डूंगरपुर. रूस के हमले के 6 दिन बाद पहली बार डूंगरपुर की 10 बेटियां (10 Student Arrived At Dungarpur) आज मंगलवार को अपने घर लौट आई. डूंगरपुर आते ही कलेक्टर समेत तमाम अधिकारियों और परिवार के लोगों ने उनका स्वागत किया. घर पहुंचते ही बेटियां माता-पिता से लिपट गई. बेटियों के साथ ही उनके परिजन बोले की भगवान ने उन्हें बचा लिया.
डूंगरपुर शहर समेत जिले के 250 से ज्यादा स्टूडेंट यूक्रेन के अलग-अलग कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन यूक्रेन में जारी जंग के चलते भारत के छात्र वहां पर फंस (Rajasthan Students Stranded In Ukraine) गए हैं. पोलैंड, हंगरी और दूसरे रास्तों से इन बच्चों को भारत लाया जा रहा है. इसमें पहली खेप में डूंगरपुर की 10 बेटियां आज अपने घर लौट आई. डूंगरपुर पहुंचते ही कलेक्ट्रेट पर इन बेटियों का स्वागत किया गया.
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एडीएम कृष्णपाल सिह समेत तमाम अधिकारियों ने बेटियों का स्वागत किया. वहीं यूक्रेन में हमले के बाद से डरे छात्र और उनके माता-पिता बच्चों को देखकर लिपट गए. दोनों के चेहरों पर मुस्कान साफ झलक रही थी. यूक्रेन से लौटी रिया व्यास, ईशा पंड्या, नंदिनी कलाल, नेहा पटेल ने कहा कि आज वे अपने घर आकर बहुत खुश है. यूक्रेन में बमबारी और गोलीबारी के बाद से डरे हुए थे. पिता धर्मेश व्यास, चिराग व्यास ने कहा की भगवान ने उनके बच्चों को बचा लिया. आज पहली बार में नंदिनी कलाल, नोशिन मकरानी, ईशा पंड्या, हिया दीक्षित, हितेश पंचाल, रिया व्यास, नेहा पटेल, प्रांजल जैन, खुश्बू जैन, भव्या जोशी अपने घर पहुंची गई.