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हनुमानगढ़ में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन, महिलाओं को कानून और उनके अधिकारों की दी जानकारी

विधिक साक्षरता शिविर और जागरूकता कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने महिलाओं को जागरूक किया. इस दौरान महिलाओं के कई सवालों का जवाब दिया गया और उनके अधिकारों को बताया गया.

में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
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Published : Jun 26, 2019, 11:20 PM IST

हनुमानगढ़. राजस्थान के हनुमानगढ़ के चक ज्वाला सिंह वाला गांव में आज राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हनुमानगढ़ के निर्देशानुसार विधिक साक्षरता शिविर और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने महिलाओं को उनके अधिकारों और कानून के बारे में बारीकी से जानकारी दी.

कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने ग्रामीणों से कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सहज सुलभ न्याय दिलाना एवं जरूरतमंद व्यक्ति को विधिक सहायता दिलाना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य है. साथ ही कहा कि मानव जन्म लेने उनके व्यस्क होने विवाह शादी के बाद उसके अधिकार बच्चों के अधिकार और मौत उपरांत उसके उत्तराधिकारी संबंधी कानून के सभी को जानकारी होनी चाहिए.

में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

उन्होंने बताया कि आज के समय में अधिकतर महिलाओं को जानकारी नहीं है, इसलिए अपराध होने के बाद उन्हें पूरा न्याय भी नहीं मिल पाता है. इसलिए सभी महिलाओं को छात्राओं को बालिकाओं को कानून की जानकारी होनी चाहिए, अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, जिससे कि वे आसानी से न्याय ले सकें. उनहोंने कहा कि महिलाएं जो पूछ रही हैं उसका कारण अज्ञानता है, अशिक्षा है. इसलिए सभी को शिक्षा से जुड़ना चाहिए और अपने बच्चों को शिक्षा की ओर जोड़ना चाहिए जिससे कि वे अपने कानून और अधिकारों की जानकारी प्राप्त कर सके और समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर चल सकें.

बता दें कि साक्षरता शिविर में महिलाओं ने भी न्यायाधीश से सवाल किए और उनके जवाब लिए. निश्चित तौर पर जिस तरह के यह शिविर आयोजन किए जा रहे हैं उससे कहीं ना कहीं महिलाओं में जागरूकता आएगी और अपने अधिकारों और कानून के बारे में उन्हें जानकारी मिलेगी जो कि हमारे समाज के लिए काफी जरूरी है.

हनुमानगढ़. राजस्थान के हनुमानगढ़ के चक ज्वाला सिंह वाला गांव में आज राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हनुमानगढ़ के निर्देशानुसार विधिक साक्षरता शिविर और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने महिलाओं को उनके अधिकारों और कानून के बारे में बारीकी से जानकारी दी.

कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने ग्रामीणों से कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सहज सुलभ न्याय दिलाना एवं जरूरतमंद व्यक्ति को विधिक सहायता दिलाना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य है. साथ ही कहा कि मानव जन्म लेने उनके व्यस्क होने विवाह शादी के बाद उसके अधिकार बच्चों के अधिकार और मौत उपरांत उसके उत्तराधिकारी संबंधी कानून के सभी को जानकारी होनी चाहिए.

में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

उन्होंने बताया कि आज के समय में अधिकतर महिलाओं को जानकारी नहीं है, इसलिए अपराध होने के बाद उन्हें पूरा न्याय भी नहीं मिल पाता है. इसलिए सभी महिलाओं को छात्राओं को बालिकाओं को कानून की जानकारी होनी चाहिए, अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, जिससे कि वे आसानी से न्याय ले सकें. उनहोंने कहा कि महिलाएं जो पूछ रही हैं उसका कारण अज्ञानता है, अशिक्षा है. इसलिए सभी को शिक्षा से जुड़ना चाहिए और अपने बच्चों को शिक्षा की ओर जोड़ना चाहिए जिससे कि वे अपने कानून और अधिकारों की जानकारी प्राप्त कर सके और समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर चल सकें.

बता दें कि साक्षरता शिविर में महिलाओं ने भी न्यायाधीश से सवाल किए और उनके जवाब लिए. निश्चित तौर पर जिस तरह के यह शिविर आयोजन किए जा रहे हैं उससे कहीं ना कहीं महिलाओं में जागरूकता आएगी और अपने अधिकारों और कानून के बारे में उन्हें जानकारी मिलेगी जो कि हमारे समाज के लिए काफी जरूरी है.

Intro:हनुमानगढ़ के चक ज्वाला सिंह वाला गांव में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हनुमानगढ़ के निर्देशानुसार विधिक साक्षरता शिविर और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने महिलाओं को उनके अधिकारों और कानून के बारे में बारीकी से जानकारी दी


Body:कार्यक्रम में न्यायाधीश अनुभूति मिश्रा ने ग्रामीणों को कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सहज सुलभ न्याय दिलाना एवं जरूरतमंद व्यक्ति को विधिक सहायता दिलाना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य है साथ ही कहा कि मानव जन्म लेने उनके व्यस्क होने विवाह शादी के बाद उसके अधिकार बच्चों के अधिकार और मृत्यु उपरांत उसके उत्तराधिकारी संबंधी कानून के सभी को जानकारी होनी चाहिए साथ ही उन्होंने बताया कि आज के समय में अधिकतर महिलाओं को जानकारी नहीं है इसलिए अपराध होने के बाद उन्हें पूरा न्याय भी नहीं मिल पाता है इसलिए सभी महिलाओं को छात्राओं को बालिकाओं को कानून की जानकारी होनी चाहिए अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए जिससे कि वे आसानी से न्याय ले सके और महिलाएं जो पूछ रही है उसका कारण अज्ञानता है अशिक्षा है इसलिए सभी को शिक्षा से जुड़ना चाहिए अपने बच्चों को शिक्षा की ओर जोड़ना चाहिए जिससे कि वे अपने कानून और अधिकारों की जानकारी प्राप्त कर सके और समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर चल सकें बाईट बृजलाल भाखर,समाजसेवी


Conclusion:साक्षरता शिविर में महिलाओं ने भी न्यायाधीश से सवाल किए उनके जवाब लिए निश्चित तौर पर जिस तरह के यह शिविर आयोजन किए जा रहे हैं उससे कहीं ना कहीं महिलाओं में जागरूकता आएगी अपने अधिकारों और कानून के बारे में उन्हें जानकारी मिलेगी जो कि हमारे समाज के लिए काफी जरूरी है
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