हनुमानगढ़. जिला चिकित्सालय में रविवार रात को एक मरीज की मौत के बाद मरीज की महिला परिजनों ने जिला चिकित्सालय में जमकर हंगामा मचाया. जिला चिकित्सालय स्टॉफ से भी विवाद किया.
हंगामे की स्थिति यहां तक बिगड़ी की पुलिस की समझाइश के बावजूद परिजन नहीं माने और हंगामा जारी रहा. इससे आक्रोशित जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों और स्टाफ ने जिला चिकित्सालय में धरना लगा दिया और मरीज के परिजनों पर स्टाफ से हाथापाई के आरोप लगाते हुए बिना पुलिस सुरक्षा के काम करने से इनकार कर दिया. आरोप लगाए कि हंगामे के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. ऐसी स्थिति में पर्याप्त पुलिस सुरक्षा के बिना चिकित्सक और स्टाफ मरीजों का इलाज नहीं कर सकते.
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हंगामे के दौरान जिला चिकित्सालय के डिप्टी कंट्रोलर डॉ. गौरीशंकर भावुक हो गए और रोते हुए बोले, हम बिना संसाधनों के मरीजों को संभाल रहे हैं. अब ऑक्सीजन या अन्य व्यवस्थाएं नहीं हैं तो चिकित्सकों का क्या कसूर है इसमें. दरअसल, एक कोरोना संदिग्ध को जिला चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा मचा दिया और चिकित्सकों और स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए. उसके बाद चिकित्सक और स्टाफ भी धरने पर बैठ गया.
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वहीं अस्पताल डाक्टर्स और स्टाफ का समर्थन के समर्थन में IMA भी आ गई और आईएमए जिलाध्यक्ष डॉक्टर निशांत बत्रा ने कहा, ऐसे समय मे सभी निजी और सरकारी डाक्टर्स व स्टाफ विपरीत परिस्थियों में भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं. कोई भी डॉक्टर्स कभी नहीं चाहता कि किसी मरीज की इलाज के दौरान मौत हो. लेकिन फिर भी मरीजों के परिजन आए दिन डाक्टर्स और स्टाफ से दुर्व्यवहार कर रहे हैं. जो बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा, मरीजों के परिजनों को भी सब्र व भरोसा रखना चाहिए.