांव के लोग जागरूक नजर आए लेकिन कुछ ऐसे भी लोग मिले जो कोरोना वायरस महामारी को लेकर बे-परवाह थे. कई लोग बिना मास्क के नजर आए तो कई बिना वजह के इधर-उधर घूमते हुए दिखे. हलांकि सरपंच और ग्रामीणों का कहना है कि वह हर स्तर पर कोरोना का मुकाबला कर रहे हैं. गांव में अभी तक कोरोना वायरस नहीं पहुंच पाया है लेकिन मक्कासर के लोगों को और ज्यादा सतर्क और सजग रहने की जरूरत है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 4:11 PM IST
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