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हनुमानगढ़ः NGC नहर 6 दिन में दूसरी बार टूटी, किसानों ने कार्रवाई की मांग की

जल संसाधन विभाग और नहर अध्यक्षों की भारी लापरवाही का मामला सामने आया है. क्षेत्र की एनजीसी नहर 6 दिन में दूसरी बार टूट गई. साथ ही नहर टूटने से करीब डेढ़ सौ बीघा गेंहू की खड़ी फसल बर्बाद हो गई. किसानों ने अधिकारियों पर खानापूर्ति के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की.

हनुमानगढ़ की खबर, hanumangarh news
नहर टूटने पर किसानों ने कार्रवाई की मांग की
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Published : Jan 21, 2021, 4:29 PM IST

हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग और नहर अध्यक्षों की भारी लापरवाही का मामला सामने आया है. क्षेत्र की एनजीसी नहर 6 दिन में दूसरी बार टूट गई. साथ ही नहर टूटने से करीव डेढ़ सौ बीघा गेंहू की खड़ी फसल बर्बाद हो गई.

NGC नहर 6 दिन में दूसरी बार टूटी

बता दें कि इससे पूर्व में भी यही एनजीसी नहर 6 दिन पूर्व मोघों में कचरा अटा होने और सफाई नहीं होने के चलते टूट गई थी. तब किसानों की करीब 200 बीघा गेंहू की फसल बर्बाद हो गई थी. हलांकि उस समय अधिकारियों की ओर से नहर टूटने पर मिट्टी के कट्टे नहर के आसपास लगाए गए थे, लेकिन ये इंतजाम नाकाफी साबित हुए और छह दिन बाद ही एक बार फिर नहर में पानी छोड़ते ही और विभागीय लापरवाही के चलते देर रात्रि नहर फिर टूट गई.

पढ़ेंः हनुमानगढ़ में एनजीसी नहर टूटी, 200 बीघा में लगी फसल बर्बाद

इस बार लगभग 150 बीघा फसल जमीदोंज हो गई. करीब 350 बीघा लाखों की फसल बर्बाद हो गई. बार-बार नहर टूटने से किसान मायूस और परेशान तो है, साथ ही उनका गुस्सा भी सांतवे आसमान पर है. उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही और खानापूर्ति के आरोप लगाते हुए स्थानीय, प्रशासन और सरकार से ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है.

पढ़ेंः मुख्यमंत्री की निःशुल्क भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी, अलवर में जल्द स्थापित होगा राजस्थान का तीसरा सैनिक स्कूल

गौरतलब है की पिछली बार जब नहर टूटी थी तब जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. तो किसानों के प्रति उनका रवैया इस तरह से था, की मरहम और मुआवजा तो दूर की बात, उनकी इस रवैये से किसान काफी आक्रोशित और परेशान थे. सरकारें एक तरफ किसान हितैषी होने के दावे करती है तो वहीं, दूसरी तरफ किसानो की रीढ़ की हड्डी यानि नहरी तंत्र की ये बदहाली, अनदेखी और अधिकारियों का ये रवैया सरकार और प्रशासन की मंशा पर सवालिया निशान लगा रहा है.

हनुमानगढ़. जल संसाधन विभाग और नहर अध्यक्षों की भारी लापरवाही का मामला सामने आया है. क्षेत्र की एनजीसी नहर 6 दिन में दूसरी बार टूट गई. साथ ही नहर टूटने से करीव डेढ़ सौ बीघा गेंहू की खड़ी फसल बर्बाद हो गई.

NGC नहर 6 दिन में दूसरी बार टूटी

बता दें कि इससे पूर्व में भी यही एनजीसी नहर 6 दिन पूर्व मोघों में कचरा अटा होने और सफाई नहीं होने के चलते टूट गई थी. तब किसानों की करीब 200 बीघा गेंहू की फसल बर्बाद हो गई थी. हलांकि उस समय अधिकारियों की ओर से नहर टूटने पर मिट्टी के कट्टे नहर के आसपास लगाए गए थे, लेकिन ये इंतजाम नाकाफी साबित हुए और छह दिन बाद ही एक बार फिर नहर में पानी छोड़ते ही और विभागीय लापरवाही के चलते देर रात्रि नहर फिर टूट गई.

पढ़ेंः हनुमानगढ़ में एनजीसी नहर टूटी, 200 बीघा में लगी फसल बर्बाद

इस बार लगभग 150 बीघा फसल जमीदोंज हो गई. करीब 350 बीघा लाखों की फसल बर्बाद हो गई. बार-बार नहर टूटने से किसान मायूस और परेशान तो है, साथ ही उनका गुस्सा भी सांतवे आसमान पर है. उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही और खानापूर्ति के आरोप लगाते हुए स्थानीय, प्रशासन और सरकार से ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है.

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गौरतलब है की पिछली बार जब नहर टूटी थी तब जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. तो किसानों के प्रति उनका रवैया इस तरह से था, की मरहम और मुआवजा तो दूर की बात, उनकी इस रवैये से किसान काफी आक्रोशित और परेशान थे. सरकारें एक तरफ किसान हितैषी होने के दावे करती है तो वहीं, दूसरी तरफ किसानो की रीढ़ की हड्डी यानि नहरी तंत्र की ये बदहाली, अनदेखी और अधिकारियों का ये रवैया सरकार और प्रशासन की मंशा पर सवालिया निशान लगा रहा है.

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