हनुमानगढ़. जल ही जीवन की तरह आज के समय में पेड़ भी मनुष्य जीवन के लिए जरूरी होते जा रहे हैं. पेड़ों की कटाई होने के कारण वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है. जिसके दुष्परिणामों के कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां सामने आ रही है. वृक्षों की संख्या बढ़ने पर धरती पर हरियाली होने के साथ ही पर्यावरण का संतुलन भी सही रहेगा. इसी सोच से ईटीवी भारत ने हरा-भरा राजस्थान मुहिम शुरू की है. जिसके जरिए हमने जिले में वन विभाग द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी.
ईटीवी भारत की टीम ने हनुमानगढ़ जिले में वन विभाग के द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधों की पड़ताल की. इस दौरान जिले में पौधारोपण के हालात बुरे नजर आए. यहां पर पेड़ लगाना तो दूर जो लगे थे उन्हें भी काट दिया गया. जंक्शन के गंगानगर बाईपास स्थित नहर के किनारों पर सैकड़ों वृक्ष लगे थे. लेकिन नहर को पक्के निर्माण के दौरान पेड़ों को हटा दिया गया. वहीं थोड़ी दूरी पर केमिकल फैक्ट्री के कारण सैकड़ों पेड़ जलकर राख हो गए.
वन विभाग के पास पेड़ पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी थी. लेकिन लापरवाह विभाग द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वन विभाग को हर साल करीब 1 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिलता है. विभाग के द्वारा महज खानापूर्ति के लिए पौधे लगाए भी जाते हैं. जो बाद पानी नहीं मिलने और देखरेख के अभाव में जल जाते हैं. इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से बात करने पर वह पल्ला झाड़ते नजर आए. क्षेत्र के लोगों ने कहा कि नहर के किनारे सैकड़ों पेड़ लगे थे. जिन्हें नहर के पक्के निर्माण के समय काट दिया गया. लेकिन उसके बाद नए पौधे नहीं लगाए गए. वहीं ईटीवी भारत की मुहिम पर बोलते हुए लोगों ने कहा कि इस मुहिम के साथ जुड़कर पेड़ पौधे लगाएंगे.