हनुमानगढ़. जक्शन धान मंडी के हम्माल मजदूरों को लॉकडाउन के कारण पहले से ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब इनके उपर एक और मुसीबत आन पड़ी है. दरअसल राजफेड ने सरसों की तुलाई के लिए बाहर से श्रमिक मंगवाए हैं. जिससे इन मजदूरों पर रोजगार का संकट छा गया है. भुखमरी से मजबूर और आक्रोशित ये मजदूर धरने-प्रदर्शन और हड़ताल को मजबूर हो गए हैं.
इनका आरोप है कि दशकों से स्थानीय मजदूर इन मंडियों में काम कर रहे हैं. उनको दरकिनार करके राजफेड सरसों की तुलाई के लिए बाहर से श्रमिक मंगवा रहा है. ऐसे में स्थानीय मजदूरों पर भूखों मरने की नौबत आ गई है. साथ ही बाहर से मजदूर बुलाकर राजफेड और प्रशासन कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को न्योता भी दे रहा है. वह 7 दिन पहले ही राजफेड मंडी समिति और जिला प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत करवा चुके हैं. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.
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राजफेड के इस निर्णय से जहां एक तरफ लाइसेंसधारी श्रमिकों के समक्ष आर्थिक संकट गहराया हुआ है. वहीं मंडी में पड़े हजारों क्विंटल गेहूं की तुलाई भी रुक गई है. कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान सरकार साफ रूप से आदेश कर चुकी है की जितनी फसल की खरीद हो चुकी है, उसकी तुलाई और उठाव उसी दिन हो. लेकिन हड़ताल की वजह से सब ठप हो गया.