हनुमानगढ़. जिले में खिलाड़ियों के साथ खेल अधिकारी मारपीट और बदसलूकी कर रहे हैं. मामला राजीव गांधी स्टेडियम से जुड़ा है, जहां अव्यवस्थाओं के चलते खिलाड़ी अच्छी प्रैक्टिस नहीं कर पाते. अक्सर विवादों में रहने वाले यहां के गेम बॉय (Game Boy) ओम सैन पर खिलाड़ी और प्रशिक्षक ने मारपीट, बदसलूकी और वसूली के आरोप लगाए हैं.
खिलाड़ियों का कहना है कि खेल अधिकारी ने जिम का नया सामान स्टोर में बन्द कर रखा है. उनकी जिमिंग के लिए पुराना सामान दे रखा है. यह सारा सामान टूटा-फूटा है. जिसके चलते वे प्रैक्टिस के दौरान काफी बार चोटिल हो चुके हैं. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.
खिलाड़ियों और उनके कोच का कहना है कि वे सैंकड़ों मील दूर से यहां प्रैक्टिस करने आते हैं. कुछ बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उनसे जबर्दस्ती पैसे लिए जा रहे हैं. इसके बावजूद खिलाड़ियों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. अगर सुविधाओं की मांग करते हैं तो अधिकारी चिढ़ने लग जाते हैं.
खेल अधिकारी का शर्मनाक बयान
कार्यवाहक खेल अधिकारी सीताराम कैमरा देख मुंह छुपाकर भाग खड़े हुए. उन्होंने खुद को अपने कमरे में बन्द कर लिया. बाद में अधिकारी ने कहा कि खिलाड़ी यहां गलत काम करते हैं. लड़के-लड़कियां माहौल खराब करते हैं. सुविधाओं की कोई कमी नहीं है. गेम बॉय ( Game Boy) ओम सैन ने भी खिलाड़ियों पर ही सवाल उठा दिए. जब उनसे असुविधाओं और वसूली के आरोपों के बारे पूछा तो उन्होंने सारा ठीकरा विभाग व सरकार पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि 100 रुपया हर माह पे एंड प्ले स्कीम (Pay and Play Scheme) के तहत मेंटिनेंस (Mentions) के लिए जा रहे हैं.
यहां प्रैक्टिस करने आने वाले खिलाड़ियों ने तमाम अव्यवस्थाओं के बारे में प्रशासन को भी अवगत कराया. साथ ही इस स्टेडियम में छोटे-बड़े अधिकारी स्वयं खेलने या घूमने भी आते हैं. लेकिन खिलाड़ियों की समस्याओं या स्टेडियम की अव्यवस्थाओं की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया.
हालांकि स्टेडियम सुधार के लिए लाखों रुपये का बजट भी आया. कुछ सुधार भी हुआ. लेकिन अव्यवस्थाएं आज भी स्टेडियम पर हावी हैं. यहां लम्बे समय से स्थायी खेल अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है. खेल अधिकारी के पास दो जिलों श्रीगंगानगर और हनुमानगढ का कार्यभार रहा है. जिसके चलते भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है.
हमने खिलाड़ियो की पीड़ा और स्टेडियम की अवस्थाओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की तो उनका कहना था कि आपने जानकारी दी है, सबंधित अधिकारियों से बात की जायेगी और समस्या का समाधान किया जाएगा.
प्रतिभाओं को सुविधाओं की दरकार
जिले में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है. यहां के खिलाड़ी जूडो और अन्य खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जा चुके हैं. अगर सरकार और प्रशासन खिलाड़ियों को उचित सुविधाएं मुहैया कराएं तो जिले के खिलाड़ी और भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.