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हनुमानगढ़ नगर पालिका चुनावः बहुमत के लायक प्रत्याक्षी नहीं खड़े कर पाई भाजपा-कांग्रेस - Hanumangarh city election 2020

हनुमानगढ़ में नगर पालिका चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियां सक्रिय दिख रही है. जहां जिले में कुल पांच नगर पालिका में चुनाव होने है. जिनमे नोहर, भादरा, पीलीबंगा, संगरिया और रावतसर पालिका है. नामांकन की प्रक्रिया 16 जनवरी को समाप्त हो चुकी है. अब 19 जनवरी सांय 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकता है. 28 जनवरी को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, जबकि मतगणना 31 जनवरी को सुबह से शुरू होगी.

हनुमानगढ़ नगर पालिका चुनाव 2021, Hanumangarh Municipality Election 2021
हनुमानगढ़ नगर पालिका चुनाव 2021
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Published : Jan 17, 2021, 1:09 PM IST

हनुमानगढ़. जिले में नगर पालिका चुनावों को लेकर राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है. राजनीतिक पार्टियों से लेकर प्रशासन तक संपूर्ण रूप से सक्रिय दिख रहे है. जिले में कुल पांच नगर पालिका में चुनाव होने है. जिनमे नोहर, भादरा, पीलीबंगा, संगरिया और रावतसर पालिका है.

नामांकन की प्रक्रिया 16 जनवरी को समाप्त हो चुकी है. अब 19 जनवरी सांय 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकता है. 28 जनवरी को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, जबकि मतगणना 31 जनवरी को सुबह से शुरू होगी.

पढ़ें- जालोर: तीर्थ यात्रियों से भरी बस बिजली के तारों में उलझी, करंट लगने से 8 की मौत

बहुमत के लायक प्रत्याक्षी नहीं खड़े कर पाई दोनों बड़ी पार्टियां

कांग्रेस और भाजपा के नेता जिले की पांचों नगर पालिकाओं में अपना-अपना बोर्ड बनाने के दावे कर रहे हैं, लेकिन सभी जगह बहुमत के लायक प्रत्याशी नहीं उतार पाए. कांग्रेस ने भादरा और भाजपा ने संगरिया, नोहर और भादरा नगरपालिका में पूर्ण बहुमत लायक टिकटें ही नहीं बांट पाएं. जाहिर है, दोनों ही पार्टियां निर्दलीय पर निर्भर रहेंगी.

राजनीतिक समीकरण

भादरा नगरपालिका में कुल 40 वार्ड है, यहां बहुमत के लिए 21 पार्षदों की जरूरत होगी, लेकिन कांग्रेस ने 7 और भाजपा ने 17 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी बनाए हैं. संगरिया नगरपालिका में 35 वार्ड है. यहां भाजपा ने महज तीन वार्डो में ही प्रत्याशियों को सिंबल दिए हैं. कांग्रेस ने बहुमत के अनुसार 18 वाडों में अपने प्रत्याशी उतारे हैं.

नोहर पालिका में 40 वार्ड और बहुमत के लिए 21 पार्षदों की जरूरत होगी, लेकिन यहां भाजपा ने महज 8 वार्डों में ही टिकटें दी है. बाकी जगह समर्थित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने के दावे किए जा रहे हैं. पीलीबंगा में सबसे अधिक 211 प्रत्याक्षियों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी है. यहां कुल 35 वार्ड हैं. भाजपा-कांग्रेस से ज्यादा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन यहां कांग्रेस में मुस्लिम बाहुल्य होने के बावजूद 4 वार्डो में समुदाय के उम्मीदवार को टिकट नही मिलने से, समुदाय और समुदाय के अगुवा बगावत पर उतर आए है और स्थानीय कांग्रेस नेताओं का विरोध कर रहे है. मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखे गए है. जिसका नुकसान कांग्रेस को चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है.

नामांकन प्रक्रिया

अगर बात करे संगरिया नगरपालिका की तो कुल 35 वार्डों के लिए 151 अभ्यर्थियों ने 181 नामांकन पत्र दाखिल किए. संवीक्षा में 13 नामांकन पत्र खारिज रद्द हो गए. अब 147 अभ्यर्थी के 149 नामांकन शेष बचे है. नोहर नगरपालिका सदस्य के लिए 162 नामांकन पत्र दाखिल हुए और संवीक्षा के पश्चात 15 नामांकन खारिज हो गए. अब कुल 147 प्रत्याक्षियों के नामांकन शेष बचे है. भादरा नगरपालिका में कुल 40 वार्ड है. 24 नामांकन निरस्त होने के बाद 210 प्रत्याशी मैदान में रह गए.

पीलीबंगा में सबसे अधिक 211 प्रत्याक्षी भाग्य आजमा रहे है. रावतसर पालिका पालिका चुनाव के लिए 35 वार्डों में भरे गए 267 आवेदनों में 73 उम्मीदवार जिन्हें पार्टी द्वारा चुनाव चिन्ह नहीं मिलने के चलते खारिज किया और 24 आवेदक जिनके पार्टी और निर्दलीय दोनों के रूप में आवेदित फार्मों को अटैचमेंट किया, जिससे अब चुनावी मैदान में 170 प्रत्याशी रहे हैं. वार्ड 9 में देवीलाल नाथ निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. अधिकतर नामांकन राष्ट्रीय दलों के प्रत्याक्षियों के रूप में भरने की वजह से खारिज हुए.

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो, जिस प्रकार से टिकट वितरण हुआ है, इस बार चुनावी खिचड़ी पक सकती है, जिसका नुकसान भी हो सकता है, क्योकि अगर किसी एक दल स्प्ष्ट बहुमत नही मिलता तो विकास की राह कहीं न कहीं काफी कठिन हो जाती है.

हलांकि भाजपा-कांग्रेस दोनो ही पांचों पालिका में बोर्ड बनाने के दावे कर रही है. कहते है, कि राजनीति में कुछ भी संभव है, जिसका जीता-जागता उदाहरण हाल ही में हुए संगरिया के पंचायत चुनावों में भी देखने को मिला था,जहां कांग्रेसी धड़े की निर्दलीय विजयी उम्मीदवार, भाजपा के समर्थन से प्रधान बनी. लेकिन इन निकाय चुनावों में ऊंट किस करवट बैठता है, ये तो भविष्य के गर्त में ही छुपा है. हलांकि जहां भाजपा को कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन का डर सता रहा है, तो वही कांग्रेस को आपसी फूट का.

पढ़ें-बहरोड़: रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने बदमाश को किया गिरफ्तार

बात राज्य निर्वाचन आयोग की करे, तो आयोग ने चुनाव लड़ने के लिए नगर निगम सदस्य के लिए 2,50000, नगर परिषद सदस्य के लिए 1,50000 और नगरपालिका सदस्य के लिए 1,00000 रुपए खर्चे की राशि निर्धारित की है. प्रचार के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा.

हनुमानगढ़. जिले में नगर पालिका चुनावों को लेकर राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है. राजनीतिक पार्टियों से लेकर प्रशासन तक संपूर्ण रूप से सक्रिय दिख रहे है. जिले में कुल पांच नगर पालिका में चुनाव होने है. जिनमे नोहर, भादरा, पीलीबंगा, संगरिया और रावतसर पालिका है.

नामांकन की प्रक्रिया 16 जनवरी को समाप्त हो चुकी है. अब 19 जनवरी सांय 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकता है. 28 जनवरी को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, जबकि मतगणना 31 जनवरी को सुबह से शुरू होगी.

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बहुमत के लायक प्रत्याक्षी नहीं खड़े कर पाई दोनों बड़ी पार्टियां

कांग्रेस और भाजपा के नेता जिले की पांचों नगर पालिकाओं में अपना-अपना बोर्ड बनाने के दावे कर रहे हैं, लेकिन सभी जगह बहुमत के लायक प्रत्याशी नहीं उतार पाए. कांग्रेस ने भादरा और भाजपा ने संगरिया, नोहर और भादरा नगरपालिका में पूर्ण बहुमत लायक टिकटें ही नहीं बांट पाएं. जाहिर है, दोनों ही पार्टियां निर्दलीय पर निर्भर रहेंगी.

राजनीतिक समीकरण

भादरा नगरपालिका में कुल 40 वार्ड है, यहां बहुमत के लिए 21 पार्षदों की जरूरत होगी, लेकिन कांग्रेस ने 7 और भाजपा ने 17 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी बनाए हैं. संगरिया नगरपालिका में 35 वार्ड है. यहां भाजपा ने महज तीन वार्डो में ही प्रत्याशियों को सिंबल दिए हैं. कांग्रेस ने बहुमत के अनुसार 18 वाडों में अपने प्रत्याशी उतारे हैं.

नोहर पालिका में 40 वार्ड और बहुमत के लिए 21 पार्षदों की जरूरत होगी, लेकिन यहां भाजपा ने महज 8 वार्डों में ही टिकटें दी है. बाकी जगह समर्थित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने के दावे किए जा रहे हैं. पीलीबंगा में सबसे अधिक 211 प्रत्याक्षियों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी है. यहां कुल 35 वार्ड हैं. भाजपा-कांग्रेस से ज्यादा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन यहां कांग्रेस में मुस्लिम बाहुल्य होने के बावजूद 4 वार्डो में समुदाय के उम्मीदवार को टिकट नही मिलने से, समुदाय और समुदाय के अगुवा बगावत पर उतर आए है और स्थानीय कांग्रेस नेताओं का विरोध कर रहे है. मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखे गए है. जिसका नुकसान कांग्रेस को चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है.

नामांकन प्रक्रिया

अगर बात करे संगरिया नगरपालिका की तो कुल 35 वार्डों के लिए 151 अभ्यर्थियों ने 181 नामांकन पत्र दाखिल किए. संवीक्षा में 13 नामांकन पत्र खारिज रद्द हो गए. अब 147 अभ्यर्थी के 149 नामांकन शेष बचे है. नोहर नगरपालिका सदस्य के लिए 162 नामांकन पत्र दाखिल हुए और संवीक्षा के पश्चात 15 नामांकन खारिज हो गए. अब कुल 147 प्रत्याक्षियों के नामांकन शेष बचे है. भादरा नगरपालिका में कुल 40 वार्ड है. 24 नामांकन निरस्त होने के बाद 210 प्रत्याशी मैदान में रह गए.

पीलीबंगा में सबसे अधिक 211 प्रत्याक्षी भाग्य आजमा रहे है. रावतसर पालिका पालिका चुनाव के लिए 35 वार्डों में भरे गए 267 आवेदनों में 73 उम्मीदवार जिन्हें पार्टी द्वारा चुनाव चिन्ह नहीं मिलने के चलते खारिज किया और 24 आवेदक जिनके पार्टी और निर्दलीय दोनों के रूप में आवेदित फार्मों को अटैचमेंट किया, जिससे अब चुनावी मैदान में 170 प्रत्याशी रहे हैं. वार्ड 9 में देवीलाल नाथ निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. अधिकतर नामांकन राष्ट्रीय दलों के प्रत्याक्षियों के रूप में भरने की वजह से खारिज हुए.

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो, जिस प्रकार से टिकट वितरण हुआ है, इस बार चुनावी खिचड़ी पक सकती है, जिसका नुकसान भी हो सकता है, क्योकि अगर किसी एक दल स्प्ष्ट बहुमत नही मिलता तो विकास की राह कहीं न कहीं काफी कठिन हो जाती है.

हलांकि भाजपा-कांग्रेस दोनो ही पांचों पालिका में बोर्ड बनाने के दावे कर रही है. कहते है, कि राजनीति में कुछ भी संभव है, जिसका जीता-जागता उदाहरण हाल ही में हुए संगरिया के पंचायत चुनावों में भी देखने को मिला था,जहां कांग्रेसी धड़े की निर्दलीय विजयी उम्मीदवार, भाजपा के समर्थन से प्रधान बनी. लेकिन इन निकाय चुनावों में ऊंट किस करवट बैठता है, ये तो भविष्य के गर्त में ही छुपा है. हलांकि जहां भाजपा को कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन का डर सता रहा है, तो वही कांग्रेस को आपसी फूट का.

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बात राज्य निर्वाचन आयोग की करे, तो आयोग ने चुनाव लड़ने के लिए नगर निगम सदस्य के लिए 2,50000, नगर परिषद सदस्य के लिए 1,50000 और नगरपालिका सदस्य के लिए 1,00000 रुपए खर्चे की राशि निर्धारित की है. प्रचार के दौरान लाउडस्पीकर का प्रयोग रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा.

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