डूंगरपुर. बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में नेशनल हाइवे 48 पर एक चलते ट्राला में अचानक आग लग गई. आग से ट्रालाका केबिन पूरी तरह से जल गया. गनीमत यह रही की ड्राइवर और उसका सहयोगी (खलासी) ने उसमें से कूदकर अपनी जान बचाई. जबकि ट्राला के पीछे भरे सोप स्टॉप पाउडर को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया लिया गया.
बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात के समय ये घटना हुई. एक ट्राला राजसमंद के कांकरोली से सोप स्टोन पाउडर भरकर गुजरात के मोरबी की ओर जा रहा था. रात करीब 9 बजे बाद ट्राला बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में नेशनल हाइवे 48 पर होटल नीलगिरी के पास पहुंचा. तभी ट्राला के केबिन में अचानक आग लग गई. केबिन से अचानक आग धधकने लगी. इसे देख ट्राला ड्राइवर अशरफ पुत्र गरीबा निवासी अलवर ने अपनी सूझबूझ से ट्राला को हाइवे के किनारे ले जाकर सर्विस लेन में खड़ा कर दिया. इसके बाद ड्राइवर और खलासी बरकत पुत्र रहमत निवासी अलवर केबिन से कूदकर अपनी जान बचाई. इसी बीच आग की लपटें काफी तेज हो गई.
नेशनल हाइवे पर आग की सूचना मिलते ही बिछीवाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और आग बुझाने में जुट गए. करीब आधे घंटे बाद डूंगरपुर नगर परिषद से फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया. लेकिन तब तक ट्राला का केबिन पूरी तरह से जल गया था. वहीं ट्राला के पीछे के हिस्से में सोप स्टोन का पाउडर भरा होने की वजह से कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. वही ट्राला के केबिन के साथ ही ड्राइवर के एटीएम कार्ड, लाइसेंस, गाड़ी की आरसी, उनके कपड़े समेत सभी सामान जल गया.
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