डूंगरपुर. देश की राजधानी दिल्ली में अब प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की नगर परिषद के जल संचय और जल संरक्षण के मॉडल का डंका बजेगा. दिल्ली सरकार के जलदाय और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन अपनी टीम के साथ डूंगरपुर पहुंचकर डूंगरपुर नगर परिषद के जल संचय और जल संरक्षण के मॉडल का जायजा लेते हुए उसका अध्ययन किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि डूंगरपुर नगरपरिषद का ये मॉडल काफी अच्छा है और अब दिल्ली सरकार भी इस मॉडल को लागू करेगी और जल संरक्षण का काम करेगी. डूंगरपुर नगरपरिषद के निवर्तमान सभापति केके गुप्ता ने अपने 5 साल के कार्यकाल में स्वच्छता, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और जल संचय को लेकर अनेकों नवाचार किए. इन्हीं नवाचारों की बदौलत डूंगरपुर शहर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है.
डूंगरपुर शहर में जल संचय को लेकर चरणबद्ध तरीके से कराए गए कार्यों और इन कार्यों से मिले परिणामों को देखकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी अभिभूत हुए थे और उन्होंने दिल्ली सरकार के जलदाय और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को 3 चीफ इंजीनियर के साथ डूंगरपुर नगर परिषद के जल संचय और जल संरक्षण के मॉडल के अध्ययन के लिए डूंगरपुर भेजा है.
वहीं, रविवार को दिल्ली सरकार के जलदाय और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन 3 चीफ इंजीनियर के साथ डूंगरपुर शहर में प्राचीन जल स्त्रोत की खुदाई और जीर्णोद्धार के बाद शहर में की जा रही जलापूर्ति को देखा और उसका अध्ययन किया. इसके साथ ही उन्होंने डूंगरपुर शहर में नगर परिषद की ओर से मकानों पर लगाए गए वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ड्राई हो चुके हैण्डपंप को पुनः रिचार्ज करने के सिस्टम को लगाने में आई लागत और उसके परिणामों को देखते हुए प्रोजेक्ट का अध्ययन किया.
मंत्री ने कहा कि डूंगरपुर नगर परिषद ने कम लागत में आमजन को जागरूक करते हुए जल संचय और जल संरक्षण की दिशा में बेहतरीन काम किया है. वो अब डिटेल रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौपेंगे और पूरा फीडबैक देंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही दिल्ली में इस मॉडल को लागू करते हुए दिल्ली सरकार जल संचय और जल संरक्षण की दिशा में काम करेगी.
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डूंगरपुर नगर परिषद के निवर्तमान सभापति के के गुप्ता ने कहा कि ये डूंगरपुर शहर के साथ प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है कि दिल्ली सरकार एक छोटे से शहर की इस पहल को लागू करने जा रही है.