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भ्रष्टाचार की बानगी, 2 माह में तीन बार टूटा 46 लाख की लागत से बना नाला - नाला निर्माण में भ्रष्टाचार

हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला कलेक्ट्रेट के सामने जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. करीब 46 लाख की लागत से बन रहा निकासी के लिए नाला फिर से विवादों में आ गया है. पिछले दो माह में नाला तीन बार टूट चुका है. जब भी बारिश आती है तब तब यह नाला भ्रष्टाचार की पोल खोल देता है.

46 लाख का नाला फिर से विवादों में
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Published : Aug 4, 2019, 3:03 PM IST

हनुमानगढ़. जिला कलेक्टर के नाक के नीचे भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं. नगर परिषद द्वारा जिला कलेक्टर के सामने पानी निकासी के लिए एक नाला निर्माण करवाया जा रहा है यह नाला पिछले 2 माह में 3 बार टूट चुका है.

46 लाख का नाला फिर से विवादों में

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टूटने का कारण साफ है कि इसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. अगर सामग्री बढ़िया लगाई होती तो यह नाला बरसात में नहीं टूटता. जब भी नाला टूटता है तब उसे रिपेयर करवा दिया जाता है. लेकिन, इसे बने मात्र 2 से 3 माह ही हुए हैं. ठेकेदार द्वारा नाले पर दोबारा से मजदूर लगाए गए हैं जो कि इंटर निकाल रहे हैं. उनका कहना है कि ठेकेदार ने इसे दोबारा बनाने के लिए कहा है.

वहीं इस मामले में पूर्व पार्षद सुरेंद्र गोंद का कहना है कि जिस भी ठेकेदार ने इसका निर्माण करवाया है उसके पैनल्टी लगनी चाहिए. और अभी नाला गारंटी पीरियड में है और इसका सारा निर्माण दोबारा करवाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर सरकार के हैं और सरकार कांग्रेस की.

मामले में नगर परिषद आयुक्त का कहना है कि इस नाले का टेंडर दोबारा से करवा दिया है. इस नाले की सही ढंग से निकासी नहीं थी इसलिए बार-बार टूट रहा है. बरसात समाप्त होने के बाद दोबारा शुरू करवाया जाएगा.

आयुक्त महोदय ने कह दिया कि पानी की निकासी सही नहीं है. नाले का निर्माण दोबारा करवाया जाएगा.पर गौर करने वाली बात यह है कि जब पानी की निकासी सही नहीं थी तो इस नाले का निर्माण करवाया ही क्यों गया. साफ है कि नाले के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. जिसमें ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है. अब देखना होगा कि जिस ठेकेदार ने इसका निर्माण करवाया था उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं.

हनुमानगढ़. जिला कलेक्टर के नाक के नीचे भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं. नगर परिषद द्वारा जिला कलेक्टर के सामने पानी निकासी के लिए एक नाला निर्माण करवाया जा रहा है यह नाला पिछले 2 माह में 3 बार टूट चुका है.

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टूटने का कारण साफ है कि इसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. अगर सामग्री बढ़िया लगाई होती तो यह नाला बरसात में नहीं टूटता. जब भी नाला टूटता है तब उसे रिपेयर करवा दिया जाता है. लेकिन, इसे बने मात्र 2 से 3 माह ही हुए हैं. ठेकेदार द्वारा नाले पर दोबारा से मजदूर लगाए गए हैं जो कि इंटर निकाल रहे हैं. उनका कहना है कि ठेकेदार ने इसे दोबारा बनाने के लिए कहा है.

वहीं इस मामले में पूर्व पार्षद सुरेंद्र गोंद का कहना है कि जिस भी ठेकेदार ने इसका निर्माण करवाया है उसके पैनल्टी लगनी चाहिए. और अभी नाला गारंटी पीरियड में है और इसका सारा निर्माण दोबारा करवाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर सरकार के हैं और सरकार कांग्रेस की.

मामले में नगर परिषद आयुक्त का कहना है कि इस नाले का टेंडर दोबारा से करवा दिया है. इस नाले की सही ढंग से निकासी नहीं थी इसलिए बार-बार टूट रहा है. बरसात समाप्त होने के बाद दोबारा शुरू करवाया जाएगा.

आयुक्त महोदय ने कह दिया कि पानी की निकासी सही नहीं है. नाले का निर्माण दोबारा करवाया जाएगा.पर गौर करने वाली बात यह है कि जब पानी की निकासी सही नहीं थी तो इस नाले का निर्माण करवाया ही क्यों गया. साफ है कि नाले के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. जिसमें ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है. अब देखना होगा कि जिस ठेकेदार ने इसका निर्माण करवाया था उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं.

Intro:हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला कलेक्ट्रेट के सामने जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं जी हां करें करीब 46 लाख की लागत से बन रहा निकासी के लिए नाला फिर से विवादों में आ गया है पिछले दो माह में नाला तीन बार टूट चुका है जब भी बारिश आती है तब तब यह नाला भ्रष्टाचार की पोल खोल देता है


Body:इसे अतिशयोक्ति ही कहेंगे कि जिला कलेक्टर के नाक के नीचे भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं जी हां नगर परिषद द्वारा जिला कलेक्टर के सामने पानी निकासी के लिए एक नाला निर्माण करवाया जा रहा है यह नाला पिछले 2 माह में 3 बार टूट चुका है टूटने का कारण साफ है कि इसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है अगर सामग्री बढ़िया लगाई होती तो यह नाला और बरसात में नहीं टूटता जब भी ना ला टूटता है तब उसे रिपेयर करवा दिया जाता है लेकिन इसे बने मात्र 2 से 3 माह ही हुए हैं और यह नाला भ्रष्टाचार की हकीकत बयान कर रहा है ठेकेदार द्वारा नाले पर दोबारा से मजदूर लगाए गए हैं जो कि इंटर निकाल रहे हैं उनका कहना है कि ठेकेदार ने इसे दोबारा बनाने के लिए कहा है

बाईट: महिला,मजदूर

वहीं इस मामले में पूर्व पार्षद सुरेंद्र गोंद का कहना है कि जिस भी ठेकेदार ने इसका निर्माण करवाया है उसके पैनल्टी लगनी चाहिए और अभी नाला गारंटी पीरियड में है और इसका सारा निर्माण दोबारा करवाना चाहिए साथ ही उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर अगर इसे देखते तो शहर के हालात यह नहीं होते वह इस मामले में कुछ दिनों बाद जिला कलेक्टर से मिलेंगे और शहर की व्यवस्था से उनको अवगत करवाएंगे

बाईट: सुरेन्द्र गोंद,पूर्व पार्षद

वहीं इस मामले में नगर परिषद आयुक्त का कहना है कि इस नाले का टेंडर दोबारा से करवा दिया है इस नाले की सही ढंग से निकासी नहीं थी इसलिए बार-बार टूट रहा है और इसे जल्द ही बरसात समाप्त होने के बाद दोबारा शुरू करवाया जाएगा

बाईट: शेलेन्द्र गोदारा, आयुक्त,नगरपरिषद


Conclusion:आयुक्त महोदय ने कह दिया कि पानी की निकासी सही नहीं है नाले का निर्माण दोबारा करवाया जाएगा गौर करने वाली बात यह है कि जब पानी की निकासी सही नहीं थी तो इस नाले का निर्माण करवाया ही क्यों गया इसे साफ है कि नाले के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है जिसमें ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है अब देखना होगा कि जिस ठेकेदार ने इसका निर्माण करवाया था उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं
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