हनुमानगढ़. रावतसर तहसील के भैरूंसरी गांव के एक किसान परिवार की बेटियों ने इतिहास रच दिया है. किसान सहदेव सहारण की 3 बेटियां एक साथ आरएएस अफसर बनी हैं. तीनों छोटी बहनों ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा (RAS exam 2018) पास की है जबकि दो बड़ी बहन पहले ही आरएएस अधिकारी हैं. यह राजस्थान का पहला परिवार है, जिसकी पांच बेटियों ने आरएएस परीक्षा पास की है.
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सहदेव सहारण किसान हैं. मां लक्ष्मी देवी गृहिणी हैं. रितू सहारण पांचों बहनों में सबसे छोटी हैं. रितु ने आरएएस परीक्षा 2018 में 945वीं रैंक हासिल की है. अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में रितु को 96वीं रैंक मिली है.
सुमन सहारण ने आरएएस परीक्षा 2018 में 915वीं रैंक प्राप्त की है जबकि इन्हें ओबीसी श्रेणी में 98वीं रैंक मिली है. अंशु सहारण ने 349 रैंक हासिल किया है. इन्हें ओबीसी श्रेणी में 31वीं रैंक मिली है.
एक साथ आरएएस अफसर बनने वाली 3 बहनों की बड़ी बहन रोमा सहारण 2010 में आरएएस परीक्षा पास कर चुकी हैं. यह इनके परिवार में पहली आरएएस अधिकारी थीं. रोमा झुंझुनूं के सूरजगढ़ में बीडीओ हैं. जबकि दूसरी बहन मंजू सहारण ने आरएएस परीक्षा 2017 पास की थी. वे सहकारिता विभाग नोहर में सेवाएं दे रही हैं.
तीनों बहनों का यह दूसरा प्रयास था. तीनों ही अभी अविवाहित हैं. किसान सहदेव की पांचों बेटियों की इस सफलता ने भैरुंसरी गांव और हनुमानगढ़ जिले का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया है. इस सफलता ने बेटियों को कम समझने वालों को भी करारा जवाब दिया है.
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एक और दिलचस्प बात यह भी है कि आरएएस में चयनित किसान सहदेव की तीनों बेटियों रितु, अंशु और सुमन के नाम के पहले अक्षरों का मतलब भी आरएएस ही बनता है और उन्होंने अपने नाम के अनुरूप ही काम किया है. एक ही परिवार से अब तक 5 बेटियों की इस सफलता पर पूरे जिले में खुशी है.
हनुमानगढ़ की तीनों बेटियों के आरएएस बनने पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट करके बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि एक निम्न वर्गीय परिवार की इन पांचों बहनों ने अपनी लगन से तमाम बाधाओं को दूर करके लक्ष्य को हासिल करके दिखाया है.