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हरा-भरा राजस्थान : हनुमानगढ़ में पौधारोपण को लेकर वन विभाग सुस्त, ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए बुरे हालात - वन विभाग

हनुमानगढ़ में हरा-भरा राजस्थान मुहिम में ईटीवी भारत को ग्राउंड रिपोर्ट में पौधारोपण के बुरे हालात नजर आए. यहां पर वन विभाग की लापरवाही के चलते सैकड़ों पेड़ जल गए हैं. वहीं नहर के किनारे लगे पेड़ों को भी काट दिया गया है. लेकिन उनकी जगह पर नए पेड़ लगाने का कार्य सुस्त है.

हनुमागढ़ में पौधारोपण का काम सुस्त
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Published : Jun 29, 2019, 6:57 PM IST

हनुमानगढ़. जल ही जीवन की तरह आज के समय में पेड़ भी मनुष्य जीवन के लिए जरूरी होते जा रहे हैं. पेड़ों की कटाई होने के कारण वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है. जिसके दुष्परिणामों के कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां सामने आ रही है. वृक्षों की संख्या बढ़ने पर धरती पर हरियाली होने के साथ ही पर्यावरण का संतुलन भी सही रहेगा. इसी सोच से ईटीवी भारत ने हरा-भरा राजस्थान मुहिम शुरू की है. जिसके जरिए हमने जिले में वन विभाग द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी.

हरा-भरा राजस्थान : हनुमानगढ़ में पौधारोपण को लेकर वन विभाग सुस्त, ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए बुरे हालात

ईटीवी भारत की टीम ने हनुमानगढ़ जिले में वन विभाग के द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधों की पड़ताल की. इस दौरान जिले में पौधारोपण के हालात बुरे नजर आए. यहां पर पेड़ लगाना तो दूर जो लगे थे उन्हें भी काट दिया गया. जंक्शन के गंगानगर बाईपास स्थित नहर के किनारों पर सैकड़ों वृक्ष लगे थे. लेकिन नहर को पक्के निर्माण के दौरान पेड़ों को हटा दिया गया. वहीं थोड़ी दूरी पर केमिकल फैक्ट्री के कारण सैकड़ों पेड़ जलकर राख हो गए.

वन विभाग के पास पेड़ पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी थी. लेकिन लापरवाह विभाग द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वन विभाग को हर साल करीब 1 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिलता है. विभाग के द्वारा महज खानापूर्ति के लिए पौधे लगाए भी जाते हैं. जो बाद पानी नहीं मिलने और देखरेख के अभाव में जल जाते हैं. इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से बात करने पर वह पल्ला झाड़ते नजर आए. क्षेत्र के लोगों ने कहा कि नहर के किनारे सैकड़ों पेड़ लगे थे. जिन्हें नहर के पक्के निर्माण के समय काट दिया गया. लेकिन उसके बाद नए पौधे नहीं लगाए गए. वहीं ईटीवी भारत की मुहिम पर बोलते हुए लोगों ने कहा कि इस मुहिम के साथ जुड़कर पेड़ पौधे लगाएंगे.

हनुमानगढ़. जल ही जीवन की तरह आज के समय में पेड़ भी मनुष्य जीवन के लिए जरूरी होते जा रहे हैं. पेड़ों की कटाई होने के कारण वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है. जिसके दुष्परिणामों के कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां सामने आ रही है. वृक्षों की संख्या बढ़ने पर धरती पर हरियाली होने के साथ ही पर्यावरण का संतुलन भी सही रहेगा. इसी सोच से ईटीवी भारत ने हरा-भरा राजस्थान मुहिम शुरू की है. जिसके जरिए हमने जिले में वन विभाग द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी.

हरा-भरा राजस्थान : हनुमानगढ़ में पौधारोपण को लेकर वन विभाग सुस्त, ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए बुरे हालात

ईटीवी भारत की टीम ने हनुमानगढ़ जिले में वन विभाग के द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधों की पड़ताल की. इस दौरान जिले में पौधारोपण के हालात बुरे नजर आए. यहां पर पेड़ लगाना तो दूर जो लगे थे उन्हें भी काट दिया गया. जंक्शन के गंगानगर बाईपास स्थित नहर के किनारों पर सैकड़ों वृक्ष लगे थे. लेकिन नहर को पक्के निर्माण के दौरान पेड़ों को हटा दिया गया. वहीं थोड़ी दूरी पर केमिकल फैक्ट्री के कारण सैकड़ों पेड़ जलकर राख हो गए.

वन विभाग के पास पेड़ पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी थी. लेकिन लापरवाह विभाग द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वन विभाग को हर साल करीब 1 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिलता है. विभाग के द्वारा महज खानापूर्ति के लिए पौधे लगाए भी जाते हैं. जो बाद पानी नहीं मिलने और देखरेख के अभाव में जल जाते हैं. इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से बात करने पर वह पल्ला झाड़ते नजर आए. क्षेत्र के लोगों ने कहा कि नहर के किनारे सैकड़ों पेड़ लगे थे. जिन्हें नहर के पक्के निर्माण के समय काट दिया गया. लेकिन उसके बाद नए पौधे नहीं लगाए गए. वहीं ईटीवी भारत की मुहिम पर बोलते हुए लोगों ने कहा कि इस मुहिम के साथ जुड़कर पेड़ पौधे लगाएंगे.

Intro:वृक्ष है तो हम हैं वृक्ष नहीं होंगे तो कुछ भी नहीं होगा आज के समय में जिस तरह से वृक्ष कम हो रहे हैं उसी तरह मौसम में भी बदलाव आ रहा है जितने अधिक वृक्ष होंगे हरियाली होगी उतना ही पर्यावरण सुरक्षित रहेगा पर्यावरण का संतुलन हमारे जीवन के संतुलन को भी बिगाड़ देता है इसलिए अधिक से अधिक वृक्ष लगने चाहिए इसी सोच के चलते ईटीवी भारत ने मुहिम शुरू की है ग्रीन इंडिया हरा-भरा राजस्थान


Body:ईटीवी भारत की मुहिम के तहत हम लोगों को अवगत करवाएंगे के कितने प्रयास सरकारों द्वारा किए जा रहे हैं पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए इसी के तहत हमारी टीम ने हनुमानगढ़ शहर का जायजा लिया तो हालात बुरे नजर आए जो पेड़ पौधे जहां लगाने अनिवार्य हैं वहां लगाने तो दूर जो लगे हुए थे उन्हें भी उखाड़ दिए गए जी हां हनुमानगढ़ जंक्शन के गंगानगर बाईपास स्थित नहर के किनारों पर सैकड़ों वृक्ष लगे हुए थे लेकिन नहर को पक्का करने के चलते उन्हें वहां से हटा दिया गया साथ ही थोड़ी सी दूरी पर केमिकल के कारण सैकड़ों पेड़ जलकर खाक हो गए जिसकी जिम्मेदारी भी यहां के वन विभाग की थी यहां के प्रशासन की थी लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है वह अभी अनभिज्ञ है आने वाले बुरे समय से क्योंकि पर्यावरण जब बिगड़ता है तो सब कुछ बिगड़ जाता है आज का समय जिस तरह से पर्यावरण असंतुलित हुआ है उससे मौसम में भी बदलाव आए हैं जो कि मानव जीवन के लिए खतरे से खाली नहीं है लोगों ने स्वीकार किया कि नहर के किनारे सैकड़ों पेड़ लगे हुए थे उन्हें काट दिया गया और अब यहां नए पौधे भी नहीं लगाई जा रहे आंकड़ों की बात करें तो वन विभाग को 1 साल में 100000 पौधे लगाने का लक्ष्य मिलता है दिखावे के लिए पौधे लगाए भी जाते हैं लेकिन बाद में उनकी देखरेख के अभाव में जल जाते हैं जिससे कि हम कह सकते हैं कि महज खानापूर्ति के उद्देश्य से ही पौधे लगाए जाते हैं लोगों का कहना है कि जो मुहिम शुरू की है उसके साथ जुड़कर पेड़ पौधे लगाएंगे और लोगों को जोड़ेंगे

बाईट युवा

वाल्कथ्रू गुलाम नबी


Conclusion:इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से बात करना चाहे तो सभी अधिकारी जयपुर किसी मीटिंग में गए हुए थे वही वन विभाग के दूसरे अधिकारियों से बात करना चाहिए उन्होंने अपने बड़े अधिकारियों से बात करने का कह पल्ला झाड़ लिया लेकिन जो दृश्य हमने दिखाएं वह साबित करते हैं कि वन विभाग महज खानापूर्ति ही कर रहा है कम से कम हनुमानगढ़ में तो
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