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सुनो सरकारः 'जो जल जीवन देता है, वो मौत का संदेश लेकर आ रहा है' - जल संसाधन विभाग

इंदिरा गांधी नहर में रिलाइनिंग के कार्य को लेकर चल रही नहरबंदी के दौरान हनुमानगढ़ क्षेत्र में पंजाब से दूषित पानी आ रहा है, जिससे नहाना-पीना तो दूर, देखना भी मुश्किल है. ये पानी मानुष्य के लिए खतरनाक तो है ही साथ ही ये पानी अपना कुप्रभाव मूक जानवरों और फसलों पर भी डाल रहा है...पढ़िए ये रिपोर्ट

गंदा पानी पीने को मजबूर, Rajasthan News
काले पानी से निजात दिलाओ सरकार
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Published : Apr 21, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Apr 21, 2021, 1:28 PM IST

हनुमानगढ़ः इंदिरागांधी नहर में रिलाइनिंग के कार्य को लेकर चल रही नहरबंदी के दौरान हनुमानगढ़ क्षेत्र में पंजाब से दूषित पानी आ रहा है, जिससे नहाना-पीना तो दूर देखना भी मुश्किल है. ये पानी मानुष्य के लिए खतरनाक तो है ही साथ ही ये पानी अपना कुप्रभाव मूक जानवरों और फसलों पर भी डाल रहा है.

काले पानी से निजात दिलाओ सरकार

दरअसल, जल संसाधन विभाग की ओर से नहरी तंत्र में सुधार के लिए 29 मार्च से नहर बंदी की गई है, लेकिन क्षेत्र के लिए वरदान मानी जाने वाली नहरें अब अमृत की जगह जहर उगलने लगी हैं. हलांकि, लम्बे समय से पंजाब की फैक्ट्रियों से छोड़े जाने वाला जैविक अपशिष्ट और खतरनाक कैमिकल नहरी पानी के साथ आ रहे हैं, लेकिन नहर बंदी की वजह से अब ये दूषित पानी साफ दिखने लगा है.

बता दें, हर बार नहर के रखरखाव के लिए नहर बंदी की जाती है और इन्हीं दिनों हर साल यहां के बाशिंदों को पंजाब की विभिन्न फैक्ट्रियों से निकले गंदे प्रदूषित और खतरनाक रसायन युक्त जल को सिंचाई और पेयजल के लिए स्टोरेज का इस्तेमाल करना पड़ता है. क्षेत्र के लोगों और किसानों ने जलदाय विभाग और प्रशासन को इस गंदे पानी की सूचना दी है और इससे निजात दिलाने की भी मांग की है.

गंदा पानी पीने को मजबूर, Rajasthan News
नाले का पानी

यह भी पढ़ेंः SPECIAL : कोटा के सांगोद में उजाड़ नदी पर बनेगा रिवर फ्रंट...करीब 58 बीघा भूमि में बदलेगी तस्वीर

जल ही जीवन है, जल ही जीवन का आधार है, जल है तो कल है, ऐसे स्लोगन सरकार की ओर जारी कर जगह-जगह उकेरे जाते हैं, लेकिन वही जल अगर जहर बन जाए तो सोचें की कल कैसा होगा. पंजाब से राजस्थान के हनुमानगढ, श्रीगंगानगर सहित 10 जिलों में पंजाब से नहरों के जरिए सिंचाई और पीने का पानी आता है. इस खतरनाक पानी में लेड एल्यूमीनियम आर्सेनिक और यूरेनियम जैसे खतरनाक तत्व हैं.

गंदा पानी पीने को मजबूर, Rajasthan News
हाथ में गंदा पानी लिए व्यक्ति

वहीं, नाइट्रेट भी भारी मात्रा में है इनसे मानसिक विक्षिप्त, मिर्गी, कैंसर, अल्जाइमर, आंखों की समस्या, किडनी फेल होने की समस्या और महिलाओं में गर्भपात होने की समस्या भी पैदा हो सकती है. पिछले कई दशकों से पंजाब सरकार की मनमानी और बड़े कॉरपोरेट घरानों के दबाव और राजस्थान के हुक्मरानों की अनदेखी के चलते राजस्थान के करोड़ों वाशिंदे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ेंः SPECIAL : जेल विभाग की 'डबल पॉलिसी' : हार्डकोर बंदियों का नेटवर्क करेंगे खत्म, मेहनतकश बंदियों को मिलेगा रोजगार

आपने शताब्दी एक्सप्रेस, जम्मू तवी जैसी ट्रेनों के नाम तो सुने होंगे, लेकिन पंजाब से बीकानेर जाने वाली एक ट्रेन का नाम कैंसर ट्रेन पड़ा हुआ है, समस्या का अंदाजा आप ट्रेन के नाम से लगा सकते हैं, लेकिन समस्या जितनी गंभीर है, सरकारें और जनप्रतिनिधि उतने ही लापरवाह, जिसके चलते लाखों लोग इस दूषित जल को पीकर मौत के मुंह में जा रहे हैं और सबसे गंभीर बात की जलदाय विभाग की लैब में पानी को शुद्ध करने के लिए उचित संसधान तक नही है.

पंजाब की फैक्ट्रियों से जो पानी आ रहा है उसमें कोलीफार्म 24 हजार है, जबकि पीने वाले पानी में जीरो कोलिफार्म होना चाहिए. अब आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि किस हद तक जनता को गन्दा पानी पिलाया जा रहा है. दशकों पुरानी गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के लोग समय-समय पर सड़कों पर उतरे, महाभियान भी चलाया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा.

गंदा पानी पीने को मजबूर, Rajasthan News
गंदा पानी पीने को मजबूर

यह भी पढ़ेंः स्मार्ट होगी अजमेर सिटी, 930 करोड़ के प्रोजेक्ट से बदलेगी सूरत...काम ने पकड़ी रफ्तार

जहरीले दूषित पानी को रोकने के लिए धरन प्रदर्शन और आंदोलनों का भी सहारा लिया गया, लेकिन जनता की पीड़ा हुक्कमरानों के कानों तक भी नहीं पहुंची. सत्ता में आने से पहले और बाद में भाजपा-कांग्रेस दोनों सरकारों के मुखिओं की ओर से दूषित पानी से छुटकारा दिलाने का आमजन को सभाओं में स्टेज से बड़े-बड़े आश्वासन दिए गए, लेकिन शायद सरकारों और प्रशासन के ये आश्वासन, चुनावी आश्वासन बन का रह गए और ये समस्या जस की तस बनी हुई है और नतीजा ये की जिले के लाखों लोग इस जहरीले पानी को पीकर बीमार होने और मौत के मुंह में जाने को मजबूर हैं.

हलांकि, इस मामले में ग्रीन ट्रिब्यूनल पंजाब सरकार की मनमानी और लापरवाही पर 50 करोड़ का जुर्माना लगा चुका है, लेकिन पंजाब सरकार पर इसका कुछ असर नहीं दिख रहा है. वर्तमान में राजस्थान और पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, अगर सरकारें संजीदगी और गंभीरता दिखाती हैं, तो इस समस्या का हल आसनी से निकल सकता है.

हनुमानगढ़ः इंदिरागांधी नहर में रिलाइनिंग के कार्य को लेकर चल रही नहरबंदी के दौरान हनुमानगढ़ क्षेत्र में पंजाब से दूषित पानी आ रहा है, जिससे नहाना-पीना तो दूर देखना भी मुश्किल है. ये पानी मानुष्य के लिए खतरनाक तो है ही साथ ही ये पानी अपना कुप्रभाव मूक जानवरों और फसलों पर भी डाल रहा है.

काले पानी से निजात दिलाओ सरकार

दरअसल, जल संसाधन विभाग की ओर से नहरी तंत्र में सुधार के लिए 29 मार्च से नहर बंदी की गई है, लेकिन क्षेत्र के लिए वरदान मानी जाने वाली नहरें अब अमृत की जगह जहर उगलने लगी हैं. हलांकि, लम्बे समय से पंजाब की फैक्ट्रियों से छोड़े जाने वाला जैविक अपशिष्ट और खतरनाक कैमिकल नहरी पानी के साथ आ रहे हैं, लेकिन नहर बंदी की वजह से अब ये दूषित पानी साफ दिखने लगा है.

बता दें, हर बार नहर के रखरखाव के लिए नहर बंदी की जाती है और इन्हीं दिनों हर साल यहां के बाशिंदों को पंजाब की विभिन्न फैक्ट्रियों से निकले गंदे प्रदूषित और खतरनाक रसायन युक्त जल को सिंचाई और पेयजल के लिए स्टोरेज का इस्तेमाल करना पड़ता है. क्षेत्र के लोगों और किसानों ने जलदाय विभाग और प्रशासन को इस गंदे पानी की सूचना दी है और इससे निजात दिलाने की भी मांग की है.

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नाले का पानी

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जल ही जीवन है, जल ही जीवन का आधार है, जल है तो कल है, ऐसे स्लोगन सरकार की ओर जारी कर जगह-जगह उकेरे जाते हैं, लेकिन वही जल अगर जहर बन जाए तो सोचें की कल कैसा होगा. पंजाब से राजस्थान के हनुमानगढ, श्रीगंगानगर सहित 10 जिलों में पंजाब से नहरों के जरिए सिंचाई और पीने का पानी आता है. इस खतरनाक पानी में लेड एल्यूमीनियम आर्सेनिक और यूरेनियम जैसे खतरनाक तत्व हैं.

गंदा पानी पीने को मजबूर, Rajasthan News
हाथ में गंदा पानी लिए व्यक्ति

वहीं, नाइट्रेट भी भारी मात्रा में है इनसे मानसिक विक्षिप्त, मिर्गी, कैंसर, अल्जाइमर, आंखों की समस्या, किडनी फेल होने की समस्या और महिलाओं में गर्भपात होने की समस्या भी पैदा हो सकती है. पिछले कई दशकों से पंजाब सरकार की मनमानी और बड़े कॉरपोरेट घरानों के दबाव और राजस्थान के हुक्मरानों की अनदेखी के चलते राजस्थान के करोड़ों वाशिंदे दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

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आपने शताब्दी एक्सप्रेस, जम्मू तवी जैसी ट्रेनों के नाम तो सुने होंगे, लेकिन पंजाब से बीकानेर जाने वाली एक ट्रेन का नाम कैंसर ट्रेन पड़ा हुआ है, समस्या का अंदाजा आप ट्रेन के नाम से लगा सकते हैं, लेकिन समस्या जितनी गंभीर है, सरकारें और जनप्रतिनिधि उतने ही लापरवाह, जिसके चलते लाखों लोग इस दूषित जल को पीकर मौत के मुंह में जा रहे हैं और सबसे गंभीर बात की जलदाय विभाग की लैब में पानी को शुद्ध करने के लिए उचित संसधान तक नही है.

पंजाब की फैक्ट्रियों से जो पानी आ रहा है उसमें कोलीफार्म 24 हजार है, जबकि पीने वाले पानी में जीरो कोलिफार्म होना चाहिए. अब आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि किस हद तक जनता को गन्दा पानी पिलाया जा रहा है. दशकों पुरानी गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के लोग समय-समय पर सड़कों पर उतरे, महाभियान भी चलाया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा.

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गंदा पानी पीने को मजबूर

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जहरीले दूषित पानी को रोकने के लिए धरन प्रदर्शन और आंदोलनों का भी सहारा लिया गया, लेकिन जनता की पीड़ा हुक्कमरानों के कानों तक भी नहीं पहुंची. सत्ता में आने से पहले और बाद में भाजपा-कांग्रेस दोनों सरकारों के मुखिओं की ओर से दूषित पानी से छुटकारा दिलाने का आमजन को सभाओं में स्टेज से बड़े-बड़े आश्वासन दिए गए, लेकिन शायद सरकारों और प्रशासन के ये आश्वासन, चुनावी आश्वासन बन का रह गए और ये समस्या जस की तस बनी हुई है और नतीजा ये की जिले के लाखों लोग इस जहरीले पानी को पीकर बीमार होने और मौत के मुंह में जाने को मजबूर हैं.

हलांकि, इस मामले में ग्रीन ट्रिब्यूनल पंजाब सरकार की मनमानी और लापरवाही पर 50 करोड़ का जुर्माना लगा चुका है, लेकिन पंजाब सरकार पर इसका कुछ असर नहीं दिख रहा है. वर्तमान में राजस्थान और पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, अगर सरकारें संजीदगी और गंभीरता दिखाती हैं, तो इस समस्या का हल आसनी से निकल सकता है.

Last Updated : Apr 21, 2021, 1:28 PM IST
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