हनुमानगढ. जिला अस्पताल के पूर्व पीएमओ व अस्पताल प्रशासन ने बिना कोई ठोस योजना व कागजी कार्रवाई पूरे करे विधायक से सोनोग्राफी मशीन का उद्घाटन करवा दिया, लेकिन स्थिति ये है कि इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है.
हनुमानगढ़ जिला अस्पताल की ओर से 28 लाख रुपए में खरीदी गई सोनोग्राफी मशीन का लाभ रोगियों को मिलने में अभी वक्त लगेगा. कितना ये बता पाना भी अभी संभव नही है. क्योंकि अभी तक मशीन की कागजी कार्रवाई तक पूरी नहीं हो पाई है. मशीन के संचालन के लिए ट्रैकिंग आईडी तक अस्पताल प्रशासन को नहीं मिली हैं. और ना ही संबंधित कक्ष तय किया गया. दरअसल मेडिकल कॉलेज के नोडल प्रभारी डॉ. क्वात्रा के जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान इस मामले का पटाक्षेप हुआ.
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सोनोग्राफी मशीन लगने में ये आ रहीं दिक्कतें
जिले में मेडिकल कॉलेज बनने की प्रक्रिया चल रही है. जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज में कन्वर्ट हो जाएगा. ऐसे में पुरानी इमारत को तोड़कर तीन मंजिला इमारत का निर्माण होगा. जानकारी के अनुसार एक बार जिस जगह पर सोनोग्राफी मशीन लगा दी जाती है, उसके बाद से मशीन को अन्य जगह पर शिफ्ट नहीं किया जा सकता है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन नई सोनोग्राफी मशीन के संचालन में जगह निर्धारण को लेकर आ रही समस्या के बारे में नोडल प्रभारी डॉ. क्वात्रा को अवगत करवाया गया और अब ट्रैकिंग आईडी लेने के लिए आवेदन किया जाएगा.
जबकि जिला अस्पताल प्रशासन ने गत माह के अंतिम सप्ताह में ही विधायक चौधरी विनोद कुमार से सोनोग्राफी मशीन का उद्घाटन करवा दिया था. वहीं जब वर्तमान पीएमओ दीपक मित्र सैनी का कहना है कि अभी मशीन लगाने की परमिशन यानि कि ट्रैकिंग आईडी से लेकर स्थान व इंस्टाल करने की प्रक्रिया लंबित है जिसको पूरा होने में समय लग सकता है. फिर भी प्रयास किया जा रहा है कि शीघ्र कार्रवाई पूरी कर मशीन शुरू करवाई जाए.
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जिला अस्पताल में कलर सोनोग्राफी उद्घाटन की खबर आमजन तक पहुंची तो सोनोग्राफी के लिए अपनी जेब ढीली कर रहे लोगों ने राहत महसूस की थी लेकिन निःशुल्क जांच के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. वहीं शहर के बुद्धिजीवी लोग पूर्व पीएमओ एमपी शर्मा की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. चर्चा है कि पीएमओ ने अपनी रिटायरमेंट से ठीक 3 दिन पहले इस कार्य को अपने कार्यकाल में दर्शाने के लिए आनन-फानन में मशीन का उद्घाटन करवा दिया, जबकि इसका लाभ मरीजों को आजतक मिलना शुरू नहीं हुआ हैं.
जिला अस्पताल को डीएमएफसी के तहत 38 लाख रुपए का बजट राज्य सरकार से मिला था. इनमें से 28 लाख की लागत से कलर डोपलर अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीद की है व दस लाख की लागत से एनएसथेसिया की मशीन भी खरीदी है. वर्तमान में एमसीएच यूनिट में एक ही सोनोग्राफी मशीन का संचालन किया जा रहा है. इस मशीन से केवल जेएसवाई योजना के तहत गर्भवती की ही जांच की सुविधा है. ओपीडी समय में प्रतिदिन 25 से 30 जनों की ही जांच हो पाती है.
नई कलर डोपलर सोनोग्राफी मशीन का संचालन शुरू होने से सभी तरह के रोगियों की जांच होगी, लेकिन अधिकारियों ने वाहवाही लूटने के लिए मशीन का उद्घाटन तो करा दिया लेकिन सुविधा नहीं शूरू की गई.