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Russsia Ukraine War: रूस बॉर्डर से 57 किमी दूर यूक्रेन के सूमी में फंसा डूंगरपुर के छात्र, 500 अन्य छात्र भी बंकर में...सरकार से गुहार - Dungarpur latest news

रूस और यूक्रेन के बीच जंग में फंसे भारत के विद्यार्थियों के सामने संकट खड़ा हो गया है. राजस्थान के भी काफी छात्र वहां फंसे हुए हैं. यूक्रेन के सूमी शहर में करीब 50 विद्यार्थी फंसे हैं. डूंगरपुर के छात्र (Students of Dungarpur strainded in Ukraine) ने वीडियो शेयर कर भारत सरकार से सभी को वहां से निकालने की गुहार लगाई है.

Students of Dungarpur strainded in Ukraine
बंकर में छिपे छात्र
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Published : Mar 3, 2022, 8:17 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 10:12 PM IST

डूंगरपुर. यूक्रेन पर रूस के बीच आज युद्ध को 7 दिन हो गए हैं. यूक्रेन में बमबारी के बीच हजारों भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं. ये छात्र बंकारों में छुपकर रह रहे हैं. भारतीय सरकार (Students of Dungarpur strainded in Ukraine) के अलर्ट के बावजूद ये छात्र बमबारी में फंसे होने से निकल नहीं पा रहे हैं. अब इन छात्रों के सामने खाने-पीने का संकट भी आ गया है. ये छात्र अब वीडियो बनाकर भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वतन वापस लौटाने की गुहार लगा रहे हैं.

यूक्रेन में राजस्थान के डूंगरपुर जिले से भी 250 से ज्यादा छात्र फंसे हुए हैं. अभी तक सिर्फ 10 स्टूडेंट ही अपने घर लौटे हैं. जबकि दूसरे छात्र यूक्रेन बॉर्डर, पोलैंड या हंगरी बॉर्डर पर आ गए हैं, लेकिन भारत वापसी का इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच यूक्रेन पर रूस के हमले और बमबारी बढ़ती जा रही है. बड़ी संख्या में डूंगरपुर समेत राजस्थान व भारतीय छात्र यूक्रेन के कीव, खारकीव, सूमी व अन्य इलाको में फंसे हैं. ये स्टूडेंट युक्रेन के अलग-अलग कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.

बंकर में छिपे छात्र

पढ़ें. Poonia on Ukraine Issue : सतीश पूनिया ने की यूक्रेन में फंसे राजस्थान के स्टूडेंट्स से वीडियो कॉल पर बात, दिया ये आश्वासन...

कीव में फंसे एक छात्र ध्रुव पंडित, कार्तिक अवाना ने वीडियो जारी कर बताया कि वह सूमी में अंडर ग्राउंड बंकर में छुपे हैं. इस इलाके में लगातार गोलीबारी, मिसाइल अटैक और बमबारी हो रही है. सूमी में जिस जगह वे फंसे हैं वहां से रूस का बॉर्डर सिर्फ 57 किलोमीटर है. जबकि पोलैंड, हंगरी का बॉर्डर जहां से भारतीय छात्रों को निकाला जा रहा है वह 1500 से 1800 किमी दूर है.

पढ़ें. यूक्रेन से लौटी शिवांगी ने बताए जमीनी हालात, कहा- आज तिरंगे की वजह से बची जान

युद्ध, बमबारी के बीच उस बॉर्डर तक जाना बहुत ही मुश्किल है. स्टूडेंट बताते हैं कि भारत सरकार सूमी व रूस बॉर्डर के आसपास फंसे स्टूडेंट को रूस के बॉर्डर से निकाले तो आसानी हो सकती है. स्टूडेंट ने बताया की इन बंकरो में राजस्थान के करीब 50 से ज्यादा छात्र हैं. जबकि देशभर के 500 से ज्यादा स्टूडेंट हैं. इन छात्रों ने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित निकालने की मांग की है.

आज सात छात्र यूक्रेन से डूंगरपुर लौटे
रूस के हमले के बाद यूक्रेन से भारतीय छात्रों के लौटने का क्रम बना हुआ है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले सात छात्र आज गुरुवार को डूंगरपुर पहुंचे. इससे पहले 12 छात्र डूंगरपुर आ चुके हैं. यूक्रेन के खारकीव में युद्ध के कारण सबसे खराब हालत हैं. रूस के सबसे नजदीकी शहर होने से रूस की बमबारी इसी इलाके में ज्यादा हो रही है. खारकीव में राजस्थान के कई स्टूडेंट अभी फंसे हुए हैं. इसमें से एक डूंगरपुर का मोहित कलाल गुरुवार शाम को अपने घर पहुंचा उसके साथ डूंगरपुर का ही ध्रुव व्यास, मन व्यास, नितिन कलाल, निकिता कलाल, निकिता पंवार व पवन पटेल भी अपने घर लौटे.

सुजानगढ़ की मुस्कान युक्रेन से घर पहुंची
सुजानगढ़ की बेटी मुस्कान अग्रवाल यूक्रेन अपने घर पंहुच गई है. मुस्कान ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है. मुस्कान युक्रेन के उज्जहोरोड़ नेशनल युनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. युद्ध के कारण वह वहीं फंस गई थी. मुस्कान के घर पंहूचने पर दादी मंजूदेवी और मां विनीता देवी अग्रवाल सहित परिजनों ने खुशी जताने के साथ उसका स्वागत किया. मुस्कान ने बताया कि वह मेडीकल की पढ़ाई के लिए वर्ष 2016 में युक्रेन गई थी. वर्तमान में उसका फाइनल ईयर चल रहा था.

डूंगरपुर. यूक्रेन पर रूस के बीच आज युद्ध को 7 दिन हो गए हैं. यूक्रेन में बमबारी के बीच हजारों भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं. ये छात्र बंकारों में छुपकर रह रहे हैं. भारतीय सरकार (Students of Dungarpur strainded in Ukraine) के अलर्ट के बावजूद ये छात्र बमबारी में फंसे होने से निकल नहीं पा रहे हैं. अब इन छात्रों के सामने खाने-पीने का संकट भी आ गया है. ये छात्र अब वीडियो बनाकर भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वतन वापस लौटाने की गुहार लगा रहे हैं.

यूक्रेन में राजस्थान के डूंगरपुर जिले से भी 250 से ज्यादा छात्र फंसे हुए हैं. अभी तक सिर्फ 10 स्टूडेंट ही अपने घर लौटे हैं. जबकि दूसरे छात्र यूक्रेन बॉर्डर, पोलैंड या हंगरी बॉर्डर पर आ गए हैं, लेकिन भारत वापसी का इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच यूक्रेन पर रूस के हमले और बमबारी बढ़ती जा रही है. बड़ी संख्या में डूंगरपुर समेत राजस्थान व भारतीय छात्र यूक्रेन के कीव, खारकीव, सूमी व अन्य इलाको में फंसे हैं. ये स्टूडेंट युक्रेन के अलग-अलग कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.

बंकर में छिपे छात्र

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कीव में फंसे एक छात्र ध्रुव पंडित, कार्तिक अवाना ने वीडियो जारी कर बताया कि वह सूमी में अंडर ग्राउंड बंकर में छुपे हैं. इस इलाके में लगातार गोलीबारी, मिसाइल अटैक और बमबारी हो रही है. सूमी में जिस जगह वे फंसे हैं वहां से रूस का बॉर्डर सिर्फ 57 किलोमीटर है. जबकि पोलैंड, हंगरी का बॉर्डर जहां से भारतीय छात्रों को निकाला जा रहा है वह 1500 से 1800 किमी दूर है.

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युद्ध, बमबारी के बीच उस बॉर्डर तक जाना बहुत ही मुश्किल है. स्टूडेंट बताते हैं कि भारत सरकार सूमी व रूस बॉर्डर के आसपास फंसे स्टूडेंट को रूस के बॉर्डर से निकाले तो आसानी हो सकती है. स्टूडेंट ने बताया की इन बंकरो में राजस्थान के करीब 50 से ज्यादा छात्र हैं. जबकि देशभर के 500 से ज्यादा स्टूडेंट हैं. इन छात्रों ने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित निकालने की मांग की है.

आज सात छात्र यूक्रेन से डूंगरपुर लौटे
रूस के हमले के बाद यूक्रेन से भारतीय छात्रों के लौटने का क्रम बना हुआ है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले सात छात्र आज गुरुवार को डूंगरपुर पहुंचे. इससे पहले 12 छात्र डूंगरपुर आ चुके हैं. यूक्रेन के खारकीव में युद्ध के कारण सबसे खराब हालत हैं. रूस के सबसे नजदीकी शहर होने से रूस की बमबारी इसी इलाके में ज्यादा हो रही है. खारकीव में राजस्थान के कई स्टूडेंट अभी फंसे हुए हैं. इसमें से एक डूंगरपुर का मोहित कलाल गुरुवार शाम को अपने घर पहुंचा उसके साथ डूंगरपुर का ही ध्रुव व्यास, मन व्यास, नितिन कलाल, निकिता कलाल, निकिता पंवार व पवन पटेल भी अपने घर लौटे.

सुजानगढ़ की मुस्कान युक्रेन से घर पहुंची
सुजानगढ़ की बेटी मुस्कान अग्रवाल यूक्रेन अपने घर पंहुच गई है. मुस्कान ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है. मुस्कान युक्रेन के उज्जहोरोड़ नेशनल युनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. युद्ध के कारण वह वहीं फंस गई थी. मुस्कान के घर पंहूचने पर दादी मंजूदेवी और मां विनीता देवी अग्रवाल सहित परिजनों ने खुशी जताने के साथ उसका स्वागत किया. मुस्कान ने बताया कि वह मेडीकल की पढ़ाई के लिए वर्ष 2016 में युक्रेन गई थी. वर्तमान में उसका फाइनल ईयर चल रहा था.

Last Updated : Mar 3, 2022, 10:12 PM IST
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