हनुमानगढ़. जिले में बसंत पंचमी के मौके पर जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन बेबी हैप्पी मॉडर्न पीजी कॉलेज में हुआ. इस दौरान मेधावी बेटियों को प्रशस्ति पत्र और राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया. वहीं ये सम्मान पाकर बेटियों और उनके परिजनों के चेहरे पर खुशी और संतुष्टि दिखी.
पढ़ेंः ख्वाजा के दर नकवी ने पेश की पीएम मोदी की चादर, संदेश भी पढ़कर सुनाया
इस दौरान जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन, एएसपी जस्साराम बॉस, जिला प्रमुख कविता मेघवाल, नगर परिषद आयुक्त, पंचायत समिति प्रधान इंद्रा जाखड़, कांग्रेस नेता भूपेंद्र चौधरी, बेबी हैप्पी कॉलेज के सरंक्षक और पार्षद तरुण विजय मौजूद रहे. वहीं जिला कलेक्टर ने सभी बालिकाओं और उनके परिजनों को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की. साथ ही उनका कहना है, कि बेटिओं के उत्थान में एक ही चीज कार्य कर सकती है वो शिक्षा है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो गत वर्ष की तुलना में बालिका प्रोत्साहन खिताब पाने वाली लड़कियों की संख्या में इस बार चार साढ़े चार सौ से अधिक की वृद्धि हुई है. इसी तरह गार्गी पुरस्कार पाने वाली बेटियों की संख्या में पौने चार सौ से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. खास बात यह है कि पुरस्कृत होने वाली बेटियों की संख्या हर साल बढ़ रही है. कक्षा 12 की 2,954 छात्राओं को पिछले वर्ष बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया था. इस साल यह पुरस्कार 3426 बेटियों को दिया जा रहा है.
वहीं बीते बरस कक्षा 10 की 1662 छात्राओं को गार्गी पुरस्कार दिया गया. इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 2055 तक पहुंच गया है. इसी तरह जिले भर से इंदिरा प्रियदर्शिनी, गार्गी और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में 2055 बालिकाओं और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार कुल 3426 बालिकाओं का प्रदान किया गया. जिसमे कला वर्ग की 2329, वाणिज्य की 32 और विज्ञान वर्ग की 1065 बालिका शामिल है.
वहीं बैबी हैप्पी कॉलेज परिसर में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय समारोह में इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार की कुल 29 बालिकाओं और गार्गी पुरस्कार पाने वाली कुल 318 बालिकाओं और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के अंतर्गत विज्ञान वर्ग की 95, वाणिज्य की 07 और कला वर्ग की 419 बालिकाओं का पुरस्कृत किया गया.
सीडीईओ तेजा सिंह गदराना और एडीईओ माध्यमिक रणवीर शर्मा ने बताया कि बालिका शिक्षा फाउंडेशन जयपुर की ओर से पुरस्कार के तहत कक्षा दसवीं की छात्राओं को छह हजार रुपए तीन-तीन हजार की दो किस्तों में दिए जाते हैं. कक्षा बारहवीं की छात्राओं को पांच हजार रुपए एक मुश्त दिए जाती हैं.
पढ़ेंः राजस्थान में Petrol Diesel के Price में फिर उछाल, पेट्रोल 31 पैसे और डीजल 38 पैसे हुआ महंगा
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने वाले पुरस्कार
कक्षा दस में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को यह पुरस्कार दिए जाते है. बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए संकायवार कट ऑफ मार्क्स सूची जारी की जाती है, जबकि इंद्रा प्रियदर्शिनी पुरस्कार कक्षा आठ, दस और बारहवीं की उन छात्राओं को दिया जाता है, जो अपनी-अपनी श्रेणी में टॉपर रहती है. इसके लिए आठ श्रेणी बनाई जाती है. इसके तहत कक्षा दस की छात्राओं को पिचहतर हजार और बारहवीं की छात्राओं को एक लाख रुपये बतौर पुरस्कृत किया जाता है.