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हनुमानगढ़:  मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप - Rajasthan News

हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में घायल विवाहिता के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज का ठीक से इलाज किए बिना चिकित्सकों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया.

हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में हंगामा, Uproar in Hanumangarh District Hospital
जिला अस्पताल में हंगामा
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Published : Oct 18, 2020, 5:23 AM IST

हनुमानगढ़. जिला अस्पताल में शनिवार को एक विवाद हो गया. अस्पताल में आई घायल विवाहिता को डॉक्टरों ने इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया. लेकिन अस्पताल से बाहर निकालते ही विवाहिता बेहोश हो गई. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इसी बीच मरीज के परिजनों और पुलिस की नोक झोंक भी हुई.

बता दें कि घायल विवाहिता के साथ सुसराल पक्ष के लोगो ने मारपीट की थी जिसमें युवती के गंभीर चोटें आई. जिस पर परिजनों ने युवती को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया. लेकिन परिजनों ने इलाज करने वाले चिकित्सक पर इलाज में कोताही बरतने और सुसराल पक्ष से मिलीभगत के गंभीर आरोप भी लगाए.

ये पढ़ें: जयपुर: दिनदहाड़े बैंक के बाहर 31 लाख 55 हजार रुपए की लूट, शहर में नाकाबंदी

परिजनों का कहना है कि चिकित्सक ने गंभीर स्थिति से गुजर रही युवती को आनन-फानन में डिस्चार्ज कर दिया. युवती को जैसे ही घर ले जाने के लिए अस्पताल से बाहर निकाला गया तो, वह वो फिर से बेहोश हो गई. इसके साथ ही मरीज के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि त्वरित इलाज करने की बजाय नई-पुरानी पर्ची में काफी देर मामले को उलझाए रखा गया. चिकित्सकों ने पुरानी पर्ची पर भर्ती करने तक से मना कर दिया.

ये पढ़ें: अलवर में गुर्जर समाज ने की पड़ाव की तैयारी, मंत्री टीकाराम ने कहा- सरकार की तरफ से वार्ता जारी

हलांकि जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी चिकित्सकों पर मरीजों से बदसलूकी और संवेदन हीनता के आरोप लग चुके हैं. आए दिन मरीज और परिजन अस्पताल की अवस्थाओं से परेशान होकर धरना प्रदर्शन करते दिखते है. लेकिन अस्पताल प्रशासन है कि व्यवस्थाओं में सुधार की बजाय हंगामा होने के बाद मामले को सुलझाने में जद्दोजहद करता दिखता है.

हनुमानगढ़. जिला अस्पताल में शनिवार को एक विवाद हो गया. अस्पताल में आई घायल विवाहिता को डॉक्टरों ने इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया. लेकिन अस्पताल से बाहर निकालते ही विवाहिता बेहोश हो गई. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इसी बीच मरीज के परिजनों और पुलिस की नोक झोंक भी हुई.

बता दें कि घायल विवाहिता के साथ सुसराल पक्ष के लोगो ने मारपीट की थी जिसमें युवती के गंभीर चोटें आई. जिस पर परिजनों ने युवती को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया. लेकिन परिजनों ने इलाज करने वाले चिकित्सक पर इलाज में कोताही बरतने और सुसराल पक्ष से मिलीभगत के गंभीर आरोप भी लगाए.

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परिजनों का कहना है कि चिकित्सक ने गंभीर स्थिति से गुजर रही युवती को आनन-फानन में डिस्चार्ज कर दिया. युवती को जैसे ही घर ले जाने के लिए अस्पताल से बाहर निकाला गया तो, वह वो फिर से बेहोश हो गई. इसके साथ ही मरीज के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि त्वरित इलाज करने की बजाय नई-पुरानी पर्ची में काफी देर मामले को उलझाए रखा गया. चिकित्सकों ने पुरानी पर्ची पर भर्ती करने तक से मना कर दिया.

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हलांकि जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी चिकित्सकों पर मरीजों से बदसलूकी और संवेदन हीनता के आरोप लग चुके हैं. आए दिन मरीज और परिजन अस्पताल की अवस्थाओं से परेशान होकर धरना प्रदर्शन करते दिखते है. लेकिन अस्पताल प्रशासन है कि व्यवस्थाओं में सुधार की बजाय हंगामा होने के बाद मामले को सुलझाने में जद्दोजहद करता दिखता है.

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