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हनुमानगढ़: सिंचाई विभाग कार्यालय पर पानी की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन

हनुमानगढ़ में सिंचाई विभाग कार्यालय पर किसानों ने प्रदर्शन किया. दरअसल किसानों की मांग है कि नेहरों से उन्हें पूरा पानी दिया जाए क्योंकि पानी के अभाव में फसलें खराब हो रही. अगर ऐसे ही फसलें खराब होती रही तो हमें आन्दोलन करना पडे़गा.

हनुमानगढ़ की खबर, Irrigation Department Office
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Published : Sep 24, 2019, 7:41 PM IST

हनुमानगढ़. जिले में सिंचाई विभाग कार्यालय पर मगंलवार को भाखड़ा क्षेत्र के किसान पहुंचे और प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग कि है की नेहरों से उन्हें पूरा पानी दिया जाए. क्योंकि पानी के अभाव में उनकी फसलें खराब हो चुकी है और बची-कुची फसल भी जल्द ही खराब हो जाएगी.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलने पहुंचे भाखड़ा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहरों के अंदर अभी 1235 क्यूसेक पानी चल रहा है जबकि अट्ठारह सौ पचहत्तर क्यूसेक पानी उन्हें मिलना चाहिए. उनके खेतों में खड़ी फसल खराब हो चुकी है. जिसमें नरमा, कपास की फसल मुख्य रूप से खराब हुई है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

पढ़ें- गांधी, आजाद और गफ्फार खान: सह-अस्तित्व और सहिष्णुता पर करते थे यकीन

साथ ही उन्होंने बताया कि पानी नहीं मिलने के चलते फसलें सूख रही है और आगे सरसों की फसल की बुवाई भी नहीं हो सकेगी. वह अधिकारियों से मांग करते हैं कि नहरों में पानी की आवक बढ़ाई जाए. जिससे कि उनके खेतों तक पानी पहुंच सके और उनकी फसलें खराब ना हो. अगर फसलें और खराब होती है तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

हालांकि ज्ञापन लेने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन जरूर दिया है कि उनकी और फसलें खराब नहीं होने दी जाएगी. हम प्रयास करेंगे कि उनके खेतों तक पानी पहुंच सके और पंजाब सरकार से भी गुजारिश करेंगे कि नहरों में जो पानी की आवक है वह बढ़ाई जाए. हालांकि किसानों को उन्होंने यह भी कहा कि नहर पीछे से क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें ज्यादा पानी नहीं चलाया जा सकता, जिसके चलते पानी की आवक थोड़ी कम है.

हनुमानगढ़. जिले में सिंचाई विभाग कार्यालय पर मगंलवार को भाखड़ा क्षेत्र के किसान पहुंचे और प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग कि है की नेहरों से उन्हें पूरा पानी दिया जाए. क्योंकि पानी के अभाव में उनकी फसलें खराब हो चुकी है और बची-कुची फसल भी जल्द ही खराब हो जाएगी.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलने पहुंचे भाखड़ा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहरों के अंदर अभी 1235 क्यूसेक पानी चल रहा है जबकि अट्ठारह सौ पचहत्तर क्यूसेक पानी उन्हें मिलना चाहिए. उनके खेतों में खड़ी फसल खराब हो चुकी है. जिसमें नरमा, कपास की फसल मुख्य रूप से खराब हुई है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

पढ़ें- गांधी, आजाद और गफ्फार खान: सह-अस्तित्व और सहिष्णुता पर करते थे यकीन

साथ ही उन्होंने बताया कि पानी नहीं मिलने के चलते फसलें सूख रही है और आगे सरसों की फसल की बुवाई भी नहीं हो सकेगी. वह अधिकारियों से मांग करते हैं कि नहरों में पानी की आवक बढ़ाई जाए. जिससे कि उनके खेतों तक पानी पहुंच सके और उनकी फसलें खराब ना हो. अगर फसलें और खराब होती है तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

हालांकि ज्ञापन लेने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन जरूर दिया है कि उनकी और फसलें खराब नहीं होने दी जाएगी. हम प्रयास करेंगे कि उनके खेतों तक पानी पहुंच सके और पंजाब सरकार से भी गुजारिश करेंगे कि नहरों में जो पानी की आवक है वह बढ़ाई जाए. हालांकि किसानों को उन्होंने यह भी कहा कि नहर पीछे से क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें ज्यादा पानी नहीं चलाया जा सकता, जिसके चलते पानी की आवक थोड़ी कम है.

Intro:हनुमानगढ़ सिंचाई विभाग कार्यालय पर आज भाखड़ा क्षेत्र के किसान पहुंचे और प्रदर्शन किया उन्होंने मांग की कि नेहरू में उन्हें पूरा पानी दिया जाए क्योंकि पानी के अभाव में उनकी फसलें खराब हो चुकी है और बची कुची फसल भी जल्द ही खराब हो जाएगी अगर उन्हें पूरा पानी नहीं मिलता है तोBody:सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलने पहुंचे भाखड़ा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहरों के अंदर अभी 1235 क्यूसेक पानी चल रहा है जबकि अट्ठारह सौ पचहत्तर क्यूसेक पानी उन्हें मिलना चाहिए उनके खेतों में खड़ी फसल खराब हो चुकी है जिसमें नरमा कपास की फसल मुख्य रूप से खराब हुई है पानी नहीं मिलने के चलते फसलें सूख रही है और आगे सरसों की फसल की बुवाई भी नहीं हो सकेगी वह अधिकारियों से मांग करते हैं कि नहरों में पानी की आवक बढ़ाई जाए जिससे कि उनके खेतों तक पानी पहुंच सके और उनकी फसलें खराब ना हो अगर फसलें और खराब होती है तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा
बाईट: रामनिवास जाखड़,किसानConclusion:हालांकि ज्ञापन लेने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन जरूर दिया है कि उनकी फसलें और खराब नहीं होने दी जाएगी भी प्रयास करेंगे कि उनके खेतों तक पानी पहुंच सके और पंजाब सरकार से भी गुजारिश करेंगे कि नहरों में जो पानी की आवक है वह बढ़ाई जाए हालांकि किसानों को उन्होंने यह भी कहा कि नहर पीछे से क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें ज्यादा पानी नहीं चलाया जा सकता जिसके चलते पानी की आवक थोड़ी कम है
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