ETV Bharat / state

सरसों की तुलाई के लिए राजफेड ने बाहर से बुलाए मजदूर, हम्माल मजदूरों ने की हड़ताल - हनुमानगढ़ मजदूर हड़ताल

हनुमानगढ़ में राजफेड की ओर से सरसों की तुलाई के लिए बाहर से मजदूर मंगवाने को लेकर हम्माल मजदूरों ने हड़ताल कर दी है. साथ ही बाहर से आए मजदूरों की कोरोना जांच करवाने की मांग की है.

मजदूरों ने की हड़ताल, workers strike
मजदूरों ने की हड़ताल
author img

By

Published : May 8, 2020, 6:38 PM IST

हनुमानगढ़. जक्शन धान मंडी के हम्माल मजदूरों को लॉकडाउन के कारण पहले से ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब इनके उपर एक और मुसीबत आन पड़ी है. दरअसल राजफेड ने सरसों की तुलाई के लिए बाहर से श्रमिक मंगवाए हैं. जिससे इन मजदूरों पर रोजगार का संकट छा गया है. भुखमरी से मजबूर और आक्रोशित ये मजदूर धरने-प्रदर्शन और हड़ताल को मजबूर हो गए हैं.

राजफेड ने बाहर से मंगवाए मजदूर तो लाइसेंसधारी हम्मालों ने की हड़ताल

इनका आरोप है कि दशकों से स्थानीय मजदूर इन मंडियों में काम कर रहे हैं. उनको दरकिनार करके राजफेड सरसों की तुलाई के लिए बाहर से श्रमिक मंगवा रहा है. ऐसे में स्थानीय मजदूरों पर भूखों मरने की नौबत आ गई है. साथ ही बाहर से मजदूर बुलाकर राजफेड और प्रशासन कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को न्योता भी दे रहा है. वह 7 दिन पहले ही राजफेड मंडी समिति और जिला प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत करवा चुके हैं. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.

पढ़ें: COVID-19: राजस्थान में 64 नए कोरोना केस, कुल संक्रमितों की संख्या पहुंची 3,491, मौतों का आंकड़ा 100

राजफेड के इस निर्णय से जहां एक तरफ लाइसेंसधारी श्रमिकों के समक्ष आर्थिक संकट गहराया हुआ है. वहीं मंडी में पड़े हजारों क्विंटल गेहूं की तुलाई भी रुक गई है. कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान सरकार साफ रूप से आदेश कर चुकी है की जितनी फसल की खरीद हो चुकी है, उसकी तुलाई और उठाव उसी दिन हो. लेकिन हड़ताल की वजह से सब ठप हो गया.

हनुमानगढ़. जक्शन धान मंडी के हम्माल मजदूरों को लॉकडाउन के कारण पहले से ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब इनके उपर एक और मुसीबत आन पड़ी है. दरअसल राजफेड ने सरसों की तुलाई के लिए बाहर से श्रमिक मंगवाए हैं. जिससे इन मजदूरों पर रोजगार का संकट छा गया है. भुखमरी से मजबूर और आक्रोशित ये मजदूर धरने-प्रदर्शन और हड़ताल को मजबूर हो गए हैं.

राजफेड ने बाहर से मंगवाए मजदूर तो लाइसेंसधारी हम्मालों ने की हड़ताल

इनका आरोप है कि दशकों से स्थानीय मजदूर इन मंडियों में काम कर रहे हैं. उनको दरकिनार करके राजफेड सरसों की तुलाई के लिए बाहर से श्रमिक मंगवा रहा है. ऐसे में स्थानीय मजदूरों पर भूखों मरने की नौबत आ गई है. साथ ही बाहर से मजदूर बुलाकर राजफेड और प्रशासन कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को न्योता भी दे रहा है. वह 7 दिन पहले ही राजफेड मंडी समिति और जिला प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत करवा चुके हैं. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.

पढ़ें: COVID-19: राजस्थान में 64 नए कोरोना केस, कुल संक्रमितों की संख्या पहुंची 3,491, मौतों का आंकड़ा 100

राजफेड के इस निर्णय से जहां एक तरफ लाइसेंसधारी श्रमिकों के समक्ष आर्थिक संकट गहराया हुआ है. वहीं मंडी में पड़े हजारों क्विंटल गेहूं की तुलाई भी रुक गई है. कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान सरकार साफ रूप से आदेश कर चुकी है की जितनी फसल की खरीद हो चुकी है, उसकी तुलाई और उठाव उसी दिन हो. लेकिन हड़ताल की वजह से सब ठप हो गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.