हनुमानगढ़. प्रदेश में मानसून का एक और दौर रविवार से सक्रिय हो गया है. सोमवार अलसुबह तक राजधानी जयपुर समेत पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में बादलों के बीच रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा. हनुमानगढ़ के संगरिया, श्रीगंगानगर, चूरू के अलावा जयपुर, अलवर और कोटा में भी इस दौरान बरसात हुई. रविवार को सबसे ज्यादा बरसात अलवर जिले में करीब 5 इंच की दर्ज की गई. मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सामान्य से करीब 80 फ़ीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है. सामान्यतः इस दौरान डेढ़ सौ मिलीमीटर के करीब बारिश हुआ करती है, लेकिन इस मानसून में यह बारिश 275 मिली मीटर रिकॉर्ड की जा चुकी है. जयपुर में भी अब तक मानसून की कोटे की 60 फ़ीसदी से ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है. बिपरजॉय तूफान के बाद से जारी बारिश के दौर के बीच जोधपुर संभाग में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. रविवार को अलवर में 130 मिलीमीटर बारिश हुई, वही कोटा में 45 मिलीमीटर, श्रीगंगानगर में 23 मिलीमीटर, बारां के अंता में 26 मिलीमीटर, करौली में 17 मिलीमीटर, हनुमानगढ़ के संगरिया में 16 मिलीमीटर और चूरू में 4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई.
सोमवार को मौसम विभाग ने देश के उत्तर पूर्वी भाग में हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है. जयपुर केंद्र के मुताबिक इस दौरान भरतपुर, जयपुर, अलवर, सीकर और झुंझुनूं में बारिश की संभावना है. दक्षिणी राजस्थान में भी उदयपुर संभाग के सभी जिलों में बारिश की संभावना है, वहीं कोटा संभाग के झालावाड़ और बारां में मौसम विभाग ने सतर्क रहने के लिए कहा है. मौसम विभाग के अनुसार 5 दिनों तक विराम के बाद एक बार फिर सक्रिय हुए मॉनसून का सरकुलेशन सिस्टम फिलहाल मध्य प्रदेश उत्तरी इलाके से होते हुए राजस्थान के दक्षिणी पूर्वी हिस्से से गुजर रहा है. ऐसे में बुधवार तक क्षेत्र के 10 जिलों में तेज बरसात के आसार रहेंगे.
घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतर : हनुमानगढ़ जिले में लगातार बाढ़ का खतरा बना हुआ है. बीते 1 हफ्ते से घग्गर नदी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. रविवार को भी सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर शिफ्ट किया गया. प्रशासन के मुताबिक घग्घर में पानी की मात्रा बढ़कर 12 हजार 203 क्यूसेक हो चुकी है. ओटू हेड पर भी 1000 क्यूसेक पानी बढ़ चुका है. सार्दुलगढ़ पर नदी ओवरफ्लो होने के कारण इसके बहाव का ठीक से आकलन भी प्रशासन नहीं कर पा रहा है. जल संसाधन विभाग की ओर से घग्घर साइफन पर आ रहे पानी को नाली हेड और सेमराला में चलाया जा रहा है. रविवार को नाली हेड में पानी की मात्रा बढ़ कर 4802 से कर दी गई है. वहीं सेमनाला में 7300 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है. बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिले के टिब्बी तहसील से 300 से ज्यादा लोगों को महफूज स्थानों की ओर भेजा गया, वहीं हनुमानगढ़ में 184 और पीलीबंगा में 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया.
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