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स्पेशलः नकली घी बनाने वाली कंपनी का भंड़ाफोड़, ब्रांडेड स्टीकर लगाकर ठगी

डूंगरपुर में तेल और वनस्पति घी के साथ एसेंस मिलाकर नकली घी बनाने वाली एक कंपनी पर पुलिस ने छापा मारा है. व्यापारी भाई इसे असली देशी घी बताकर बाजार में बेचते थे.

Raid in Dungarpur, डूंगरपुर में नकली घी पर छापा
नकली घी पर छापा
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Published : Jan 2, 2020, 3:16 PM IST

डूंगरपुर. जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से गठित स्पेशल टीम की ओर से नकली घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया. दोनों व्यापारी भाई तेल और वनस्पति घी के साथ देशी घी की सुगंध वाला एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार करते थे. फिर असली देशी घी बताकर बाजार में बेचते थे. अब पुलिस मामले में जांच कर रही है.

नकली घी पर छापा

पुलिस ने पदमावती ट्रेडिंग कंपनी और उसके गोदाम से 1500 लीटर तैयार नकली घी जब्त किया है. यह घी एक नामी ब्रांडेड देशी घी कंपनी के हूबहू डिब्बों और पैकिंग में भरा गया था. जिसे लोगों को असली घी बताकर बेचा जाता था. इसके अलावा तेल के स्टिकर लगे 15-15 किलो के टिन में भी नकली घी भरा हुआ मिला. जब कोई खरीदार आता, तब टिन पर घी का स्टिकर लगाकर बेच देते.

पुलिस के अनुसार यह नकली घी पामोलिव ऑइल के साथ ही वनस्पति घी को मिलाकर गर्म किया जाता था. जिससे दोनों का सही मिश्रण हो जाये. इसके बाद इसमें देशी घी का एसेंस मिला दिया जाता था. फिर इस मिश्रण को घी के डिब्बों में भर दिया जाता था.

ये पढ़ेंः मायावती ने साधा निशाना, कहा- UP की तरह कोटा की मांओं से भी मिलें प्रियंका

व्यापारी ब्रांडेड कंपनी के स्टिकर लगे 15 लीटर, 1 लीटर और आधा लीटर के पैकिंग में घी भरकर तैयार कर लेते थे. इसके बाद उस ब्रांड के असली घी से 40-50 रुपये प्रति किलो कम रेट में बेचते थे. यह नकली घी 100 रुपये प्रति किलो के भाव से तैयार होता था, जबकि व्यापारी उसे असली बताकर 200 से 300 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचते थे. वहीं लोग भी कम रेट के घी के लालच में इसी नकली घी को खरीदते थे.

कई सालों से नकली घी का कारोबार

दोनों व्यापारी भाई निर्मल जैन और हर्ष जैन बरसों से नकली घी बनाने का काम करते थे. इससे पहले उनकी पुरानी दुकान मुख्य मार्ग पर ही विजयगंज कॉलोनी के पास थी, जहां भू-तल में नकली घी बनाने का कारोबार चलता था, लेकिन पिछले एक साल से दुकान पुलिस लाइन के सामने शुरू कर दी गई थी.

ये पढ़ेंः CM की संवेदनशीलता...लोकेश और बृजलाल का इलाज शुरू

बरामद हुआ ये सामान

50 लीटर घी से भरी चार नीले रंग की प्लास्टिक की कैन, एक केसरी रंग की प्लास्टिक की कैन, एक सिल्वर रंग की प्लास्टिक कैन, दो सूरज ब्रांड सरसों ऑयल के 15 लीटर के टीन, पांच अमूल डेयरी वाइटनर कैन, जिसमें 2 आधे पाउडर से भरे हुए और तीन खाली, मिल्क फूड घी के कर्टन, जिसमें 500 एमएल के पाउच थे.

45 जेमिनी वनस्पति घी के 15 लीटर के टिन, दो मैंगो वनस्पति के 15 लीटर के टिन, 25 तिरुपति सोयालाइट रिफाइंड सोयाबीन ऑइल का लेबल लगे 5 लीटर के टिन, 17 टिन मिल्क फूड घी के लेबल लगे 15 लीटर के टिन, 2 डिब्बे तिलम रिफाइन सोयाबीन ऑइल के लेबल लगे 15 लीटर के टिन, एक डिब्बा महक वनस्पति घी 15 लीटर, चार टिन 15 लीटर दीपक कंपनी आयल के देव इंटर प्राइजेज बी/ एच वेजिटेबल लिखा हुआ, एक ऑटो जब्त किया गया है.

डूंगरपुर. जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से गठित स्पेशल टीम की ओर से नकली घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया. दोनों व्यापारी भाई तेल और वनस्पति घी के साथ देशी घी की सुगंध वाला एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार करते थे. फिर असली देशी घी बताकर बाजार में बेचते थे. अब पुलिस मामले में जांच कर रही है.

नकली घी पर छापा

पुलिस ने पदमावती ट्रेडिंग कंपनी और उसके गोदाम से 1500 लीटर तैयार नकली घी जब्त किया है. यह घी एक नामी ब्रांडेड देशी घी कंपनी के हूबहू डिब्बों और पैकिंग में भरा गया था. जिसे लोगों को असली घी बताकर बेचा जाता था. इसके अलावा तेल के स्टिकर लगे 15-15 किलो के टिन में भी नकली घी भरा हुआ मिला. जब कोई खरीदार आता, तब टिन पर घी का स्टिकर लगाकर बेच देते.

पुलिस के अनुसार यह नकली घी पामोलिव ऑइल के साथ ही वनस्पति घी को मिलाकर गर्म किया जाता था. जिससे दोनों का सही मिश्रण हो जाये. इसके बाद इसमें देशी घी का एसेंस मिला दिया जाता था. फिर इस मिश्रण को घी के डिब्बों में भर दिया जाता था.

ये पढ़ेंः मायावती ने साधा निशाना, कहा- UP की तरह कोटा की मांओं से भी मिलें प्रियंका

व्यापारी ब्रांडेड कंपनी के स्टिकर लगे 15 लीटर, 1 लीटर और आधा लीटर के पैकिंग में घी भरकर तैयार कर लेते थे. इसके बाद उस ब्रांड के असली घी से 40-50 रुपये प्रति किलो कम रेट में बेचते थे. यह नकली घी 100 रुपये प्रति किलो के भाव से तैयार होता था, जबकि व्यापारी उसे असली बताकर 200 से 300 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचते थे. वहीं लोग भी कम रेट के घी के लालच में इसी नकली घी को खरीदते थे.

कई सालों से नकली घी का कारोबार

दोनों व्यापारी भाई निर्मल जैन और हर्ष जैन बरसों से नकली घी बनाने का काम करते थे. इससे पहले उनकी पुरानी दुकान मुख्य मार्ग पर ही विजयगंज कॉलोनी के पास थी, जहां भू-तल में नकली घी बनाने का कारोबार चलता था, लेकिन पिछले एक साल से दुकान पुलिस लाइन के सामने शुरू कर दी गई थी.

ये पढ़ेंः CM की संवेदनशीलता...लोकेश और बृजलाल का इलाज शुरू

बरामद हुआ ये सामान

50 लीटर घी से भरी चार नीले रंग की प्लास्टिक की कैन, एक केसरी रंग की प्लास्टिक की कैन, एक सिल्वर रंग की प्लास्टिक कैन, दो सूरज ब्रांड सरसों ऑयल के 15 लीटर के टीन, पांच अमूल डेयरी वाइटनर कैन, जिसमें 2 आधे पाउडर से भरे हुए और तीन खाली, मिल्क फूड घी के कर्टन, जिसमें 500 एमएल के पाउच थे.

45 जेमिनी वनस्पति घी के 15 लीटर के टिन, दो मैंगो वनस्पति के 15 लीटर के टिन, 25 तिरुपति सोयालाइट रिफाइंड सोयाबीन ऑइल का लेबल लगे 5 लीटर के टिन, 17 टिन मिल्क फूड घी के लेबल लगे 15 लीटर के टिन, 2 डिब्बे तिलम रिफाइन सोयाबीन ऑइल के लेबल लगे 15 लीटर के टिन, एक डिब्बा महक वनस्पति घी 15 लीटर, चार टिन 15 लीटर दीपक कंपनी आयल के देव इंटर प्राइजेज बी/ एच वेजिटेबल लिखा हुआ, एक ऑटो जब्त किया गया है.

Intro:डूंगरपुर। जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से गठित स्पेशल टीम की ओर से नकली घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद कई परते खुलती जा रही है। दोनों व्यापारी भाई तेल, वनस्पति घी के साथ देशी घी की सुगंध वाला एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार करते थे, फिर असली देशी घी बताकर बाजार में बेचते थे, लेकिन अब पुलिस मामले में जांच कर रही है।


Body:पुलिस ने मामले में पुलिस लाइन के सामने स्थित पदमावती ट्रेडिंग कंपनी और उसके गोदाम से 1500 लीटर तैयार नकली घी जब्त किया है। यह घी एक नामी ब्रांडेड देशी घी कंपनी के हूबहू डिब्बो व पैकिंग में भरा गया था और लोगों को असली घी बताकर बेचते थे। इसके अलावा तेल के स्टिकर लगे 15-15 किलो के टिन में भी नकली घी भरा हुआ था और जब कोई खरीदार आता तब उस पर घी का स्टिकर लगाकर बेच देते।
पुलिस के अनुसार यह नकली घी पामोलिव ऑइल के साथ ही वनस्पति घी को मिलाकर गर्म किया जाता था, ताकि दोनों का सही मिश्रण हो जाये। इसके बाद इसमें देशी घी का एसेंस मिला दिया जाता और फिर घी के डिब्बों में भर दिया जाता था। व्यापारी ब्रांडेड कंपनी के स्टिकर लगे 15 लीटर, 1 लीटर व आधा लीटर के पैकिंग में घी भरकर तैयार कर लेते थे। इसके बाद उस ब्रांड के असली घी से 40-50 रुपये प्रति किलो कम रेट में बेचते थे। यह नकली घी 100 रुपये प्रति किलो के भाव से तैयार होता था जबकि वयापारी उसे असली बताकर 200 से 300 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचते थे। वहीं लोग भी कम रेट के घी की लालच में इसी नकली घी को खरीदते थे।

- पिछले कई सालों से चल रहा था नकली घी का कारोबार
बताया जाता है दोनों व्यापारी भाई निर्मल जैन और हर्ष जैन बरसो से नकली घी बनाने का करते थे। इससे पहले उनकी पुरानी दुकान मुख्य मार्ग पर ही विजयगंज कॉलोनी के पास थी, जहां भूतल में नकली घी बनाने का कारोबार चलता था, लेकिन पिछले एक साल से दुकान पुलिस लाइन के सामने शुरू कर दी गई थी।

- यह हुआ बरामद
1. एक गैस चूल्हा
2. दो गैस सिलेंडर
3. दो इलेक्ट्रॉनिक कांटे
4. दो इलेक्ट्रॉनिक पैकिंग मशीन
5. एक ढक्कन पैकिंग मशीन
6. तीन खाली व एक आधे स ऊपर भरी हुई नंदी ब्रांड जीएचई फ्लू प्लास्टिक की शिशिया
7. 15 लीटर डिब्बों के 300 से ज्यादा ढक्कन
8. एक हीटिंग मशीन
9. चार नीले रंग की प्लास्टिक की कैन में 50 लीटर घी से भरी हुई
10. एक केसरी रंग की प्लास्टिक की कैन में 50 लीटर घी से भरी हुई
11. एक सिल्वर रंग की प्लास्टिक कैन में 50 लीटर घी से भरी हुई
12. दो सूरज ब्रांड सरसो आयल के 15 लीटर टीन
13. पांच अमूल डेयरी वाइटनर कैन जिसमे 2 आधे पाउडर से भरे हुए और तीन खाली
14. एक स्टील टंकी
15. नो मिल्क फ़ूड घी के कर्टन जिसमें 500 एमएल के पाउच भरे हुए थे
16. 45 जेमिनी वनस्पति घी के 15 लीटर के टिन
17. दो मैंगो वनस्पति के 15 लीटर के टिन
18. 25 तिरुपति सोयालाइट रिफाइंड सोयाबीन ऑइल का लेबल लगे 15 लीटर के टिन
19. 17 टिन मिल्क फ़ूड घी के लेबल लगे 15 लीटर के टिन
20. 2 डिब्बे तिलम रिफाइन सोयाबीन ऑइल के लेबल लगे 15 लीटर के टिन
21. एक डिब्बा महक वनस्पति घी 15 लीटर
22. चार टिन 15 लीटर दीपक कंपनी आयल के देव इंटर प्राइजेज बी/ एच वेजिटेबल लिखा हुआ
23. एक ऑटो जब्त किया गया है।

बाईट- रामजीलाल चंदेल, एएसपी डूंगरपुर।




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