डूंगरपुर. शहर के दशहरा मैदान में गुरुवार को श्री रामकथा का आयोजन किया गया. श्री रामकथा में जैनाचार्य अनुभवसागर महाराज ने लोगों को कई विषयों पर ज्ञान की बातें बताईं.
श्रीराम कथा के तहत शहर के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे. जैनाचार्य ने बच्चों को कई उदाहरणों के माध्यम से शिक्षा और संस्कारों का पाठ पढ़ाया. आचार्य ने मनुष्य को सबसे बड़ा बुद्धिमान बताते हुए कहा कि मनुष्य की एक प्रवत्ति है कि वह कभी भी संतुष्ट नहीं होता है. वह हमेशा ही उसके पास जो नहीं है उसके लिए दुःखी रहता है.
जैनाचार्य ने स्वामी विवेकानंद का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जो स्वयं तकलीफ को सहन कर दूसरों को सुख देने की चाह करे वही सच्चा विवेकानंद है. उसके नाम का अर्थ ही है विवेक और आनंद. महाराज ने कहा कि जीवन में अगर विवेक नहीं है तो कष्ट आएंगे ही. आचार्य ने गाँधीजी के तीन बंदरो का जिक्र करते हुए कहा कि अब तो तीन बंदर बैठाने की जरूरत ही नहीं है. मोबाइल के आगे इंसान गूंगा, बहरा और अंधा हो गया है. उसे अपने परिवार, रिश्तेदार ओर समाज से कोई मतलब नहीं रह गया है.
महाराज ने बच्चों को अच्छी पढ़ाई कर माता-पिता, घर, परिवार, समाज, गांव का नाम रोशन करने की सीख दी. साथ ही बच्चों को हमेशा बड़ो का आदर, सत्कार करने के लिए प्रेरित किया.इस अवसर पर पूर्व जिला कलेक्टर चेतनराम देवड़ा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया, नगर सभपति केके गुप्ता ने आरती का आयोजन किया.