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हनुमानगढ़ : बारिश में बहे किसानों के अरमान, धान मंडियों में पड़ा गेहूं भीगा

प्रदेश में बदले मौसम ने लोगों को गर्मी से तो राहत दी है, लेकिन किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. हनुमानगढ़ में हुई बारिश के कारण धान मंडियों में खुले में रखा किसानों का गेहूं बारिश में भीग कर खराब हो गया है.

हनुमानगढ़ की ताजा हिंदी खबरें, Wheat soaked due to rain
हनुमानगढ़ में हुई बारिश के कारण किसानों का गेहूं भीगा
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Published : Apr 20, 2021, 7:15 PM IST

हनुमानगढ़. जिले में मंगलवार सुबह से ही रुक-रुककर चल रही बरसात से जहां मौसम सुहावना हो गया. वहीं बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. धान मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं बारिश से भीग कर खराब हो गया है.

हनुमानगढ़ में हुई बारिश के कारण किसानों का गेहूं भीगा

बारिश में बहे किसानों के अरमान

जिले में कई स्थानों पर सुबह से बरसात का दौर चल रहा है और टाऊन-जंक्शन की धान मंडियों में गेहूं की फसल खुले में पड़ी है और कृषि उपज मंडी समितियों के पास फसल को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त तिरपाल तक की व्यवस्था नहीं है जिस कारण किसान स्वयं ही तिरपाल की व्यवस्था कर अपनी फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी किसानों से समय पर मंडी टैक्स वसूलना नही भूलती है.

जब बात किसानों को देनी वाली सुविधाओं की आती है, तो सरकारें और प्रशासन मुह मोड़ लेता है. किसानों का कहना है कि बारदाना नहीं मिलने से उनकी फसल नहीं बिक रही और वे कई दिनों से धान मंडियों में बैठे हैं और आज बरसात आने से उनकी फसल उनकी आंखों के सामने ही बर्बाद हो रही है और अधिकारी ना तो तिरपाल की व्यवस्था कर रहे हैं और ना ही अधिकारियों ने बरसात में धान मंडियों की व्यवस्था ही देखी.किसानों की ये समस्या एंव व्यथा आज की नही है.हर बार बरसात-आंधी में किसानों को फसल बुवाई से लेकर कटाई व बेचान तक नुकसान उठाना पड़ता है.

पढ़ें- कोरोना के बढ़ते केसों के बीच राजस्थान में धारा 144 की अवधि एक महीने के लिए बढ़ी

किस काम की योजनाराजस्थान सरकार की ओर से स्थापित कृषक कल्याण कोष योजना है जो किसानों के लिए किसी न किसी कर/शुल्क से पैसा इकट्टा करती है.कृषक कल्याण कोष का उपयोग किसानो और योजनाओ के विकास हेतु किसान योजनाएं, फसल बीमा, आदि के माध्यम से किसानों पर खर्च करती है. लेकिन जिस तरह से मंडियों की स्थिति है, उसे देखकर सरकार की ऐसी योजनाओं पर सवालिया निशान लगना स्वभाविक है. वहीं जब इस बारे में मंडी समिति के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि व्यवस्था ठीक है और जो गेहूं भीगा है वो दो दिन में सूखकर सही हो जाएगा.

हनुमानगढ़. जिले में मंगलवार सुबह से ही रुक-रुककर चल रही बरसात से जहां मौसम सुहावना हो गया. वहीं बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. धान मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं बारिश से भीग कर खराब हो गया है.

हनुमानगढ़ में हुई बारिश के कारण किसानों का गेहूं भीगा

बारिश में बहे किसानों के अरमान

जिले में कई स्थानों पर सुबह से बरसात का दौर चल रहा है और टाऊन-जंक्शन की धान मंडियों में गेहूं की फसल खुले में पड़ी है और कृषि उपज मंडी समितियों के पास फसल को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त तिरपाल तक की व्यवस्था नहीं है जिस कारण किसान स्वयं ही तिरपाल की व्यवस्था कर अपनी फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी किसानों से समय पर मंडी टैक्स वसूलना नही भूलती है.

जब बात किसानों को देनी वाली सुविधाओं की आती है, तो सरकारें और प्रशासन मुह मोड़ लेता है. किसानों का कहना है कि बारदाना नहीं मिलने से उनकी फसल नहीं बिक रही और वे कई दिनों से धान मंडियों में बैठे हैं और आज बरसात आने से उनकी फसल उनकी आंखों के सामने ही बर्बाद हो रही है और अधिकारी ना तो तिरपाल की व्यवस्था कर रहे हैं और ना ही अधिकारियों ने बरसात में धान मंडियों की व्यवस्था ही देखी.किसानों की ये समस्या एंव व्यथा आज की नही है.हर बार बरसात-आंधी में किसानों को फसल बुवाई से लेकर कटाई व बेचान तक नुकसान उठाना पड़ता है.

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किस काम की योजनाराजस्थान सरकार की ओर से स्थापित कृषक कल्याण कोष योजना है जो किसानों के लिए किसी न किसी कर/शुल्क से पैसा इकट्टा करती है.कृषक कल्याण कोष का उपयोग किसानो और योजनाओ के विकास हेतु किसान योजनाएं, फसल बीमा, आदि के माध्यम से किसानों पर खर्च करती है. लेकिन जिस तरह से मंडियों की स्थिति है, उसे देखकर सरकार की ऐसी योजनाओं पर सवालिया निशान लगना स्वभाविक है. वहीं जब इस बारे में मंडी समिति के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि व्यवस्था ठीक है और जो गेहूं भीगा है वो दो दिन में सूखकर सही हो जाएगा.

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