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हनुमानगढ़ में फूंका सीएम गहलोत का पुतला... - rajasthan

मानदेय में उचित वृद्धी नहीं होने से जिले की आशा सहयोगिनियों ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंच कर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंका. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा.

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Published : Jul 31, 2019, 7:20 PM IST

हनुमानगढ़. जिले में आशा सहयोगिनियां पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. आंदोलन की कड़ी में बुधवार को जिले भर की आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्टर पहुंच प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंका.

हनुमानगढ़ में फूंका सीएम गहलोत का पुतला,

प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों की मांग है कि उनका मानदेय काफी कम है. मात्र 2500 रुपए दिया जा रहा है. जिसमें उनका घर चलाना काफी मुश्किल है. दो वक्त की चाय भी नहीं बन पाती. वे मांग करते हैं कि उन्हें 18 हजार का मानदेय दिया जाए. साथ ही उनका सरकारीकरण किया जाए. अन्यथा उनका आंदोलन जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें: प्रदेशभर में बस ऑपरेटर्स का चक्का जाम...थमे 15 हजार बसों के पहिए

आंदोलन के चलते सरकार ने पिछले दिनों मात्र 200 रुपए बढ़ाए थे जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान था जिससे आशा सहयोगिनियों में और आक्रोश फैल गया और इसी आक्रोश का नतीजा था कि उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर अपना आक्रोश व्यक्त किया और साफ तौर पर चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा.

हालांकि कई दिनों से आशा सहयोगिनी आंदोलन कर रही है लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. जिस तरह से उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है उसके बाद देखना होगा कि सरकार पर कोई असर होता है या नहीं.

हनुमानगढ़. जिले में आशा सहयोगिनियां पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. आंदोलन की कड़ी में बुधवार को जिले भर की आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्टर पहुंच प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंका.

हनुमानगढ़ में फूंका सीएम गहलोत का पुतला,

प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों की मांग है कि उनका मानदेय काफी कम है. मात्र 2500 रुपए दिया जा रहा है. जिसमें उनका घर चलाना काफी मुश्किल है. दो वक्त की चाय भी नहीं बन पाती. वे मांग करते हैं कि उन्हें 18 हजार का मानदेय दिया जाए. साथ ही उनका सरकारीकरण किया जाए. अन्यथा उनका आंदोलन जारी रहेगा.

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आंदोलन के चलते सरकार ने पिछले दिनों मात्र 200 रुपए बढ़ाए थे जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान था जिससे आशा सहयोगिनियों में और आक्रोश फैल गया और इसी आक्रोश का नतीजा था कि उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर अपना आक्रोश व्यक्त किया और साफ तौर पर चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा.

हालांकि कई दिनों से आशा सहयोगिनी आंदोलन कर रही है लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है. जिस तरह से उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है उसके बाद देखना होगा कि सरकार पर कोई असर होता है या नहीं.

Intro:हनुमानगढ़ जिले में आशा सहयोगिनी पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है आंदोलन की कड़ी में आज जिले भर की आशा सहयोगिनियों ने जिला कलेक्टर पहुंच प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंका


Body:प्रदर्शन कर रही आशा सहयोगिनियों की मांग है कि उनका मानदेय काफी कम है मात्र ₹25 होने दिया जाता है जिसमें उनका घर चलाना काफी मुश्किल है दो टाइम की चाय नहीं बन पाती ₹2500 में, वे मांग करते हैं कि उन्हें ₹18000 का मानदेय दिया जाए साथ ही उनका सरकारी करण किया जाए नहीं तो उनका आंदोलन जारी रहेगा आंदोलन के चलते सरकार ने पिछले दिनों मात्र ₹200 बढ़ाए थे जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान था जिससे आशा सहयोगिनियों में और आक्रोश फैल गया और इसी आक्रोश का नतीजा था कि उन्होंने आज मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर अपना आक्रोश व्यक्त किया और साफ तौर पर चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा

वॉक्स-पॉक्स आशा सहयोगिनी के साथ


Conclusion: हालांकि कई दिनों से आशा सहयोगिनी आंदोलन कर रही है लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है जिस तरह से उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है उसके बाद देखना होगा कि सरकार पर कोई असर होता है या नहीं
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