डूंगरपुर. कोटा जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद प्रदेशभर में बढ़ रही घटनाओं को लेकर राज्य सरकार की ओर से अस्पतालों के निरीक्षण के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है. शुक्रवार को यह स्पेशल टीम डूंगरपुर जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची. टीम ने अस्पताल के सभी वार्डों का निरीक्षण करते हुए मरीजों को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया. वहीं जांच के बाद टीम ने संतोष जताते हुए सेवाओं में बढ़ोतरी के निर्देश भी दिए हैं.
राज्य सरकार की ओर से नियुक्त नोडल ऑफिसर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जयपुर के परियोजना अधिकारी मोहनलाल सालोदिया शुक्रवार सुबह डूंगरपुर जिला अस्पताल पंहुचे. डॉ. सालोदिया ने सबसे पहले एमसीएच का निरीक्षण किया. उन्होंने एमसीएच के लेबर रूम, डिलेवरी वार्ड, ऑपरेशन थियेटर के साथ ही अतिकुपोषित बच्चों, शिशु वार्ड और एसएनसीयू वार्ड का भी निरीक्षण किया. इस दौरान डॉ. सालोदिया ने यहां डिलेवरी के आंकड़े खंगाले और बच्चों की मौत के बारे में भी जानकारी ली.
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इस निरीक्षण में सामने आया, कि सालभर में डिलेवरी के दौरान 166 बच्चों की मौत हुई है. जबकि 7 महिलाओं की प्रसव के दौरान मौत हुई है. उन्होंने अस्पताल में भर्ती महिलाओं से भी संवाद किया. जिसके बाद अस्पताल में मिल रही सुविधाओं पर सालोदिया ने संतोष जताया है. वहीं अतिकुपोषित वार्ड में बेड की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर निर्देश दिए.
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इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल वार्ड, लैबोरेट्री का भी निरीक्षण करते हुए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. कांतिलाल मेघवाल से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली. साथ ही अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार करने के निर्देश दिए हैं.