हनुमानगढ़. इंदिरा गांधी नहर में 60 दिन की नहरबंदी के बाद जिले में पानी आते ही विवाद खड़ा हो गया है. भाखड़ा नहरों में सिंचाई पानी की मांग को लेकर आक्रोशित सदस्यों और हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर जिलों के 5 विधायकों धर्मेंद्र मोची, गुरदीप शाहपीनी, रामप्रताप कासनिया, संतोष बावरी, बलवीर लूथरा, श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद और पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप की हनुमानगढ़ जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और सिंचाई अधिकारियों से बैठक हुई. बैठक में विधायकों और भाखड़ा रेगुलेशन कमेटी सदस्यों ने 2 जून से भाखड़ा नहरों में 1200 क्यूसेक पानी की मांग रखी जिस पर सिंचाई विभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने 2 जून से पर्याप्त पानी देने का आश्वासन दिया.
बैठक में पंजाब में नहरबंदी में हुए निर्माण कार्यों में राजस्थान कैनाल से ठेकेदार द्वारा मिट्टी ना उठाने और मिट्टी के पानी में बहने पर आक्रोश जताया और इंदिरा गांधी नहर में घटिया निर्माण के भी आरोप लगाए जिस पर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने जांच की बात कही. बैठक में किसानों ने कहा कि अगर भाखड़ा नहरों में पर्याप्त पानी नहीं मिला तो किसान आंदोलन करेंगे.
बैठक के बाद श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों के विधायकों, सांसद और दोनों जिलों के भाजपा नेताओं ने जिला कलेक्टर से अलग से बैठक की और घटिया निर्माण और मिट्टी बहने के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग रखी. गौरतलब है कि इंदिरा गांधी नहर में घटिया निर्माण की शिकायत पर एसीबी ने भी सैम्पल लिए थे, और पंजाब में राजस्थान कैनाल में पानी में मिट्टी बहने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिस पर भाजपा नेताओं और किसानों में आक्रोश है. 60 दिन की नहरबंदी में 400 करोड़ रुपये के काम हुए हैं जिससे किसानों को पानी बचने की उम्मीद थी लेकिन अब विवाद बढ़ रहा है और जिला कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.