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हनुमानगढ़: जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों के खिलाफ अधिवक्ता लामबंद, मनमानी का आरोप

हनुमानगढ़ में जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों की ओर से जल की बारी तय करने के मामले के विरोध में बार संघ के वकीलों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर जमकर विरोध किया.

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Published : Sep 17, 2019, 4:42 PM IST

हनुमानगढ़. जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों पर अधिकार से बाहर कार्य करने के आरोप के चलते अधिवक्ताओं ने सिंचाई विभाग के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जो उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं उस पर रोक लगाई जाए, अन्यथा वे आंदोलन करेंगे.

जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों के खिलाफ अधिवक्ता लामबंद

बार संघ अध्यक्ष जितेंद्र सारस्वत के नेतृत्व में वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल सिंचाई विभाग के अधिकारी से मिला और उन्होंने मुख्य अभियंता को ज्ञापन देकर कहा कि जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं. उनके पास यह अधिकार नहीं है कि पानी की बारी को डिसाइड करें क्योंकि यह अधिकार सिर्फ और सिर्फ सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है.

पढ़ें: छात्रसंघ लाठीचार्ज मामला: कलेक्ट्रेट के बाहर महापड़ाव जारी, माकपा ने आर-पार की लड़ाई का किया था ऐलान

उनके आदेशों के बाद ही नहरी के अध्यक्ष आगे कार्य करेंगे लेकिन यहां स्थिति यह है कि नहरी अध्यक्ष अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार फैल रहा है और आपसी द्वेष फैल रहा है. गांव वालों के बीच मनमुटाव भी हो रहे हैं. उन्होंने एक्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस एक्ट में साफ लिखा गया है कि पानी की बारी तय करने का अधिकार सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है ना कि जल उपयोक्ता के अध्यक्षों को. उन्होंने मुख्य अभियंता को चेतावनी भी दी कि अगर जल्द ही इस पर सुनवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा.

मुख्य अभियंता ने दिया कमेटी गठन करने का आश्वासन

वकीलों की इस मांग पर मुख्य अभियंता ने आश्वासन दिया है कि वे इसके लिए कमेटी का गठन करेंगे और उसके बाद तय किया जाएगा कि जो जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सही है या गलत, लेकिन जिस तरह से वकीलों ने चेतावनी दी है उसे देख लगता है कि मामला गंभीर है.

हनुमानगढ़. जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों पर अधिकार से बाहर कार्य करने के आरोप के चलते अधिवक्ताओं ने सिंचाई विभाग के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जो उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं उस पर रोक लगाई जाए, अन्यथा वे आंदोलन करेंगे.

जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों के खिलाफ अधिवक्ता लामबंद

बार संघ अध्यक्ष जितेंद्र सारस्वत के नेतृत्व में वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल सिंचाई विभाग के अधिकारी से मिला और उन्होंने मुख्य अभियंता को ज्ञापन देकर कहा कि जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं. उनके पास यह अधिकार नहीं है कि पानी की बारी को डिसाइड करें क्योंकि यह अधिकार सिर्फ और सिर्फ सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है.

पढ़ें: छात्रसंघ लाठीचार्ज मामला: कलेक्ट्रेट के बाहर महापड़ाव जारी, माकपा ने आर-पार की लड़ाई का किया था ऐलान

उनके आदेशों के बाद ही नहरी के अध्यक्ष आगे कार्य करेंगे लेकिन यहां स्थिति यह है कि नहरी अध्यक्ष अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार फैल रहा है और आपसी द्वेष फैल रहा है. गांव वालों के बीच मनमुटाव भी हो रहे हैं. उन्होंने एक्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस एक्ट में साफ लिखा गया है कि पानी की बारी तय करने का अधिकार सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है ना कि जल उपयोक्ता के अध्यक्षों को. उन्होंने मुख्य अभियंता को चेतावनी भी दी कि अगर जल्द ही इस पर सुनवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा.

मुख्य अभियंता ने दिया कमेटी गठन करने का आश्वासन

वकीलों की इस मांग पर मुख्य अभियंता ने आश्वासन दिया है कि वे इसके लिए कमेटी का गठन करेंगे और उसके बाद तय किया जाएगा कि जो जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सही है या गलत, लेकिन जिस तरह से वकीलों ने चेतावनी दी है उसे देख लगता है कि मामला गंभीर है.

Intro:जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्षों पर अधिकार से बाहर कार्य करने के आरोप के चलते अधिवक्ताओं ने सिंचाई विभाग के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जो उपयोगिता संगम के अध्यक्ष अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं उस पर रोक लगाई जाए नहीं तो वे आंदोलन करेंगे


Body:बार संघ अध्यक्ष जितेंद्र सारस्वत के नेतृत्व में वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल सिंचाई विभाग के अधिकारी से मिला और उन्होंने मुख्य अभियंता को ज्ञापन देकर कहा कि जल उपयोगिता संगम के अध्यक्ष अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं उनके पास यह अधिकार नहीं है कि पानी की बारी को डिसाइड करें क्योंकि यह अधिकार सिर्फ और सिर्फ सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है उनके आदेशों के बाद ही नेहरू के अध्यक्ष आगे कार्य करेंगे लेकिन यहां स्थिति यह है कि लहरी अध्यक्ष अपने अधिकारों से बाहर जाकर कार्य कर रहे हैं जिससे भ्रष्टाचार फैल रहा है आपसे द्वेष फैल रहा है गांव वालों के बीच मनमुटाव भी हो रहे हैं उन्होंने एक्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस एक्ट में साफ लिखा गया है कि पानी की बारी तय करने का अधिकार सिंचाई विभाग के अधिकारियों का है ना कि जल उपयोगिता के अध्यक्षों को उन्होंने मुख्य अभियंता को चेतावनी भी दी कि अगर जल्द ही इस पर सुनवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा

बाईट: जितेंद्र सारस्वत, अध्यक्ष बार संघ


Conclusion:वकीलों की इस मांग पर मुख्य अभियंता ने आश्वासन दिया है कि वे इसके लिए कमेटी का गठन करेंगे और उसके बाद तय किया जाएगा कि जो जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सही है या गलत लेकिन जिस तरह से वकीलों ने चेतावनी दी है उसे देख लगता है कि मामला गंभीर है क्योंकि कहीं ना कहीं एक्ट की पर्ची दिया या तो सिंचाई विभाग को नहीं पता या फिर इसमें कोई दूसरी कमी है
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