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डूंगरपुर में सरकारी नुमाइंदों की लापरवाही, पाठ्य पुस्तक मंडल के दफ्तर पर लटके मिले ताले - Dungarpur news

डूंगरपुर में कर्मचारियों द्वार सरकारी नियमों की अवहेलना करने का मामला सामने आया है. अफसरों की लापरवाही इस हद तक है कि दोपहर तक राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के दफ्तर में ताले लटके नजर आए. हालांकि अब प्रशासन मामले में जांच की बात कर रही है.

Dungarpur news , डूंगरपुर पाठ्य पुस्तक मंडल
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Published : Oct 7, 2019, 11:55 PM IST

डूंगरपुर. राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के दफ्तर में सोमवार को ऐसे हालात देखने को मिले, जहां दोपहर तक कार्यालय पर ताला लगा हुआ था. कार्यालय की एक चाबी गार्ड लेकर कहीं गायब था तो दूसरी चाबी प्रबंधक जशीला के पास थी.

डूंगरपुर में सरकारी नुमाइंदों की लापरवाही

बता दें कि एक संविदाकर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुबह 9 बजे मेन गेट पर ताला लगा होने के कारण बाउंड्री फांद कर परिसर में गार्ड के आने का इंतजार कर रहे थे. दोनों को बाहर बैठा देखकर रास्ते से गुजरने वाले लोगों ने उनसे कारण पूछा तो सारा मामला सामने आ गया. वहीं कुछ देर बाद दोपहर करीब एक बजे प्रबंधक कार से दफ्तर पहुंची तो बताया कि वो और गार्ड अवकाश पर है. लेकिन लिखित में अवकाश की जानकारी दफ्तर में होने की बात से इनकार कर दिया.

पढ़ेंः लापरवाही की हद : शिक्षा विभाग ने मृत प्रधानाचार्य का ही कर दिया तबादला

वहीं डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर संचालित दफ्तरों की यह हालात सरकारी कर्मचारियों के कामकाजी रवैये की बानगी मात्र है, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुड गवर्नेंस के सपने को काफी हद तक तोड़ने पर आमादा दिखाई पड़ती है. हालांकि दोपहर एक बजे दफ्तर के ताले खोले जाने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने जांच की बात कही है.

डूंगरपुर. राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के दफ्तर में सोमवार को ऐसे हालात देखने को मिले, जहां दोपहर तक कार्यालय पर ताला लगा हुआ था. कार्यालय की एक चाबी गार्ड लेकर कहीं गायब था तो दूसरी चाबी प्रबंधक जशीला के पास थी.

डूंगरपुर में सरकारी नुमाइंदों की लापरवाही

बता दें कि एक संविदाकर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुबह 9 बजे मेन गेट पर ताला लगा होने के कारण बाउंड्री फांद कर परिसर में गार्ड के आने का इंतजार कर रहे थे. दोनों को बाहर बैठा देखकर रास्ते से गुजरने वाले लोगों ने उनसे कारण पूछा तो सारा मामला सामने आ गया. वहीं कुछ देर बाद दोपहर करीब एक बजे प्रबंधक कार से दफ्तर पहुंची तो बताया कि वो और गार्ड अवकाश पर है. लेकिन लिखित में अवकाश की जानकारी दफ्तर में होने की बात से इनकार कर दिया.

पढ़ेंः लापरवाही की हद : शिक्षा विभाग ने मृत प्रधानाचार्य का ही कर दिया तबादला

वहीं डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर संचालित दफ्तरों की यह हालात सरकारी कर्मचारियों के कामकाजी रवैये की बानगी मात्र है, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुड गवर्नेंस के सपने को काफी हद तक तोड़ने पर आमादा दिखाई पड़ती है. हालांकि दोपहर एक बजे दफ्तर के ताले खोले जाने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने जांच की बात कही है.

Intro:डूंगरपुर। जिले में सरकारी कर्मचारियों में दफ्तर समय पर पहुँचने को लेकर सरकार के नियम ताक पर है, अफसरों की लापरवाही इस हद तक है कि दोपहर एक बजे तक दफ्तर के ताले ही नही खुले। हालांकि अब प्रशासन मामले में जांच की बात कर रहा है।Body: डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर संचालित राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के दफ्तर में सोमवार को ऐसे ही हालात देखने को मिले, जहाँ दोपहर एक बजे तक कार्यालय का ताला ही नही खुला था। कार्यालय की एक चाबी गार्ड लेकर कही गायब था तो दूसरी चाबी प्रबंधक जशीला के पास थी। एक संविदाकर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुबह 9 बजे से आ गए थे। दफ्तर के मैन गेट पर भी ताला लगा होने से वे बाउंड्री फांद कर परिसर में जाकर गार्ड के आने का इंतज़ार कर रहे थे।
मामले में दोनों कर्मचारी परिसर में बैठे हुए थे और दफ्तर खुलने का इंतजार कर रहे थे। दोनों को बाहर बैठा देखकर रास्ते से गुजरने वाले लोगो ने भी उनसे कारण पूछा तो सारा माजरा सामने आ गया। कुछ देर बाद करीब एक बजे प्रबंधक कार से दफ्तर पहुची तो बताया कि वे और गार्ड अवकाश पर है लेकिन लिखित में अवकाश की जानकारी दफ्तर में होने की बात से इनकार कर दिया। डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर संचालित दफ्तरों की यह हालात सरकारी कर्मचारियों के कामकाजी रवैये की बानगी मात्र है, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुड गवर्नेंस के सपने में काफी हद तक तोड़ने पर आमादा दिखाई पड़ती है। हालांकि दोपहर एक बजे दफ्तर के ताले खोले जाने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने जांच की बात कही है |

बाईट- रमेशचन्द्र कटारा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल डूंगरपुर।Conclusion:
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