डूंगरपुर. राज्य सरकार की ओर से ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 58 साल हो चुकी है उनकी मदद के लिए सरकार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन योजना चलाई जा रही है. इसमें महिला की उम्र 55 वर्ष और पुरुष की उम्र 58 वर्ष पूरी होने पर सरकार की ओर से नियमानुसार पेंशन देय है. बुजुर्ग अपना भरण-पोषण या गुजारा कर सके इसलिए यह योजना चलाई जा रही है. वृद्धावस्था पेंशन के लिए आधार, जनआधार और भामाशाह कार्ड जैसे दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जाता है और फिर आवेदन की जांच के बाद पेंशन मिलती है.
लेकिन इस प्रक्रिया के बावजूद कई लोग दस्तावेजों में हेरफेर कर पेंशन लेने में कामयाब हो जाते हैं. ऐसे ही मामले में डूंगरपुर जिले में उजागर हुए है जहां 40 से 50 साल के बीच के लोग भी पेंशन का लाभ ले रहे हैं. इन लोगों ने फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किये या करवाये जिससे वे पिछले कई सालों से पेंशन का लाभ ले रहे है. जिले के गामड़ी देवल, माडा, थाणा और छापी गांव में ऐसे कई मामले पाए गए हैं. डूंगरपुर जिले में 1 लाख 64 हजार वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थी है जिन्हें राज्य और केंद्र सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाती है.
डूंगरपुर में किस ब्लॉक से कितने वृद्धावस्था पेंशनधारी- |
आसपुर | 16998 | |
2. | बिछीवाड़ा | 18972 |
3. | चिखली | 11042 |
4. | दोवड़ा | 13684 |
5. | डूंगरपुर | 15414 |
6. | गलियाकोट | 13777 |
7. | झोथरी | 12312 |
8. | साबला | 16954 |
9. | सागवाड़ा | 25279 |
10. | सीमलवाड़ा | 16158 |
अब तक 8 मामले फर्जी मिले हैं-
जिले के गामड़ी देवल गांव में 8 लोगों के नाम सामने आए हैं जहां फर्जी तरीके से पेंशन का लाभ लोग ले रहे हैं. गामड़ी देवल निवासी गंगा खटीक (उम्र 53 साल), सीता पटेल (उम्र 40 साल), माया पटेल (उम्र 38 साल), बदी पटेल ( उम्र 42 वर्ष), शीला पटेल (उम्र 38 वर्ष), गंगा दला पटेल ( उम्र 53 वर्ष), गंगा वेला पटेल (उम्र 48 वर्ष) और हंतोक पटेल ( उम्र 43 वर्ष) है. लेकिन ये अपात्र होते हुए भी दस्तावेजों में हेरफेर कर वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठा रहे हैं.
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कलेक्टर-एसपी से शिकायत के बाद जांच शुरू-
जिले के गामड़ी देवल, माडा, थाणा और छापी गांव से कई लोगों ने फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरफेर कर युवाओं द्वारा वृद्धावस्था पेंशन उठाने के मामले की शिकायत कलेक्टर व एसपी से की गई. इसके बाद एसपी के निर्देश पर सदर थाने में अपात्र लाभार्थियों के साथ ही ई-मित्र संचालकों के खिलाफ मामले दर्ज कर जांच की जा रही है. इसमें पुलिस की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से पेंशन लाभार्थियों का रिकॉर्ड और आवेदन के समय दिए गए दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं जिसमें और भी कई खुलासे होने की संभावना है.
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आदिवासी जिले डूंगरपुर में अभी तक 4 पंचायतों में फर्जी पेंशन उठाने के मामले सामने आ चुके हैं. जानकारों का कहना है कि ऐसी हालत ज्यादातर गांवों की है जहां फर्जी तरके से लोग पेंशन का लाभ ले रहे हैं. अगर सभी गांवों में इस तरह से जांच की जाए तो सैकड़ों फर्जीधारी लोग सामने आएंगे. हालांकि, कुछ मामले संज्ञान में आने के बाद प्रशासन कार्रवाई में जुटा है ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही और ऐसे कई मामले निकलकर सामने आएंगे.