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हनुमानगढ़ में पेट्रोल पंप रहा बंद, वाहन चालक ईंधन के लिए इधर-उधर भटकते रहे - डीजल और पेट्रोल पर वैट

राजस्थान सरकार की ओर से डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए हाई वैट के कारण हनुमानगढ़ में भी पेट्रोल पम्प संचालक हड़ताल पर रहे. इस दौरान वाहन चालक तेल के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए. वहीं हड़ताल के दौरान आपातकालीन वाहनों, अग्निशमन, एंबुलेंस के लिए पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति जारी रही.

Hanumangarh news, Petrol pump operator strike
हनुमानगढ़ में पेट्रोल पंप रहा बंद
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Published : Apr 10, 2021, 4:22 PM IST

हनुमानगढ़. राजस्थान सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए हाई वैट के कारण पूरे राजस्थान सहित हनुमानगढ़ में भी पेट्रोल पम्प संचालक हड़ताल पर रहे. वाहन चालक तेल के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए. वहीं हड़ताल के दौरान आपातकालीन वाहनों अग्निशमन, एंबुलेंस और अन्य आपात परिस्थितियों में वाहनों के लिए आपूर्ति खुली रही. हलांकि हड़ताल के दौरान हनुमानगढ़ एसोशिएशन में आपसी फूट भी सामने आई. पेट्रोल पम्प संचालको का कहना है कि राज्य में ईंधन की उच्च लागत के कारण हम पंजाब जैसे अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में 34 प्रतिशत कम पेट्रोल और डीजल बेच रहे हैं. इस वजह से पेट्रोल पंप मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कारण उनमें से कुछ को तो ये व्यापार स्थायी रूप से बंद करना पड़ा है और पड़ोसी राज्यों से ईंधन की हो रही तस्करी ने तो पम्प संचालकों की कमर ही तोड़ दी है.

संसदीय क्षेत्र श्रीगंगानगर से लोकसभा सांसद निहाल चन्द लोकसभा में शून्य काल के दौरान हनुमानगढ़ जिले में वर्ष 2010-11 से बंद पड़े तेल डिपो को जल्द से जल्द पुन: बहाल करने का मुद्दा उठाया जा चुका है. सांसद मेघवाल ने सदन को बताया कि पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल राजस्थान और खासकर जिला श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में बिकता है. यहां पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े को भी पार कर गया है, जबकि पास के ही राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा में पेट्रोल और डीजल लगभग 10 से 12 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता है. राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की दरें अत्यधिक होने से यहां पेट्रोल और डीजल की अवैध तस्करी भी हो रही है और यहां के पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर आ गए हैं.

यह भी पढ़ें- Exclusive: जनता करेगी BJP का हिसाब, तीनों सीटों पर जीतेगी कांग्रेस: उच्च शिक्षा मंत्री भाटी

सांसद मेघवाल ने सदन को बताया कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में तेल जोधपुर डिपो से आता है. इसमें अत्यधिक दूरी के कारण अन्य शुल्क लगाया जाता है. इस कारण राजस्थान के अन्य जिलों से भी महंगा पेट्रोल और डीजल श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में बिकता है. इसकी सबसे ज्यादा मार क्षेत्र के आम आदमी और किसानों को झेलनी पड़ती है. सांसद मेघवाल ने कहा कि यदि हनुमानगढ़ जिले में बंद पड़े तेल डिपो को बहाल किया जाता है, तो जोधपुर से तेल आने पर लगने वाले शुल्क को खत्म किया जा सकता है. इससे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ समेत अन्य जिलों को इसका लाभ होगा और प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की एक समान दर तय करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से हनुमानगढ़ जिले में बंद पड़े तेल डिपो को पुन: बहाल करने या बठिंडा तेल डिपो से श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को सप्लाई देने का आग्रह किया है, जिससे पम्प संचालकों और उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.

सुजानगढ़ में पेट्रोल पंप बंद रहा

सुजानगढ़ में वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप बंद रहे. पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से आ रहे पेट्रोल-डीजल पर रोक लगाने की मांग भी की है. वैट कम करने की मांग को लेकर शनिवार को पेट्रोल पंप बंद रहे. पेट्रोल पंप बंद रहने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर के पेट्रोल पंपों से करीब 60 से 70 हजार लीटर पेट्रोल डीजल की बिक्री होती है, जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व की आय होती है. पेट्रोल पंप मालिकों की हड़ताल होने से वाहन चालकों खासकर जिन्हें लंबी दूरी की यात्रा करनी है, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

हनुमानगढ़. राजस्थान सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए हाई वैट के कारण पूरे राजस्थान सहित हनुमानगढ़ में भी पेट्रोल पम्प संचालक हड़ताल पर रहे. वाहन चालक तेल के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए. वहीं हड़ताल के दौरान आपातकालीन वाहनों अग्निशमन, एंबुलेंस और अन्य आपात परिस्थितियों में वाहनों के लिए आपूर्ति खुली रही. हलांकि हड़ताल के दौरान हनुमानगढ़ एसोशिएशन में आपसी फूट भी सामने आई. पेट्रोल पम्प संचालको का कहना है कि राज्य में ईंधन की उच्च लागत के कारण हम पंजाब जैसे अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में 34 प्रतिशत कम पेट्रोल और डीजल बेच रहे हैं. इस वजह से पेट्रोल पंप मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कारण उनमें से कुछ को तो ये व्यापार स्थायी रूप से बंद करना पड़ा है और पड़ोसी राज्यों से ईंधन की हो रही तस्करी ने तो पम्प संचालकों की कमर ही तोड़ दी है.

संसदीय क्षेत्र श्रीगंगानगर से लोकसभा सांसद निहाल चन्द लोकसभा में शून्य काल के दौरान हनुमानगढ़ जिले में वर्ष 2010-11 से बंद पड़े तेल डिपो को जल्द से जल्द पुन: बहाल करने का मुद्दा उठाया जा चुका है. सांसद मेघवाल ने सदन को बताया कि पूरे देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल राजस्थान और खासकर जिला श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में बिकता है. यहां पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े को भी पार कर गया है, जबकि पास के ही राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा में पेट्रोल और डीजल लगभग 10 से 12 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता है. राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की दरें अत्यधिक होने से यहां पेट्रोल और डीजल की अवैध तस्करी भी हो रही है और यहां के पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर आ गए हैं.

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सांसद मेघवाल ने सदन को बताया कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में तेल जोधपुर डिपो से आता है. इसमें अत्यधिक दूरी के कारण अन्य शुल्क लगाया जाता है. इस कारण राजस्थान के अन्य जिलों से भी महंगा पेट्रोल और डीजल श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में बिकता है. इसकी सबसे ज्यादा मार क्षेत्र के आम आदमी और किसानों को झेलनी पड़ती है. सांसद मेघवाल ने कहा कि यदि हनुमानगढ़ जिले में बंद पड़े तेल डिपो को बहाल किया जाता है, तो जोधपुर से तेल आने पर लगने वाले शुल्क को खत्म किया जा सकता है. इससे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ समेत अन्य जिलों को इसका लाभ होगा और प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की एक समान दर तय करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से हनुमानगढ़ जिले में बंद पड़े तेल डिपो को पुन: बहाल करने या बठिंडा तेल डिपो से श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को सप्लाई देने का आग्रह किया है, जिससे पम्प संचालकों और उपभोक्ताओं को राहत मिल सके.

सुजानगढ़ में पेट्रोल पंप बंद रहा

सुजानगढ़ में वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोल पंप बंद रहे. पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से आ रहे पेट्रोल-डीजल पर रोक लगाने की मांग भी की है. वैट कम करने की मांग को लेकर शनिवार को पेट्रोल पंप बंद रहे. पेट्रोल पंप बंद रहने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर के पेट्रोल पंपों से करीब 60 से 70 हजार लीटर पेट्रोल डीजल की बिक्री होती है, जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व की आय होती है. पेट्रोल पंप मालिकों की हड़ताल होने से वाहन चालकों खासकर जिन्हें लंबी दूरी की यात्रा करनी है, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

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