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हनुमानगढ़ जंक्शन के मुख्य बाजार में प्रशासन और रेहड़ी संचालक आमने-सामने, जानें पूरा मामला - allegation on police

हनुमानगढ़ जंक्शन के मुख्य बाजार में फल-सब्जी की रेहड़ियां लगाने को लेकर प्रशासन और ठेला संचालकों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. रेहड़ी संचालकों ने पुलिस भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

Vegetables and fruits scattered on the road
प्रशासन और रेहड़ी संचालक आमने-सामने
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Published : May 14, 2021, 1:10 PM IST

हनुमानगढ़. राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने रेहड़ी संचालकों को गलियों में डोर-टू-डोर जाकर फल-सब्जी विक्रय करने की बात कही. दूसरी तरफ रेहड़ी संचालकों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और सब्जी-फल सड़क पर बिखेर दिए. फल की रेहड़ी लगाने वाले मनोज कुमार का कहना था कि वे सुबह 5 बजे थोक सब्जी मंडी में आकर फल-सब्जी खरीदते हैं.

प्रशासन और रेहड़ी संचालक आमने-सामने...

मनोज ने कहा कि वे जितना सामान खरीदते हैं वह दो-तीन घंटे में भी नहीं बिक पाता है. लेकिन पुलिसकर्मी रेहड़ी पर रखे कांटे उठाकर ले जाते हैं. विरोध करने पर चालान काट देते हैं. कोरोना काल के इन हालातों में वे रेहड़ी नहीं लगा पा रहे. अगर प्रशासन उन्हें इसी तरह परेशान करता रहा तो उनके परिवार को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.

पढ़ें : जमात खाने में इकट्ठा हुए थे सैकड़ों लोग, लाठियां बरसाकर पुलिस ने खदेड़ा

उन्होंने कहा कि या तो सम्पूर्ण सब्जी मंडी यार्ड में लगी दुकानो को बंद कर दिया जाए, ताकि ग्राहक घर से न निकलें और रेहड़ी लगाने वालों से फल-सब्जी खरीदें. उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने आने वाला ग्राहक ही रेहड़ी लगाने वालों से फल खरीद रहा है, लेकिन प्रशासन उनसे भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है.

इस पूरे मामले में यातायत थानाप्रभारी अनिल चिन्दा का कहना है कि रेहड़ी संचालकों को समझाइश की गई है कि गाइडलाइंस के अनुसार 11 बजे तक डोर-टू-डोर सब्जी-फल का वितरण करें. लेकिन ये लोग यहां पर एक जगह खड़े हो जाते हैं, जिसकी वजह से भीड़ एकत्रित हो जाती है. कोरोना फैलने का डर बना रहता है. इसी वजह से इनसे समझाइश की जा रही है, न कि कोई जबरदस्ती की जा रही है.

हनुमानगढ़. राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने रेहड़ी संचालकों को गलियों में डोर-टू-डोर जाकर फल-सब्जी विक्रय करने की बात कही. दूसरी तरफ रेहड़ी संचालकों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और सब्जी-फल सड़क पर बिखेर दिए. फल की रेहड़ी लगाने वाले मनोज कुमार का कहना था कि वे सुबह 5 बजे थोक सब्जी मंडी में आकर फल-सब्जी खरीदते हैं.

प्रशासन और रेहड़ी संचालक आमने-सामने...

मनोज ने कहा कि वे जितना सामान खरीदते हैं वह दो-तीन घंटे में भी नहीं बिक पाता है. लेकिन पुलिसकर्मी रेहड़ी पर रखे कांटे उठाकर ले जाते हैं. विरोध करने पर चालान काट देते हैं. कोरोना काल के इन हालातों में वे रेहड़ी नहीं लगा पा रहे. अगर प्रशासन उन्हें इसी तरह परेशान करता रहा तो उनके परिवार को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.

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उन्होंने कहा कि या तो सम्पूर्ण सब्जी मंडी यार्ड में लगी दुकानो को बंद कर दिया जाए, ताकि ग्राहक घर से न निकलें और रेहड़ी लगाने वालों से फल-सब्जी खरीदें. उन्होंने कहा कि सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने आने वाला ग्राहक ही रेहड़ी लगाने वालों से फल खरीद रहा है, लेकिन प्रशासन उनसे भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है.

इस पूरे मामले में यातायत थानाप्रभारी अनिल चिन्दा का कहना है कि रेहड़ी संचालकों को समझाइश की गई है कि गाइडलाइंस के अनुसार 11 बजे तक डोर-टू-डोर सब्जी-फल का वितरण करें. लेकिन ये लोग यहां पर एक जगह खड़े हो जाते हैं, जिसकी वजह से भीड़ एकत्रित हो जाती है. कोरोना फैलने का डर बना रहता है. इसी वजह से इनसे समझाइश की जा रही है, न कि कोई जबरदस्ती की जा रही है.

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