डूंगरपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से लागू लॉकडाउन (Modified Lockdown In Rajasthan) के कारण डूंगरपुर रोडवेज को 2 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हुआ है. आखिरकार गुरुवार से एक बार फिर रोडवेज बसों (Roadways Bus) का संचालन शुरू हुआ, लेकिन पहले दिन सिर्फ 36 बसें चलीं और 40 से ज्यादा के चक्के अब भी थमे हुए हैं.
दरअसल, लॉकडाउन के कारण जिले में रोडवेज बसों का संचालन पिछले डेढ़ महीने से ठप था. भारी नुकसान के बाद गुरुवार से एक बार फिर रोडवेज बसें सड़कों पर दौड़ने लगीं. कोविड गाइडलाइन (Covid Guideline Rajasthan) का पालन करते हुए यहां से प्रदेश के अन्य जिलों में और पड़ोसी राज्य गुजरात के अलग-अलग रुटों पर 36 बसें शुरू की गई हैं.
रोडवेज के मुख्य प्रबंधक भंवरलाल जाट ने बताया कि लॉकडाउन में छूट के बाद 36 बसों का संचालन शुरू करने के बाद जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे बसों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. लॉकडाउन की वजह से हुए आर्थिक नुकसान को भी कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
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नवनिर्मित पशु विज्ञान केंद्र का हुआ लोकार्पण
जिले के सुलईखेड़ा गांव में नवनिर्मित पशु विज्ञान केंद्र का गुरुवार को लोकार्पण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) और राज्यपाल कलराज मिश्र (Rajasthan Governor Kalraj Mishra) ने वर्चुअल माध्यम से किया. कलेक्टर सुरेश कुमार ओला (Dungarpur Collector) सहित पशुपालन विभाग के अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कृषि और पशुपालन अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ हैं. कोरोना काल में भी कृषि और पशुपालन व्यवसाय ने ही अर्थव्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि कृषि और पशुपालन एक दूसरे के पूरक व्यवसाय हैं. ऐसे में कृषकों के साथ-साथ पशु पालकों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए.
कार्यक्रम में जोधपुर, झुंझुनू, चूरू और टोंक जिले के अंबिका नगर में भी पशु विज्ञान केंद्रों का लोकार्पण किया. इन केंद्रों के माध्यम से किसानों और पशु पालकों को जागरूक करने का काम किया जाएगा. बता दे कि आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में आधी से ज्यादा आबादी पशुपालन पर निर्भर है. यहां के पशु पालक गाय, भैस, बकरी और भेड़ का पालन करते हैं.